यहोवा की सेवा में हर्ष पाना
ईश्वरीय उत्प्रेरणा से लिखते हुए, यशायाह ने परमेश्वर के लोगों के बारे में उचित रूप से भविष्यवाणी की, “मेरे दास हृदय की अच्छी स्थिति के कारण हर्ष से जयजयकार करेंगे।” (यशा. ६५:१४, NW) अनेक लोग शायद पूछेंगे, मैं कैसे हर्षित रह सकता हूँ जबकि एक व्यक्ति को हर दिन इतने सारे दबावों और समस्याओं का सामना करना पड़ता है? उन आर्थिक, भावात्मक और अन्य शारीरिक कठिनाइयों के अलावा, जिनका सामना हम शायद करें, मसीही उपासना और सेवा के दायित्व हैं। अनेक लोग सोचते हैं कि इन ज़िम्मेदारियों का और आधुनिक-दिन के जीवन के भार का सामना करने की कोशिश करते समय वे किस तरह आनन्दित रह सकते हैं।
२ यशायाह के उत्प्रेरित शब्दों ने कहा कि “हृदय की अच्छी स्थिति” हमारे जीवन में हर्ष प्रेरित करती है, क्या आपने इस पर ग़ौर किया? यह संसार के दर्शनशास्त्र के विपरीत है जो इस बात को बढ़ावा देता है कि हर्ष भौतिक सम्पत्ति, मनोरंजन या स्वतंत्रता पर निर्भर करता है। सच्चा हर्ष लाक्षणिक हृदय, या आंतरिक मनुष्य से आता है। हर्ष हमारी गतिविधियों, इच्छाओं, स्नेह और भावनाओं में प्रकट होता है। हर्ष क्या है? इसका वर्णन इस प्रकार किया गया है: “भलाई की प्राप्ति या प्रत्याशा से उत्तेजित होनेवाली भावना; आनन्द की स्थिति; उल्लास।” (इनसाइट [अंग्रेज़ी], खंड २, पृष्ठ ११९) क्या हमें जल्द आनेवाले नए संसार की भावात्मक उत्तेजना महसूस नहीं करनी चाहिए? लेकिन, आप पूछ सकते हैं, हमारे जीवन पर मानो लगातार हमला करनेवाली समस्याओं के बावजूद, अब हम किस तरह “आनन्द की स्थिति” पा सकते हैं?
३ जीवन की सभी समस्याओं को पूरी तरह मिटाना असम्भव है। सिर्फ़ नया संसार ही हमें समस्या-रहित जीवन जीने देगा। लेकिन अपने जीवन में हर्ष बढ़ाने के लिए हम कुछ क़दम उठा सकते हैं। आनन्दित लोगों के साथ संगति करना हमारा हर्ष बढ़ाता है। यहोवा का वर्णन “आनन्दित परमेश्वर” के तौर पर किया गया है। (१ तीमु. १:११, NW) क्या हम याकूब ४:८ के प्रोत्साहन का पालन करके अपना हर्ष बढ़ा सकते हैं? वहाँ कहा गया है, “परमेश्वर के निकट आओ, तो वह भी तुम्हारे निकट आएगा।” प्रार्थना, उसके वचन की पढ़ाई तथा निजी अध्ययन और उसकी इच्छा पूरी करने के द्वारा हम परमेश्वर के निकट आते हैं। यीशु को हर्ष इसी से मिला। उसने अपने पिता की इच्छा पूरी करने की तुलना एक मज़ेदार भोजन का आनन्द लेने से की। (यूह. ४:३४) क्या आप समान तरीक़े से अपना हर्ष बढ़ा सकते हैं?
४ अप्रैल, अधिक हर्ष का समय: सभी कलीसियाएँ अप्रैल को हर्षमय आध्यात्मिक गतिविधि का एक महीना बनाने की योजना बना रही हैं। हमारे कार्य के तीन पहलुओं पर ख़ास ज़ोर दिया जाएगा। (१) हम सभी को सहयोगी पायनियर कार्य के बारे में गम्भीरता से सोचने का प्रोत्साहन देते हैं; (२) नए बाइबल अध्ययन आरंभ करने के लक्ष्य पर ज़ोर दिया जाएगा; और (३) आपको एक ख़ास पत्रिका दिन में भाग लेने का प्रोत्साहन दिया जाता है जहाँ ख़ास तौर पर सड़क कार्य किया जाएगा। शायद आपने सेवकाई के इन पहलुओं में भाग लेने के हर्ष का अनुभव कभी किया नहीं है। इन प्रबंधों को हार्दिक समर्थन देने के द्वारा अप्रैल के दौरान अपना हर्ष बढ़ाने की योजना अभी बनाइए।
५ सहयोगी पायनियर कार्य. इस गतिविधि को अपने बस के बाहर कहने से पहले, आपके जीवन में इसके द्वारा आनेवाले हर्ष पर ग़ौर कीजिए। जब यीशु के शिष्य सुसमाचार के प्रचार में लगे थे, तब उनके द्वारा अनुभव की गयी हर्ष की भावना पर एक पल के लिए मनन कीजिए। इस कार्य में भाग लेनेवाले पहले कुछ लोग उल्लास के साथ यीशु के पास लौटे। ‘वे सत्तर आनन्द से फिर आए।’ (लूका १०:१७) अपनी वाक्पटुता के बारे में आशंका के बिना वे सीखी हुई सच्चाइयों की घोषणा करने के लिए निकले। यीशु से सीखी हुई अच्छी बातों से उनके हृदय भरे हुए थे और वे दूसरों को ये बातें बताने के लिए उत्सुक थे। अप्रिय अनुभवों और जिनसे बात की गयी उन में दिलचस्पी की कमी ने, उनके हर्ष को कम नहीं किया। परमेश्वर की सेवा करने के इस तरीक़े के प्रति उनकी अच्छी मानसिक प्रवृत्ति से उनका हर्ष क़ायम रखा गया, क्योंकि वे जानते थे कि वे परमेश्वर का मन आनन्दित कर रहे हैं।—नीति. २७:११.
६ परमेश्वर के वचन की अच्छी बातों की जन उद्घोषणा एक व्यक्ति से दूसरों को प्रोत्साहक और जीवन बचानेवाली बातें उदारता से देने की माँग करती है। यह आनन्द लाती है क्योंकि दूसरों को अच्छी चीज़ें देने में आनन्द है। मसीही सेवकाई के बारे में बात करते समय प्रेरित पौलुस ने यही सिद्धांत बताया था। “मैं ने तुम्हें सब कुछ करके दिखाया, कि इस रीति से परिश्रम करते हुए निर्बलों को सम्भालना, और प्रभु यीशु की बातें स्मरण रखना अवश्य है, कि उस ने आप ही कहा है; ‘लेने से अधिक आनन्द देने में है।’” (प्रेरितों २०:३५, NW) जिस तरह पौलुस और उसके साथियों को सीखी हुई अच्छी बातों को दूसरों को सिखाने में हर्ष मिला, उसी तरह आज यहोवा परमेश्वर की सेवा करनेवाले वही प्रोत्साहक कार्य करने में हर्ष पा सकते हैं अगर वे वही मानसिक प्रवृत्ति क़ायम रखें।
७ अप्रैल के दौरान अधिक क्षेत्र कार्य करने से क्या आप अपना हर्ष बढ़ाने की योजना बना सकते हैं? अपने मन को नकारात्मक बातों पर रहने मत दीजिए। उदाहरण के लिए: हमारे क्षेत्र में पहले ही अच्छी तरह कार्य किया जा चुका है और प्रतिक्रिया इतनी प्रोत्साहक नहीं है; मुझे अपना कुछ खाली समय और शायद विश्राम को त्यागना पड़ेगा; मुझे अपनी समय-सारिणी में आत्म-बलिदान करनेवाले समायोजन करने पड़ें। जी हाँ, ऐसी गतिविधि को कम करने की ज़रूरत पड़ेगी जो आपकी आध्यात्मिक ख़ैरियत के लिए अनावश्यक है। लेकिन नकारात्मक बातों पर विचार करते रहने के बजाय, अधिक क्षेत्र कार्य से मिलनेवाले हर्ष पर विचार कीजिए। याद रखिए कि हर्ष “हृदय की अच्छी स्थिति के कारण” आता है। (यशा. ६५:१४, NW) यह जानना कि आप दूसरों की ख़ातिर और यहोवा को प्रसन्न करने के लिए यत्न कर रहे हैं आपके लाक्षणिक हृदय में गहरे सन्तोष की भावना लाता है जिससे आपके जीवन में हर्ष फैलेगा।
८ वे बातें जो आपने परमेश्वर के वचन से सीखी हैं उन्हें दूसरों को बताने की अपनी योग्यता में कमी महसूस करके अप्रैल में सहायक पायनियर कार्य करने से पीछे मत हटिए। ऐसा करने से आप एक ऐसी मानसिक प्रवृत्ति विकसित होने देते हैं जो उसकी सेवा में आपके हर्ष को चुरा सकता है। बात करने की अपनी योग्यता की तुलना बात करने में एक कुशल मसीही भाई की योग्यता से मत कीजिए। इसके बजाय, सेवकाई में मिलनेवाले ऐसे लोगों से इसकी तुलना कीजिए जो मसीही होने का दावा करते हैं लेकिन दूसरों को परमेश्वर की सच्चाई बता नहीं सकते और बताते नहीं। अपनी योग्यता को इस्तेमाल कीजिए और इसे सुधारने की कोशिश कीजिए। याद रखिए कि परमेश्वर ने अपने उद्देश्यों की घोषणा करने के लिए संसार के ज्ञानवानों या बड़े धार्मिक वक्ताओं को नहीं चुना। लेकिन उसने नम्र लोगों को चुना जिन में ख़ास वाक्पटुता नहीं है। (१ कुरि. १:२६-२९) यीशु के दिनों में, सेवकाई में से इतना अधिक हर्ष पाए हुए उसके शिष्य मछुए जैसे सामान्य लोग थे। सही मानसिक प्रवृत्ति रखने से, यहोवा की सेवा करने का हर्ष आपका हो सकता है।
९ अब आप कौनसे क़दम उठा सकते हैं? पहला, ईमानदारी से और प्रार्थनापूर्वक अपने हालातों का विश्लेषण कीजिए। अगर आप एक मसीही परिवार के भाग हैं, तो आप यह एक साथ करना चाहेंगे और पति या पिता अगुआई करेगा। यह आपको सबसे कठिन क़दम लग सकता है। राज्य हितों को पहला स्थान देने की दृष्टि से अपनी जीवन-शैली पर पुनर्विचार करने के लिए साहस लगता है। परमेश्वर के प्रति अपनी सेवा बढ़ाने के वास्ते, अनावश्यक, लेकिन आनन्ददायक गतिविधियों को काटने के लिए आध्यात्मिक धैर्य लगता है। परमेश्वर की सेवा करने के लिए समायोजन करने की तत्परता हर्ष से पुरस्कृत की जाती है। सक्रिय रीति से यहोवा की सेवा करने के एक अवसर का पूरा लाभ लेने का परिणाम १ इतिहास २९:९ में अभिलिखित है। “तब लोग अपनी अपनी इच्छा से भेंट देकर आनन्दित हुए, क्योंकि उन्होंने पूर्ण मन से यहोवा के लिए अपनी अपनी इच्छा से भेंट दी थी; और स्वयं दाऊद राजा भी बहुत ही आनन्दित हुआ।” (NW) अप्रैल के दौरान यहोवा का हर्ष अनुभव करने की योजना बनाइए।
१० अप्रैल में कलीसिया को ख़ास क्षेत्र सेवा प्रबंध करना चाहिए, जिसमें संध्या गवाही कार्य और सप्ताह के बीच में गवाही कार्य सम्मिलित है। क्षेत्र सेवा की इन सभाओं में आपकी उपस्थिति दूसरों के लिए प्रोत्साहन होगी। अगर क्षेत्र सेवा प्रबंध के समय आपकी समय-सारिणी के अनुकूल नहीं हैं, तो प्राचीनों के साथ बात कीजिए और दूसरों को शायद उस समय आपका साथ देने के लिए प्रबंध करना संभव हो सकता है जब आप क्षेत्र सेवा के लिए उपलब्ध हैं।
११ अपनी हालातों पर ईमानदार और प्रार्थनामय विचार करने के बाद, अगर आप पाते हैं कि एक सहयोगी पायनियर की हैसियत से ६० घंटे बिताना आपके लिए संभव नहीं है, तो निरुत्साहित मत हो जाइए। दूसरों को पायनियर कार्य करने का प्रोत्साहन देने और फिर व्यावहारिक तरीक़ों से उनका समर्थन करने के द्वारा महीने के उत्साह में भाग लीजिए। शायद आप अपनी गतिविधि कम-से-कम थोड़ी बढ़ा सकते हैं और इस प्रकार एक अच्छा उदाहरण रख सकते हैं। यहोवा ऐसी सेवा से प्रसन्न होता है जो पूर्ण हृदय से प्रेरित होती है। अनेकों के शारीरिक या अन्य सीमाबंधन हैं जो उन्हें उतना करने नहीं देते जितना कि वे करना चाहते हैं। फिर भी ऐसे व्यक्ति यह जानने से सन्तोष पा सकते हैं कि उन्होंने यहोवा को पूरे मन से कर्त्तव्यनिष्ठापूर्वक सेवा करने के कारण आनन्दित किया है।
१२ एक बाइबल अध्ययन आरंभ करना अधिक हर्ष लाता है। जबकि राज्य के सुसमाचार का प्रचार करने की नियुक्ति का पालन करना हर्ष लाता है, शिष्य बनानेवालों को अधिक हर्ष मिलता है। (मत्ती २४:१४; २८:१९, २०) जब यीशु ने चेले बनने के लिए दूसरों को सिखाने की अब मशहूर आज्ञा दी, वह पाँच सौ पुरुषों, स्त्रियों और बच्चों से बात कर रहा था। वही ज़िम्मेदारी आज मसीही शिष्यों की बड़ी भीड़ पर है।
१३ इससे हमारे प्रचार पर कैसा असर होना चाहिए? यह दर-दर और सार्वजनिक रूप से प्रचार करने के एक मुख्य कारण की क़दर करने के लिए हमारी मदद करता है। संसार के आनेवाले अंत की चेतावनी देने के अलावा, हमारा लक्ष्य है भेड़-समान व्यक्तियों को ढूँढना और उन्हें यह सिखाना कि जो मसीह के आज्ञाकारी शिष्य बनते हैं उनके लिए सकारात्मक आशा है। परमेश्वर के साथ एक सहकर्मी बनना और यहोवा का एक सक्रिय सेवक बनने तक एक व्यक्ति को आध्यात्मिक रूप से बढ़ते हुए देखना कितनी हर्ष की बात है।—१ कुरि. ३:६-९.
१४ अगर हम नाममात्र सेवा से संतुष्ट हैं तो ऐसा हर्ष कभी अनुभव नहीं कर सकते। नाममात्र सेवा यहोवा द्वारा स्वीकृत नहीं है। यह एक ऐसे हृदय से नहीं आती जो उसके प्रति स्नेही रूप से समर्पित है, न ही यह अपने पड़ोसी में स्नेही दिलचस्पी प्रकट करती है। नाममात्र सेवा दो तरीक़ों से प्रकट होती है। एक व्यक्ति को अपनी सेवकाई में बहुत कम हर्ष मिलता है और इसलिए अल्पतम सेवा से संतुष्ट रहता है और दिलचस्पी विकसित करने की इच्छा प्रदर्शित नहीं करता है। ऐसी मनोवृत्ति १ तीमुथियुस २:३, ४ में पौलुस द्वारा अभिलिखित शब्दों की सीधी विषमता में है, “यह हमारे उद्धारकर्त्ता परमेश्वर को अच्छा लगता, और भाता भी है। वह यह चाहता है, कि सब मनुष्यों का उद्धार हो; और वे सत्य को भली भांति पहचान लें।”
१५ दूसरों को उद्धार पाने के वास्ते सच्चाई का ज्ञान प्राप्त करने के लिए हम उनकी मदद करने से यहोवा की इच्छा के अनुरूप कार्य करना चाहते हैं, यह प्रदर्शित करने के लिए हम अप्रैल के दौरान क्या कर सकते हैं? एक बाइबल अध्ययन शुरू करने का लक्ष्य रखिए! उन व्यक्तियों के बारे में सोचिए जिनके साथ आपने पहले से ही सच्चाई को बाँटा है, अर्थात् कार्यस्थल में, स्कूल में, पड़ोसियों, रिश्तेदारों और अन्य जनों को। उनके साथ एक बाइबल अध्ययन शुरू करने के लक्ष्य की ओर क्या आपने असल में कार्य किया है या क्या आप मज़ेदार वार्तालाप करने में ही संतुष्ट रहे हैं? एक गृह बाइबल अध्ययन संचालित करना एक शिष्य बनाने की दृष्टि से सच्चाई सिखाने का सबसे प्रभावकारी तरीक़ा है।
१६ किस तरह हम दर-दर कार्य में भाग लेते समय इस लक्ष्य को ध्यान में रख सकते हैं? अपनी प्रार्थनाओं में यहोवा को बताइए कि आपको भेड़-समान व्यक्तियों को पाने की सच्ची इच्छा है और एक बाइबल अध्ययन संचालित करने के द्वारा इन्हें सच्चाई का यथार्थ ज्ञान पाने में मदद करने की तत्परता है। दिलचस्पी दिखानेवालों पर पुनःभेंट कीजिए, चाहे आपने कोई साहित्य दिया हो या नहीं। अपनी पुनःभेंट के लिए प्रारंभिक भेंट पर निश्चित रूप से एक ठोस बुनियाद डालिए, जैसे एक सवाल जिसका जवाब नहीं दिया गया। अगर संभव हो, तो पुनःभेंट कुछ दिनों के भीतर ही कीजिए, सप्ताहों बाद नहीं। पुनःभेंट करने और बाइबल अध्ययन आरंभ करने में सफल व्यक्तियों से मदद माँगिए। यहोवा की आशिष के लिए माँगते रहिए।—मत्ती ७:७-११.
१७ एक ख़ास पत्रिका दिन का हर्ष। पूरे भारत में शनिवार, अप्रैल १६, १९९४ एक ख़ास पत्रिका दिन होगा, जिसमें सड़क कार्य पर ख़ास ज़ोर दिया जाएगा। आपके प्राचीन आपकी कलीसिया के लिए प्रबंधों की घोषणा करेंगे। यह कार्य का व्यस्त दिन होगा और सुबह, दोपहर और शाम के लिए क्षेत्र सेवा के लिए सभाएँ आयोजित की जाएँगी। अगर यह व्यावहारिक है तो इन में से कम-से-कम एक समूह, शायद सुबह का समूह, पूरी कलीसिया का कार्य हो सकता है जहाँ कलीसिया के सभी जनों को एक ही स्थल पर आमंत्रित किया जाता है। अगर कलीसिया के सभी जन इस ख़ास दिन पर क्षेत्र में कुछ समय बिताएँ तो इसका परिणाम क्या ही हर्ष होगा।
१८ प्राचीन इस ख़ास दिन पर सड़क कार्य के लिए ख़ास प्रबंध करेंगे। वे कलीसियाएँ जिनके पास सड़क कार्य के लिए सीमित क्षेत्र हैं, लोग जमा होनेवाले क्षेत्रों में गवाही करने की योजना बना सकते हैं जैसे बाग़, समुद्र किनारे या आपके क्षेत्र के ऐसे भाग जहाँ यदा-कदा गवाही दी जाती है। व्यवहार-कुशलता से लोगों को मिलिए और बहस मत कीजिए। हम से रोमियों १२:१८ में कहा गया है: “जहां तक हो सके, तुम अपने भरसक सब मनुष्यों के साथ मेल मिलाप रखो।”
१९ सड़क कार्य करते समय क्या हर्ष क़ायम रखा जा सकता है? अगर सेवा के इस पहलू के बारे में आपको कुछ संकोच या “डर” है, तो यह सामान्य है। सार्वजनिक क्षेत्रों में लोगों के पास जाकर प्रचार करने के लिए यहोवा पर विश्वास और भरोसा लगता है। यह क़दम उठाने के लिए आपको शायद संकोच हो, लेकिन एक बार कोशिश करने के बाद, यह जानने से हर्ष मिलता है कि यहोवा ने उसकी इच्छा पूरी करने के लिए आपको शक्ति और साहस दिया है। फिलिप्पियों ४:१३ में अभिलिखित शब्दों से हम सांत्वना पा सकते हैं, जहाँ कहा गया है, “जो मुझे सामर्थ देता है उस में मैं सब कुछ कर सकता हूं।”
२० अप्रैल के दौरान अपना हर्ष बढ़ाइए: अप्रैल आपके लिए एक ऐसा महीना साबित हो जब आप अपने जीवन में यशायाह ६५:१४ के शब्दों की बड़ी पूर्ति देखें, “मेरे दास हृदय की अच्छी स्थिति के कारण हर्ष से जयजयकार करेंगे।” (NW) आप उस हर्ष का अनुभव कर सकते हैं अगर आप उन में से एक हैं जो आज सृष्टिकर्ता की सेवा करना चाहते हैं, जो उसे अनन्य भक्ति देना चाहते हैं, जो ऐसा कार्य करना चाहते हैं जिससे वह प्रसन्न हो और उसका अनुमोदन तथा जीवन की उसकी देन पाना चाहते हैं। यहोवा को, अपनी आत्मा के ज़रिये, आप में हृदय की अच्छी स्थिति विकसित करने दीजिए जो उसके लोगों का चिह्न है। उसके उपदेशों को स्वीकार करने के लिए अपना हृदय खोलिए। इन्हें उसकी सेवा के प्रति आप में सही मानसिक प्रवृत्ति विकसित करने दीजिए। उसके वचन के सुसमाचार और जीवन परिवर्तन करनेवाली सच्चाइयों को वह विशिष्ट हर्ष विकसित करने के लिए आपको प्रेरित करने दीजिए जो विश्व के महान् परमेश्वर की सेवा करने में ही पाया जा सकता है।