उन्हें “फिर दोबारा सुनने” के लिए मदद कीजिए
“हम इसके बारे में तुझ से फिर दोबारा सुनेंगे।” (प्रेरि. १७:३२, NW) अरियुपगुस में पौलुस के प्रसिद्ध भाषण के प्रति कुछ लोगों की प्रतिक्रिया इस प्रकार थी। उसी तरह आज भी, कुछ लोग उस राज्य संदेश के बारे में ज़्यादा सुनने के लिए इच्छुक हैं जिसके बारे में हमने हमारी प्रारम्भिक भेंट में उनको बताया था।
२ हम अधिकांश शिक्षा तब देते हैं जब हम दिलचस्पी को विकसित करने के लिए लौटते हैं। अच्छी तैयारी सकारात्मक परिणाम पाने में हमारी मदद करेगी। पृष्ठ ५१ पर स्कूल गाइडबुक (अंग्रेज़ी) सलाह देती है: “पहले विषय का समर्थन करनेवाले तर्कों को मन में स्पष्ट कर लीजिए। प्रस्तुत किए गए तर्कों के कारण समझने की कोशिश कीजिए। देखिए कि क्या आप उन विचारों को अपने शब्दों में कह सकते हैं। शास्त्रीय प्रमाणों की अच्छी समझ प्राप्त कीजिए। शास्त्रवचनों को प्रभावकारी रीति से लागू करने के लिए तैयार रहिए।”
३ यदि आपने “बाइबल—परमेश्वर का वचन या मनुष्य का वचन?” पुस्तक दी है, तो आप शायद इस प्रकार कुछ कह सकते हैं:
▪“पिछली बार जब हमने बात की थी, तब हमने कारणों की चर्चा की थी कि बाइबल में हम क्यों विश्वास कर सकते हैं। वह पुस्तक जो मैंने आपके पास छोड़ी थी यह प्रश्न खड़ा करती है, ‘बाइबल क्यों पढ़ें?’ [पृष्ठ ५ पर प्रस्तावना पढ़िए, और अन्तिम सवाल के जवाब के लिए रुकिए।] बाइबल हमें बताती है कि बहुत जल्द ख़ुद परमेश्वर समस्त मानवजाति की जटिल समस्याओं को हल करेगा, और उस ख़ुशी के समय की आशिषों का आनन्द उठाने के लिए जिस मार्ग पर हमें जाना है उस पर वह हमें मार्गदर्शित करती है। [भजन ११९:१०५ पढ़िए।] यह पुस्तक बाइबल के व्यक्तिगत और पारिवारिक अध्ययन के लिए एक सहायक के रूप में रची गयी है। इसे कैसे इस्तेमाल करना है यह आपको दिखाने में मुझे ख़ुशी होगी।”
४ ऐसी भेंटों में जहाँ आपने “क्यों आप बाइबल पर विश्वास कर सकते हैं” ट्रैक्ट छोड़ा है, आप यह कह सकते हैं:
▪“भविष्य में क्या होनेवाला है उसके बारे में हम सभी दिलचस्पी रखते हैं। संसार की वर्तमान परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए, आपके विचार से क्या होगा? [प्रतिक्रिया के लिए रुकिए।] जबकि मनुष्य केवल अनुमान ही लगा सकता है कि क्या होनेवाला है, परमेश्वर ठीक-ठीक जानता है कि क्या होगा। [यशायाह ४६:१० पढ़िए।] यह जानकर आप शायद चकित हों कि बाइबल भविष्यवाणी करती है कि जल्द ही हम एक परादीस नए संसार की आशिषों का आनन्द उठाएँगे। [पृष्ठ ४ पर तीसरा अनुच्छेद पढ़िए।] आपको इस अद्भुत प्रतिज्ञा के बारे में मुझे अधिक बताने दीजिए।”
५ यदि आपने एक पुस्तक या एक ब्रोशर जैसे “हमारी समस्याएँ” ब्रोशर दिया है और पुनःभेंट कर रहे हैं, तो शायद यह सुझाव आपके लिए प्रभावकारी हो:
▪“हाल ही में, मैंने आपके पास एक बाइबल-आधारित प्रकाशन छोड़ा था, और मैंने लौटकर उसका सर्वोत्तम इस्तेमाल करने के लिए आपकी मदद करने का वादा किया था। दूसरों के साथ दोस्ताना सम्बन्ध बनाए रखना हमारी अनेक समस्याओं का हल है। ये कैसे किया जा सकता है उसके बारे में बाइबल अच्छी सलाह पेश करती है, और न्यू वर्ल्ड ट्रांस्लेशन हमें जिस जानकारी की ज़रूरत है उसे पाना आसान बनाती है। [पृष्ठ १५९५ खोलिए और “प्रेम” शीर्षक के नीचे देखिए। पहला कुरिन्थियों १३:४; कुलुस्सियों ३:१४; और १ पतरस ४:८ जैसे शास्त्रवचनों की ओर ध्यान आकर्षित कीजिए। संक्षिप्त में समझाइए कि कैसे इन सिद्धान्तों को लागू करने से उत्तम परिणाम मिल सकते हैं।] यह एक उदाहरण है जो दिखाता है कि कैसे बाइबल हमारी समस्याओं के लिए व्यावहारिक हल पेश करती है। अगली बार, मैं ख़ुशी और मन की शांति पाने में हमारी मदद करने का बाइबल का एक और तरीक़ा दिखाना चाहूँगा।”
६ परमेश्वर के वचन के यथार्थ ज्ञान से बढ़कर कोई बड़ा ख़ज़ाना नहीं है जो हम दूसरों को दे सकते हैं। ऐसा ज्ञान यहोवा का भय सिखा सकता है और लोगों को उसके मार्ग में चलने के लिए प्रोत्साहित कर सकता है। यह अनन्त आशिषें लाता है।—नीति. २:२०, २१.