अपनी सेवकाई में बहुमुखी बनिए
यह कहा गया है कि जीने का मज़ा विविधता में है। अक़सर, एक विषय पर बात शुरू करने का अलग सा तरीक़ा उसे और ज़्यादा रोचक बना सकता है। यह हमारी सेवकाई के संबंध में भी सच है। अगर हम सावधान नहीं हैं, तो हमारी घर-घर की प्रस्तुति आसानी से घिसी-पिटी बन सकती है। बार-बार उन्हीं प्रस्तावनाओं को दोहराना दोनों गृहस्थ और हमारे लिए थकाऊ बन सकता है। इसलिए, अपनी सेवकाई में बहुमुखी बनिए। पर आप इसे कैसे पूरा कर सकते हैं?
२ ऐसा कुछ कहने के बजाय, ‘नमस्ते। हम राज्य के सुसमाचार के साथ अपने पड़ोसियों से भेंट कर रहे हैं,’ क्यों न अपने आरंभिक शब्दों को बदलने के तरीक़े ढूँढ़ें? प्रस्तावनाओं के विषय में रीज़निंग किताब में जानकारी का भण्डार है। पृष्ठ ९-१५ पर, १८ विभिन्न विषयों पर प्रस्तावनाएँ हैं। और अधिकांश विषयों के लिए दो, तीन, या अधिक संभव प्रस्तावनाएँ हैं।
३ अगर आप “हमारी समस्याएँ—उन्हें हल करने में कौन हमारी मदद करेगा?,” ब्रोशर इस्तेमाल कर रहे हैं, तो पृष्ठ १३ पर “जीवन/ख़ुशी” भाग से यह प्रस्तावना सहायक हो सकती है:
▪ “हम उन लोगों से बात कर रहे हैं जो आज के जीवन के दरजे के विषय में सचमुच चिंतित हैं। अनेक जन सोचते हैं, क्या सचमुच ख़ुश और समस्या-रहित जीवन मुमकिन है? यह ब्रोशर एक प्रोत्साहक और विचार-उत्तेजक दृष्टिकोण देता है।” ब्रोशर के पृष्ठ १८ को खोलिए, और “एक नयी दुनिया—कितनी अलग?” भाग से एक या दो विशिष्टताओं को पढ़िए।
४ कुछेक राज्य प्रकाशकों ने—ख़ास तौर पर कमसिन और नए जनों ने, लेकिन पुराने जनों ने भी—पाया है कि ट्रैक्टों के ज़रिये दरवाज़े पर एक दिलचस्प प्रस्तावना अपनायी जा सकती है।
एक युवा प्रकाशक शायद “एक शांतिपूर्ण नए संसार में जीवन” ट्रैक्ट को इस्तेमाल करके कह सकता है:
▪ “मेरे पास आप के लिए एक संक्षिप्त संदेश है कि कैसे परमेश्वर इस पृथ्वी पर शांति और ख़ुशी लाएगा। मैं आपको यह ट्रैक्ट देना चाहता हूँ जिसका शीर्षक है एक शांतिपूर्ण नए संसार में जीवन।” गृहस्थ की प्रतिक्रिया के आधार पर, युवा व्यक्ति के साथ कार्य कर रहा पुराना प्रकाशक फिर तै कर सकता है कि उसे अतिरिक्त विचार या टिप्पणी करनी चाहिए या नहीं।
५ अगर गृहस्थ दिलचस्पी दिखाता है, तो पुराना प्रकाशक शायद कहेगा:
▪ “बाइबल भविष्य के लिए एक अद्भुत आशा देती है, यह दिखाते हुए कि जल्द ही विश्व भर में शांति स्थापित की जाएगी। चूँकि परमेश्वर विश्वमंडल और उसमें की सभी चीज़ों का सृष्टिकर्ता है, क्या आप इस बात से सहमत नहीं होंगे कि वह मनुष्यजाति में इतनी तो दिलचस्पी रखता ही होगा कि उन समस्याओं को ठीक करना चाहेगा जिनका हम आज सामना करते हैं? भविष्य के लिए बाइबल के वादे पर मैं आपकी राय सुनना चाहता हूँ।” फिर भजन ३७:९-११, २९ पढ़िए।
६ अगर आप सर्वदा जीवित रहना किताब प्रस्तुत करते हैं, तो क्यों न पृष्ठ १५६ से १६२ पर चित्रित की गयी भविष्य की सकारात्मक दृष्टि को विशिष्ट करें। चित्रों के पास दिए गए बाइबल के हवालों की तरफ़ ध्यान आकर्षित कीजिए। गृहस्थ से पूछिए कि इस बात पर विश्वास करना कि परमेश्वर इन वादों को पूरा करेगा यथार्थवादी है या नहीं। पूरी हुईं बाइबल भविष्यवाणियों के एक संक्षिप्त विचार-विमर्श को इस बात पर गृहस्थ के भरोसे को बल प्रदान करना चाहिए कि परमेश्वर में मानवजाति को आशिष देने की योग्यता है।
७ सभी राज्य उद्घोषक बढ़ते हुए ईश्वरशासित हितों में, जहाँ संभव हो वहाँ सच्चाई के बीज लगाने में और दिखायी गयी दिलचस्पी को विकसित करने में हिस्सा लेना चाहते हैं। अपना कर्तव्य पूरा करने पर, हम कोई भी भावी वृद्धि को ख़ुशी-ख़ुशी यहोवा के हाथों में छोड़ सकते हैं। अपने पड़ोसियों के साथ बाँटने के लिए हमारे पास सबसे बढ़िया समाचार है। हमेशा तैयार रहने से, हम राज्य संदेश प्रस्तुत करने में बहुमुखी और कौनसा प्रकाशन पेश करने के चुनाव करने में विवेकी हो सकते हैं।