दूसरों के लिए लिहाज़ दिखाइए—भाग १
हम यहोवा के लोगों की समृद्धि देखकर हर्षित होते हैं, जो कलीसियाओं की बढ़ती हुई संख्या में परिणित हुआ है। कुछ शहरों में कई कलीसियाओं को एक ही राज्यगृह इस्तेमाल करना पड़ता है। ऐसी स्थिति सम्मिलित सब लोगों की ओर से अतिरिक्त लिहाज़ की माँग करती है।
२ राज्यगृह को इस्तेमाल करनेवाली हर कलीसिया को, उसके बाद आनेवाले भाइयों के लिए इसे साफ़ और व्यवस्थित छोड़ना चाहिए। कुर्सियों को सुव्यवस्थित रखना चाहिए, काउन्टर पर पड़े हुए किसी भी साहित्य को उसके उपयुक्त स्थान पर रखना चाहिए, और राज्यगृह में यहाँ-वहाँ पड़ी हुईं कोई भी व्यक्तिगत वस्तुएँ इकट्ठी की जानी चाहिए। शौचालयों को साफ़-सुथरा छोड़ा जाना चाहिए, यह निश्चित करते हुए कि साबुन, तौलिया, और अन्य चीज़ें फिर से रखी गयी हैं और कूड़ेदान खाली किए गए हैं। ऐसा करना तब भी अच्छा होगा जब सिर्फ़ एक ही कलीसिया राज्यगृह इस्तेमाल करती है। अनेक कलीसियाएँ अधिकांश साफ़-सफ़ाई सभाओं के बाद करना पसन्द करती हैं, जिससे कि अगली सभा के पहले सिर्फ़ थोड़ा-बहुत झाड़ू लगाना और धूल झाड़ना ही शेष रह जाता है। वे इसे सभा के पहले अधिकांश सफ़ाई करने से बेहतर पाती हैं क्योंकि पूरी तरह से गृह की सफ़ाई करने और सभा शुरू होने के कम-से-कम बीस मिनट पहले उसे प्रदर्शनीय बनाने के लिए सब जन पर्याप्त रूप से जल्दी नहीं आ सकते। इसके अतिरिक्त, उपस्थित जन ख़ुद भी साफ़-सुथरे दिखना चाहते हैं, ख़ासकर यदि वे कार्यक्रम में भाग ले रहे हों। इसलिए वे सभा से पहले पूर्ण सफ़ाई करने में शामिल होने को शायद प्रवृत्त न हों।
३ साथ ही, यदि दूसरी कलीसिया की सभा जल्द ही शुरू होना निर्धारित हो तो पहली सभा के बाद जो रह जाते हैं, उन्हें बेवजह विलम्ब नहीं करना चाहिए, और इस तरह अगली सभा की तैयारी में बाधा नहीं डालनी चाहिए। लम्बी मैत्रीपूर्ण बातचीत शायद लॉबी में ज़्यादा भीड़-भाड़ में परिणित हो सकती है और अगली सभा के लिए कार्यों को व्यवस्थित करने में भाइयों को देर करा सकता है। कुछ मामलों में राज्यगृह के आस-पास पार्किंग क्षेत्र सीमित हो सकता है, और उचित समय पर जाना कृपा का कार्य होगा ताकि आनेवालों को पार्क करने के लिए जगह मिले। दूसरी तरफ़, अगली सभा में उपस्थित होनेवालों को बहुत जल्दी नहीं आना चाहिए, जिसके कारण लॉबी या क्लोकरूम और पार्किंग क्षेत्र में बेवजह भीड़-भाड़ उत्पन्न होती है।
४ जहाँ अनेक कलीसियाएँ सम्मिलित हैं, वहाँ राज्यगृह की साप्ताहिक सफ़ाई के लिए प्रबन्ध करने में घनिष्ठ सहकारिता की ख़ास ज़रूरत है। सामान्यतः, कलीसियाएँ निर्धारित समय के लिए बारी-बारी से सफ़ाई करती हैं। जब आपकी कलीसिया को यह ज़िम्मेदारी मिलती है, तब निश्चित कीजिए कि सफ़ाई पूरी तरह और तत्परता से की जाती है। सभागृह को इस्तेमाल करनेवाली दूसरी कलीसियाओं को तब शिकायत की कोई वजह नहीं होगी।
५ कभी-कभार हर कलीसिया को अपनी सभा के समय को बदलने की ज़रूरत होती है, जैसे कि जब सर्किट ओवरसियर भेंट करता है। यदि दूसरी कलीसिया प्रभावित होती है, तो प्राचीनों को उस दूसरी कलीसिया को काफ़ी पहले सूचित कर देना चाहिए ताकि वे अपने प्रकाशकों को जितनी जल्दी संभव हो जानकारी दे सकते हैं। साथ ही, यदि कोई प्राधिकृत गतिविधि, जैसे पायनियर सेवा स्कूल, सर्किट के प्राचीनों की सभा, या एक विवाह निर्धारित किया गया है, तो प्रभावित होनेवाली दूसरी कलीसियाएँ या कोई भी सर्किट ओवरसियरों से काफ़ी पहले परामर्श ले लेना चाहिए; इस प्रकार वे एक ही वक़्त पर राज्यगृह का इस्तेमाल करना निर्धारित नहीं करेंगे।
६ दूसरों के लिए प्रेममय लिहाज़, अच्छा संचार, पूर्वयोजना, और सहकारिता कलीसियाओं को आपस में एक स्नेही सम्बन्ध बनाए रखने में मदद करेगा और यह निश्चित करेगा कि “सारी बातें सभ्यता और क्रमानुसार” हों।—१ कुरि. १४:४०.