सर्वदा जीवित रहना पुस्तक में दिलचस्पी विकसित कीजिए
जब हम उनके घरों पर जाते हैं, तो हम सामान्यतः पाते हैं कि लोग ‘संसार की चिन्ताओं’ में लौलीन हैं। (मर. ४:१९) हम विचारोत्पादक प्रस्तुति द्वारा उनकी दिलचस्पी को आकर्षित करने की चुनौती का सामना करते हैं। शुरूआत में, अधिकतर लोगों को हमारे संदेश में शायद थोड़ी दिलचस्पी हो। यदि हम ऐसा कुछ कह सकते हैं जो उनके जीवन को प्रभावित करेगा, तो हम राज्य संदेश में कुछ दिलचस्पी जगाने में शायद समर्थ हों। सर्वदा जीवित रहना पुस्तक से आकर्षक बातचीत के मुद्दों को चुनना वार्तालाप शुरू करने की कुंजी है। आप क्या कह सकते हैं?
२ आप शायद यह तरीक़ा इस्तेमाल कर सकते हैं:
▪“यदि आपके पास शक्ति होती, तो हमारे दिन की कौन-सी दुःखद समस्या को आप सुधारते? [प्रतिक्रिया के लिए रुकिए, और यदि उपयुक्त हो तो, सहमत होइए कि अनेक लोग ऐसा ही महसूस करते हैं।] आज तक, विश्व नेता आज की पेचीदा समस्याओं के हल पाने में कम सफल प्रतीत हो रहे हैं। लेकिन एक व्यक्ति है जो मानवजाति को उत्पीड़ित करनेवाली सभी समस्याओं का अन्त कर सकता है और करेगा। कृपया भजन १४५:१६ में बतायी गयी बातों पर ध्यान दीजिए। [शास्त्रवचन पढ़िए, और पृष्ठ ११-१३ पर दिए गए चित्रों की ओर संकेत कीजिए।] पृष्ठ १४ पर अनुच्छेद १४ वह सवाल खड़ा करता है जिसकी चर्चा हम ने अभी-अभी की और आगे पूछता है: ‘लेकिन यह कब घटित होगा?’” समझाइए कि यह पुस्तक उस सवाल का जवाब देगी, और उसे २० रुपए के चंदे में प्रस्तुत कीजिए।
३ या आप ऐसा कुछ कह सकते हैं:
▪“संभवतः आप एक प्रियजन को मृत्यु में खो देने के कारण जो ख़ालीपन महसूस होता है उसे जानते हैं। संभव है कि इससे आपने दुःखी और काफ़ी असहाय महसूस किया होगा। आपने शायद इन सवालों पर विचार किया होगा: [पृष्ठ ७६ पर अनुच्छेद १ में दिए गए सवालों को पढ़िए।] क्या इन सवालों का जवाब पाना सांत्वनादायक नहीं होगा? यह जानकर आप शायद प्रोत्साहित हों कि जो लोग मर गए हैं उनके लिए बाइबल एक निश्चित आशा प्रस्तुत करती है। [यूह. ५:२८, २९ पढ़िए।] यह पुस्तक हमें मृतकों की स्थिति और भविष्य के लिए कौन-सी आशा है उसके बारे में समझने में सहायता करती है।” अध्याय ८ और २० का संक्षिप्त उल्लेख कीजिए। गृहस्वामी को पुस्तक को जाँचने का अवसर दीजिए और पुस्तक प्रस्तुत कीजिए।
४ इसकी संभावना ज़्यादा है कि अनौपचारिक गवाही देने के लिए अवसर आपके सामने आएँगे। यदि ऐसा हो, तो आप शायद अपने शब्दों में ऐसा कुछ कह सकते हैं:
▪“इन दिनों संसार समस्याओं से भरा हुआ है, और निःसंदेह आपके पास अपनी समस्याएँ हैं। दुःख की बात है, ऐसा प्रतीत होता है कि निष्कपट जन सबसे ज़्यादा दुःख उठाते हैं। क्या आप सोचते हैं कि परमेश्वर सारे दुःखों का कभी अन्त करेगा? [प्रतिक्रिया के लिए रुकिए।] मैं दिखाना चाहता हूँ कि जो लोग परमेश्वर की सेवा करते हैं उनके लिए वह क्या करने की प्रतिज्ञा करता है। [भजन ३७:४० पढ़िए और फिर सर्वदा जीवित रहना पुस्तक का पृष्ठ ९९ खोलिए।] यह पुस्तक समझाती है कि परमेश्वर ने दुष्टता की अनुमति क्यों दी है और वह इसे कैसे अन्त करेगा।”
५ यदि आप कम उम्र के प्रकाशक हैं, तो आप पृष्ठ १५६-८ पर दिए गए चित्रों पर आधारित एक प्रस्तुति इस्तेमाल कर सकते हैं। आप शायद यह पूछ कर आरम्भ कर सकते हैं:
▪“क्या आप एक ऐसे संसार में जीना पसंद करेंगे? [प्रतिक्रिया के लिए रुकिए।] इन में से प्रत्येक ख़ूबसूरत चित्र परमेश्वर के वचन बाइबल में दी गई एक प्रतिज्ञा पर आधारित है। [शास्त्रवचन दिखाइए।] यह पुस्तक आपको इस संपूर्ण पृथ्वी को परादीस बना देने की परमेश्वर की प्रतिज्ञा के बारे में ज़्यादा सीखने की सहायता कर सकती है। इसमें जीवन-रक्षक जानकारी है और इसे पढ़ने में समय व्यतीत करने योग्य है।—यूह. १७:३.
६ इस पुस्तक को पेश करते वक़्त सकारात्मक और उत्साही रहिए। इसमें दिलचस्पी विकसित कीजिए और हमारी बढ़िया राज्य आशा को बाँटिए।