बेथेल सेवा—अधिक स्वयंसेवकों की ज़रूरत है
हम उस महान कार्य को देखकर रोमांचित होते हैं जो यहोवा इन अन्तिम दिनों में कर रहा है। भजन ११०:३ सूचित करता है कि इस समय के दौरान परमेश्वर के लोगों का एक उल्लेखनीय गुण होगा, राज्य सेवा में एक सक्रिय भाग लेने के लिए उनकी स्वेच्छा। पूरी पृथ्वी में यहोवा के लोग राज्य का सुसमाचार प्रचार करने में ख़ुद को लगा रहे हैं। उद्घोषक (अंग्रेज़ी) पुस्तक, पृष्ठ २९५ पर कहती है: “कुछ लोग विश्वव्यापी बेथेल परिवार के सदस्यों के रूप में सेवा करते हैं। यह पूर्ण-समय सेवकों का एक कर्मचारी-वर्ग है जिन्होंने बाइबल साहित्य तैयार करने और प्रकाशित करने, आवश्यक दफ़्तरी कार्य सम्भालने, और ऐसे कार्यों के लिए सहायक सेवाओं को प्रदान करने में उन्हें जो कुछ नियुक्त किया जाता है, उसे करने के लिए स्वेच्छापूर्वक ख़ुद को दिया है। यह ऐसा कार्य नहीं है जिससे वे व्यक्तिगत प्रमुखता या भौतिक सम्पत्ति प्राप्त करते हैं। यहोवा का सम्मान करना उनकी अभिलाषा है, और भोजन, आवास, तथा व्यक्तिगत ख़र्च के लिए एक सीमित भत्ते के रूप में उनके लिए जो प्रबन्ध किया जाता है उससे वे संतुष्ट हैं।” अगर आप बेथेल गए हैं, तो आप वहाँ किए जा रहे कार्य से कुछ हद तक पहले से ही परिचित हैं। बहरहाल, सेवा के इस अनोखे विशेषाधिकार के प्रति आपके मूल्यांकन को बढ़ाने के लिए और साथ ही संस्था की ज़रूरतों से आपको अवगत कराने के लिए हम अतिरिक्त जानकारी प्रदान करना चाहते हैं।
२ बेथेल सेवा और उसकी समृद्ध पृष्ठभूमि के महत्त्व को और अच्छी तरह समझने के लिए, आइए हम यहोवा के संगठन के—कुछ प्राचीन और कुछ आधुनिक—इतिहास पर पुनर्विचार करें। कुछ १९ सालों तक, वॉच टावर संस्था का मुख्यालय ५६-६० आर्च स्ट्रीट, ऐलिघॆनी, पॆन्सिल्वेनिया में एक चार-मंजिला ईंट की इमारत में था। उसे बाइबल हाऊस कहा जाता था। लेकिन, १९०८ तक, बाइबल हाऊस परिवार, या संस्था के मुख्यालय का कर्मचारी-वर्ग बढ़कर ३० सदस्यों से भी ज़्यादा हो गया। यह विस्तार करने का समय था। ईश्वरीय मार्गदर्शन माँगने के बाद, भाइयों ने फ़ैसला किया कि इस कार्य के लिए ब्रुकलिन सबसे उपयुक्त केंद्र होगा। सो संस्था के दफ़्तर और एक सभा-भवन बनाने के लिए ब्रुकलिन में १३-१७ हिक्स् स्ट्रीट में एक इमारत ख़रीदी गयी। ये दफ़्तर जनवरी ३१, १९०९ में खोले गए, लेकिन इस हिक्स् स्ट्रीट इमारत में कोई आवास-व्यवस्था नहीं थी। शुरूआत में, ऐसा सोचा गया कि आवास सुविधाएँ किराये पर ली जा सकती हैं। लेकिन, ब्रुकलिन हाइट्स क्षेत्र में कोई भी निवास किराये पर उपलब्ध नहीं थे। अंततः, जैसे बातें घटित हुईं, हमारे भाई १२४ कोलम्बिया हाइट्स में एक चार-मंजिला भूरे-पत्थर की इमारत को, जो हॆन्री वार्ड बीचर का पूर्व निवास था, “किफ़ायती दाम” में ख़रीदने में समर्थ हुए, जिससे उन्हें आश्चर्य और ख़ुशी हुई। साथ ही, १२६ कोलम्बिया हाइट्स भी उपलब्ध हो गया। मार्च १, १९०९ की प्रहरीदुर्ग (अंग्रेज़ी) ने ख़ुशी-ख़ुशी घोषणा की: “इस नए घर को हम बेथेल कहेंगे,” जिसने पिट्सबर्ग पद “बाइबल हाऊस” की जगह ले ली। सो अप्रैल १९०९ में, बेथेल के दरवाज़े खुल गए, और वह परिवार अपने नए घर में आ गया। ब्रुकलिन बेथेल इसी स्थान में ८६ सालों से रहा है।
३ क्या बेथेल संस्था के मुख्यालय के लिए एक उपयुक्त नाम था? इस नाम के बाइबलीय उद्गम और इसके सम्बन्धों पर ग़ौर कीजिए। ३,७०० से भी ज़्यादा साल पहले, उत्पत्ति अध्याय २८, ७७-साल के अविवाहित याक़ूब का अनुभव बयान करता है। याक़ूब पवित्र वस्तुओं की क़दर करता था, लेकिन उसका जुड़वाँ भाई, एसाव, उससे नफ़रत करता था। अपने पिता, इसहाक के मार्गदर्शन के अनुसार, याक़ूब बेर्शेबा से भाग गया और उत्तर की ओर इब्राहीम के रिश्तेदारों के देश की ओर गया, जिनके बीच से याक़ूब ने एक पत्नी लेने की ठानी। कुछ १०० किलोमीटर सफ़र करने के बाद, याक़ूब रात में आराम करने के लिए यहूदा की पहाड़ियों में लूज नामक स्थान में रुक गया। उत्पत्ति २८:१०-१९ में हम उस बात के मनोहर विवरण पढ़ते हैं कि कैसे यहोवा ने याक़ूब को ईश्वरीय सहारे का पूरा आश्वासन दिया। एक स्वप्न में, याक़ूब ने पृथ्वी से स्वर्ग तक जानेवाली एक सीढ़ी देखी। स्वर्गदूत उस पर चढ़ने-उतरने में व्यस्त थे, और यहोवा उसके ऊपर खड़ा था। फिर यहोवा ने बात की, और इस बात की पुष्टि की कि एक वंश के बारे में इब्राहीम से की गयी प्रतिज्ञा याक़ूब को दी जा रही थी और कि यहोवा उसे नहीं छोड़ेगा। आध्यात्मिक रूप से प्रवृत्त याक़ूब के लिए क्या ही भय-प्रेरक अनुभव! क्या इसमें कोई ताज्जुब है कि यह जगह उसकी नज़रों में एक बहुत ही ख़ास जगह बन गयी? उसके लिए यह जगह “परमेश्वर का भवन,” या इब्रानी भाषा में, बॆथएल थी, बॆथ का अर्थ है “भवन” और एल का अर्थ है “परमेश्वर।”—उत्प. २८:१९, NW, फुटनोट।
४ अतः, बेथेल इस नाम की एक समृद्ध ऐतिहासिक पृष्ठभूमि है और यह नाम यहोवा के लोगों के विश्व मुख्यालय के लिए उपयुक्त है। आज परमेश्वर के सेवकों को ईश्वरीय रूप से प्रेरित स्वप्न नहीं आते। बेथेल से स्वर्ग तक सीढ़ियों से चढ़ते-उतरते स्वर्गदूत नहीं दिखते। भाइयों को दर्शन नहीं प्राप्त हो रहे हैं या सीधे परमेश्वर की आवाज़ नहीं सुन रहे हैं। फिर भी, जब आप उन सभी बातों पर ग़ौर करते हैं जो बेथेल में गत ८६ सालों में, भाई रस्सल के समय से अब तक हुई हैं, इसमें कोई शक नहीं कि यहोवा का हाथ बेथेल में अपने अभिषिक्त सेवकों के, अर्थात् इब्राहीम के आत्मिक वंश के भाग के साथ रहा है। यहोवा के आधुनिक-दिन के साक्षियों के इतिहास में इतनी सारी उल्लेखनीय घटनाएँ ब्रुकलिन बेथेल से नज़दीकी से जुड़ी हुई हैं! कुछ विशेषताओं पर ग़ौर कीजिए:
▪ अक्तूबर २, १९१४ के दिन, जैसे ही भाई रस्सल ने भोजन-कक्ष में क़दम रखा, उन्होंने बिलकुल सही घोषणा की: ‘अन्यजातियों का समय समाप्त हुआ; उनके राजाओं का दिन जाता रहा।’
▪ १९२० के दशक के शुरू में, प्रातःकालीन उपासना के दौरान, संस्था के सम्पादकीय-वर्ग के एक सदस्य ने अभिव्यक्ति “परमेश्वर का संगठन” इस्तेमाल की। इस बात ने उनके सोच-विचार को इतना प्रेरित किया कि १९२५ तक भाई यह देख सके कि दो विभिन्न और विरोधी संगठन हैं, यहोवा का और शैतान का।—E-w८५ ३/१५ पृ. १०.
▪ १९३१ में एक दिन सुबह के समय, कोलम्बस, ओहायो के अधिवेशन के कुछ ही समय पहले, संस्था के अध्यक्ष, भाई रदरफर्ड ने समझ लिया कि नाम यहोवा के साक्षी परमेश्वर के लोगों का और जो काम वे पहले से ही कर रहे थे, उसका सचमुच वर्णन करता है, और कि उनकी पहचान उसके साक्षियों के रूप में की जानी चाहिए।—E-yb७५ पृ. १५१.
▪ १९३५ के प्रारम्भ में, “बड़ी भीड़,” या “बड़ा समूह” कौन है इसके बारे में सवाल उठाए गए थे। (प्रका. ७:९; KJ, अंग्रेज़ी) उस समय अपने आपको व्यक्त करनेवालों में से कुछ लोगों ने सुझाया कि वे एक पार्थिव वर्ग थे। मई ३१, १९३५ के दिन, वॉशिंगटन, डी.सी. के अधिवेशन में एक संतोषजनक व्याख्या दी गयी।—E-jv पृ. १६६.
५ ये कुछ उदाहरण दिखाते हैं कि कैसे यहोवा ने अपनी पवित्र आत्मा द्वारा, बेथेल में अपने विश्वासी अभिषिक्त सेवकों को मार्गदर्शन और सहारा दिया है। और स्वर्गदूतों के बारे में क्या? जब आप हमारे शत्रुओं के सारे कटु विरोध पर और उन कठिन सालों पर ग़ौर करते हैं जब संसाधनों का अभाव था, तो इसमें कोई शक नहीं है कि बग़ैर स्वर्गदूतीय सुरक्षा और सहायता के बेथेल इतने सालों तक इतने उल्लेखनीय रूप से कार्य नहीं कर सकता था।
६ अमरीका में मुख्यालय के कर्मचारी-वर्ग के अलावा, संसार-भर में बिखरे हुए १०० शाखाओं में बेथेल परिवार हैं, जैसा कि वह जो लोनावला में है। हमारी सेवकाई को पूरा करने के लिए संगठित (अंग्रेज़ी), पृष्ठ ११६ पर कहती है: “यह नाम बेथेल . . . ईश्वरशासित गतिविधि के इन केंद्रों के लिए निश्चित ही उपयुक्त है।” बेथेल के स्वयंसेवकों को किस तरह के काम करने की नियुक्ति दी जाती है?
७ कार्य की विविधता: बेथेल परिवार के सदस्यों को दी गयी कार्य-नियुक्तियाँ विविध होती हैं। ब्रुकलिन और अनेक अन्य शाखाओं में, जिनमें भारत भी शामिल है, कुछ भाई फैक्ट्री में प्रेस चलाते हैं जहाँ विश्वव्यापी वितरण के लिए पुस्तकें, (और कुछ शाखाओं में, बाइबलें) पत्रिकाएँ, ब्रोशर, और ट्रैक्ट छापे जाते हैं। अन्य सदस्य बाइबलों और पुस्तकों पर जिल्द चढ़ाने में भाग लेते हैं, जबकि और लोगों के कार्य में इन प्रकाशनों को संसार-भर की कलीसियाओं में प्रेषण करना शामिल होता है। कई सदस्य साज़-सामान और इमारतों के रख-रखाव के लिए नियुक्त किए गए हैं। बेथेल-गृह में, परिवार की देखभाल करने में काफ़ी कार्य शामिल है। उदाहरण के लिए, ब्रुकलिन बेथेल में, २० मिनट के अन्दर लगभग ३,७०० लोगों को १२ भोजन-कक्षों में नाश्ता परोसा जाता है। धुलाई-घर में, भाई-बहन हर हफ़्ते १६,००० किलो कपड़े धोते हैं, जिनमें १३,००० कमीज़ें भी शामिल हैं। इसके अतिरिक्त, ब्रुकलिन की २१ निवास इमारतों में गृहावेक्षक स्वच्छता के ऊँचे स्तर को बनाए रखते हैं और अन्य अनगिनत आवश्यक कर्तव्यों को सम्भालते हैं। समान सुविधाएँ भारत के बेथेल परिवार के २३० सदस्यों को प्रदान की गयी हैं।
८ योग्यताएँ और माँगें: इनमें से अधिकतर कार्य के लिए आवश्यक शारीरिक ताक़त और शक्ति को ध्यान में रखते हुए, इस वक़्त तंदुरुस्त अविवाहित युवकों की ज़रूरत है। बेथेल सेवा का आवेदन करने के लिए, युवक को कम-से-कम एक साल से समर्पित और बपतिस्मा-प्राप्त होना चाहिए। उसे एक अर्पित, आध्यात्मिक व्यक्ति होना चाहिए। साथ ही, उसे कठिन परिश्रम करने के लिए इच्छुक होना चहिए। आज संसार में, अनेक लोग कठिन परिश्रम को ऐसी बात समझते हैं जिसे टाला जाना है। सो बेथेल सेवा के लिए आवेदन करनेवाले युवक को उस हद तक नया मनुष्यत्व धारण करने की ज़रूरत है कि वह कठिन परिश्रम करना चाहता है, और अपने हाथों से वह कार्य करता है जो भला है। (इफिसियों ४:२८ से तुलना कीजिए।) इसका अर्थ है कि उसे एक ऐसा व्यक्ति नहीं होना चाहिए जिसका मन व्यक्तिगत सुख-विलासों, मनबहलाव, या मनोरंजन पर है। बेथेल सेवा पर विचार करते समय, उसे पहले ही तरुणावस्था के ऐसे लक्षणों को दूर कर दिया होना चाहिए। १ कुरिन्थियों १३:११ में पौलुस के शब्द ठीक-ठीक लागू होते हैं: “जब मैं बालक था, तो मैं बालकों की नाईं बोलता था, बालकों का सा मन था बालकों की सी समझ थी; परन्तु जब सियाना हो गया, तो बालकों की बातें छोड़ दीं।”
९ क्या आपकी उम्र १९ और ३५ के बीच है? क्या आप शारीरिक और भावात्मक रूप से अच्छे स्वास्थ्य का आनन्द लेते हैं? क्या आप कम-से-कम कुछ अंग्रेज़ी बोल सकते हैं? क्या आप एक आध्यात्मिक व्यक्ति हैं जिसे यहोवा और उसके संगठन के लिए गहरा प्रेम है? अगर आपको बेथेल में बुलाया जाता है, तो क्या आप उस सेवा में कम-से-कम एक साल तक वफ़ादारी से बने रहेंगे, और वह काम करेंगे जो आपको दिया जाता है? अगर आप इन सवालों का जवाब हाँ में दे सकते हैं, तो आप बेथेल सेवा के अनोखे विशेषाधिकार पर विचार करने के द्वारा अच्छा करते हैं। इसकी आशिषें प्रचुर हैं।
१० बेथेल सेवा की आशिषें: जून १५, १९९४ की प्रहरीदुर्ग (अंग्रेज़ी) के लेख “‘परमेश्वर के भवन’ की ओर क़दरदानी से देखना” ने कहा: “एक सम्मेलन में उपस्थित होते समय, क्या आप गहरी संतुष्टि महसूस करते हैं, जब आप यहोवा के आनन्दित उपासकों से घिरे हुए होते हैं? ज़रा कल्पना कीजिए, एक बेथेल कर्मचारी के पास हर दिन भाइयों के समूह के बीच यहोवा की सेवा करने का विशेषाधिकार है! (भज. २६:१२) यह आध्यात्मिक वृद्धि के लिए कितनी सारी सर्वोत्तम प्रत्याशाएँ देता है! एक भाई ने टिप्पणी की कि वे बेथेल में एक साल के भीतर अपने व्यक्तित्व को ढालने के लिए इतनी सारी बातें सीख सके जितनी उन्होंने कहीं और तीन सालों में सीखीं। क्यों? क्योंकि किसी अन्य जगह में उनके पास इतने सारे प्रौढ़ मसीही व्यक्तित्वों के विश्वास को देखने और उनकी नक़ल करने का अवसर नहीं था।” (नीति. १३:२०) वाक़ई, यह बेथेल सेवा की एक अनोखी आशिष है।
११ बेथेल में, स्वयंसेवक सदस्य शाखा समिति के सदस्यों की और साथ ही लम्बे समय से वफ़ादार रहे अन्य भाइयों की निकट संगति का आनन्द लेते हैं। चाहे एक व्यक्ति की कोई भी कार्य-नियुक्ति क्यों न हो, ऐसे वफ़ादार, निष्ठावान साथियों के साथ एकता में कार्य करना एक आशिष है। यहाँ ब्रुकलिन बेथेल परिवार के सदस्यों की कुछ टिप्पणियाँ दी गयी हैं जो उन लोगों की भावनाओं को प्रतिबिम्बित करती हैं जिनका सेवा के इस बहुमूल्य विशेषाधिकार में भाग है:
▪ एक भाई ने, जिन्होंने ६२ साल से बेथेल सेवा की है और उन सालों के दौरान विविध नियुक्तियों में कार्य किया है, उस आत्मा पर टिप्पणी की जो बेथेल में विद्यमान है: “हम सभी एक परिवार हैं; हम सभी भाई हैं। हम एकसाथ काम करते हैं। हम सभी के पास अपनी-अपनी कार्य-नियुक्तियाँ हैं। भाइयों को कठिन परिश्रम करते हुए देखना अद्भुत है; आप उस मेहनत को देख सकते हैं जो वे करते हैं। हमारे यहाँ ऐसे भाई हैं जो झाड़ू लगाते हैं। जब आप जगह साफ़ रखते हैं, तो आप परिवार को तंदुरुस्त रखते हैं। जब आप परिवार को तंदुरुस्त रखते हैं, तो परिवार उत्पादनशील होता है। यह आवश्यक है। दफ़्तर में कर्मचारी होना भी महत्त्वपूर्ण है। हम सब मिलकर परिणाम उत्पन्न करते हैं—विश्व-भर में राज्य गवाही। यहोवा की सेवा करने को एक जीवन-वृत्ति बनाने के लिए दुनिया-भर में यह सर्वोत्तम जगह है। अगर आप पूर्ण-समय की सेवा करना चाहते हैं, तो आप उसे सर्वोत्तम तरीक़े से यहीं कर सकते हैं। आपको हर चीज़ उपलब्ध है। यहाँ हम अतिरिक्त चीज़ों का भी आनन्द लेते हैं। इससे आप संगठन को देख सकते हैं क्योंकि आपको पृथ्वी के चारों कोनों से सुनने को मिलता है।”
▪ ७५-साल के एक अभिषिक्त भाई ने कहा, जिनकी कुछ ४८ साल पहले प्रथम कार्य-नियुक्ति जिल्दसाज़ी में थी: “यहोवा के समर्पित, बपतिस्मा-प्राप्त सेवकों के बीच रहना एक सुंदर अनुभव है। जब मैं एक युवक को बेथेल आते देखता हूँ, तो मेरा दिल यहोवा के लिए धन्यवाद से भर आता है, क्योंकि मैं जानता हूँ कि इस व्यक्ति के पास यहाँ बेथेल में ख़ुशहाल जीवन होगा।” बेथेल के बारे में वे जिन बातों को संजोते हैं, उसके सम्बन्ध में उन्होंने आगे कहा: “मुझे इसके लोगों से प्यार है। मुझे लगता है वे सुंदर हैं। हमारे भाइयों के बारे में, जो अनेक सालों से बेथेल में रहे हैं, कुछ ऐसी बात है जो आपको पृथ्वी की सतह पर किसी जगह में नहीं मिलती है। यहाँ स्नेह, समझ, और एकता है जो समझ से परे है।”
▪ और एक भाई ने, जो बेथेल सेवा में ६२ से भी ज़्यादा सालों से रहे हैं, प्राप्त हुए अतिरिक्त लाभों पर टिप्पणी की: “बेथेल में आना आपको प्रकाशन के क्षेत्र में विशिष्टीकृत शिक्षा प्राप्त करने में . . . और सबसे बढ़कर, एक बाइबल शिक्षण प्राप्त करने में समर्थ करता है जो आपको दुनिया में कहीं भी भेजे जाने पर, यहोवा परमेश्वर के सही प्रतिनिधि बनने के लिए सज्जित करता है।”
▪ शासी निकाय के एक सदस्य, जो अब ९२ साल के हैं, बेथेल में ५८ साल से सेवा कर रहे हैं। वे बेथेल सेवा के बारे में क्या सोचते हैं? “यहाँ और विश्व-भर का बेथेल परिवार समर्पित लोगों की एक अद्भुत व्यवस्था है।”
▪ कुछ महीनों पहले शासी निकाय के एक सदस्य ९८ साल की उम्र में गुज़र गए। वे अपनी कार्य-नियुक्ति में वफ़ादार थे, और उन्होंने अपने आपको इस प्रकार व्यक्त किया: “बेथेल में सेवा करना मुझे बहुत पसंद है। यह धरती पर सर्वोत्तम स्थान है।”
▪ बेथेल सेवा के बारे में एक युवक का क्या नज़रिया है? एक युवा भाई ने हाल ही में लिखा: “क्योंकि, जैसे यीशु ने कहा, ‘देने से ज़्यादा ख़ुशी मिलती है,’ मैं जहाँ कहीं गया उनमें बेथेल सबसे आनन्दपूर्ण जगह है।” उसने बेथेल की आत्मा को जान लिया है—देना।
▪ एक भाई ने, जिन्होंने ५१ साल पूर्ण-समय सेवा की है, इन बातों का सुंदर ढंग से सार दिया और कहा: “बेथेल सेवा सचमुच अनोखी है। यहाँ पृथ्वी पर यहोवा के उद्देश्य के पूरा किए जाने में यह एक अति महत्त्वपूर्ण भाग है। सो जिस किसी के पास बेथेल में सेवा करने का विशेषाधिकार है, उसको इसे बहुत मूल्यवान समझना चाहिए। सचमुच, बेथेल हमें ईश्वरीय-भक्ति के जीवन को पूरी अभिव्यक्ति देने में समर्थ करता है।”
१२ दैनिक नित्यक्रम: बेथेल परिवार के एक सदस्य का दैनिक नित्यक्रम उसे राज्य गतिविधि के जीवन में पूरी तरह मशगूल कर देता है। सोमवार से शनिवार तक, हमारे भोजन-कक्षों में सुबह ७ बजे प्रातःकालीन उपासना शुरू होती है। परिवार के सदस्यों द्वारा दिन के पाठ पर टिप्पणियाँ दी जाती हैं और फिर शाखा समिति के एक सदस्य द्वारा या पूर्ण-समय की सेवा में अनेक सालों से रहे एक अन्य भाई द्वारा सारांश दिया जाता है, और उसके बाद सुबह की प्रार्थना होती है। यह कार्यक्रम परिवार को दिन की गतिविधि के लिए आध्यात्मिक रूप से मज़बूत करता है। बेथेल परिवार के सदस्य आपको बताएँगे कि यह दिन की एक विशेषता होती है। पौष्टिक नाश्ते के बाद, बेथेल परिवार के सदस्य उत्सुकता से अपनी-अपनी विभिन्न कार्य-नियुक्तियों पर चले जाते हैं। सोमवार से शुक्रवार का कार्यदिन सुबह ८ से शाम ५:१० तक होता है, जिसमें एक घंटा दोपहर के खाने के लिए अलग रखा जाता है। शनिवार के दिन भी सुबह ८ से ११:५५ तक कार्य नियत किया जाता है। शाम को, शनिवार दोपहर को और रविवार को, बेथेल-सेवक अपनी-अपनी कलीसिया सभाओं में जाते हैं, घर-घर के कार्य या बाइबल अध्ययन कार्य में हिस्सा लेते हैं, या व्यक्तिगत ज़िम्मेदारियों को पूरा करते हैं। वे लोग व्यक्तिगत अध्ययन के लिए या सभाओं की तैयारी करने के लिए बेथेल पुस्तकालय सुविधाओं का भी इस्तेमाल कर सकते हैं। और हाँ, ज़रूरी आराम और विश्राम के लिए भी समय होता है। (मर. ६:३१, ३४) इस संक्षिप्त विवरण से, यह आसानी से देखा जा सकता है कि इस पुरानी रीति-व्यवस्था के विकर्षणों से मुक्त, बेथेल सेवा एक व्यक्ति को प्रत्येक दिन अपने समय का ज़्यादातर हिस्सा पवित्र सेवा में समर्पित करने की अनुमति देती है।
१३ कलीसिया गतिविधियाँ: ठीक जैसे ब्रुकलिन बेथेल परिवार के सदस्य न्यू यॉर्क सिटी क्षेत्र की ३५० से भी अधिक कलीसियाओं में नियुक्त किए गए हैं, लोनावला के बेथेल परिवार के सदस्यों को तीन कलीसियाओं में नियुक्त किया गया है। वे अपनी आध्यात्मिकता को बनाए रखने में स्थानीय कलीसिया की भूमिका को मूल्यवान समझते हैं। इस प्रकार, वे अपनी कलीसियाओं के साथ सक्रिय हैं, पाँचों सभाओं में उपस्थित होते हैं और अपने भाइयों के साथ क्षेत्र सेवकाई में नियमित रूप से हिस्सा लेते हैं। कलीसिया सभाओं के अतिरिक्त, सोमवार शाम को बेथेल परिवार का अपना प्रहरीदुर्ग अध्ययन होता है; सबके लाभ के लिए टिप्पणियाँ करने के लिए बेथेल-सेवकों को बारी-बारी से नियुक्त किया जाता है। क्योंकि बेथेल की सारणी आध्यात्मिक बातों पर ज़ोर देती है, यह यहोवा की सेवा में एक आनन्दित, सुखी जीवन में परिणित होता है।—१ कुरि. १५:५८.
१४ बेथेल सेवा के लिए तैयारी: युवक अकसर पूछते हैं कि वे बेथेल सेवा की तैयारी करने के लिए क्या कर सकते हैं। कार्यकर्ता समिति में सेवा करनेवाले शासी निकाय के एक सदस्य ने कहा: “जब आप बेथेल में आते हैं, तो सेवा करने के लिए आइए, सेवा किए जाने के लिए नहीं। जितना ज़्यादा आप सेवा करना सीखते हैं, उतनी ही ज़्यादा आपको ख़ुशी मिलती है। देना सीखिए, लेना नहीं। शालीन बनिए, नम्र बनिए। आत्मा के फल—यहीं वास्तविक मसीहियत मौजूद है।” जी हाँ, अपनी आध्यात्मिकता को और यहोवा के साथ एक नज़दीकी रिश्ते को विकसित करना बेथेल में सफलता की कुंजियाँ हैं। इसीलिए जब बेथेल के लिए स्वयंसेवकों को चुना जाता है तब अकसर पायनियरों को चुना जाता है। जब एक व्यक्ति ख़ुद को कुछ समयावधि तक अनुशासित कर चुका है, कि वह हर महीने प्रचार करने और सिखाने तथा दूसरों को देने में ९० घंटे बिताता है, और साथ ही अपना गुज़ारा करने के लिए ज़रूरी कार्य की सारणी बना ली है, तो उसने बेथेल सेवा और उसकी व्यवस्थित जीवन-रीति के लिए एक अच्छी आध्यात्मिक नींव बना ली है। लेकिन, कृपया ध्यान दीजिए कि बेथेल सेवा केवल उन लोगों तक ही सीमित नहीं है जो पायनियर-कार्य कर रहे हैं। मूलभूत माँगों को पूरा करनेवाला कोई भी व्यक्ति आवेदन कर सकता है।
१५ इसके अतिरिक्त, युवकों के लिए यह सीखना अच्छा है कि अपने हाथों से काम कैसे करें। इस पुरानी रीति-व्यवस्था में शारीरिक श्रम को अच्छा नहीं समझा जाता। स्वयं का प्रेम अनेक लोगों को एक ऐसे कार्य की इच्छा करने के लिए प्रेरित करता है जो कम मेहनत की माँग करता है या जिसमें सम्मान का बाहरी दिखावा है। फिर भी, विभिन्न साज़-सामान कैसे इस्तेमाल करें, यह सीखना बहुत ही व्यावहारिक और उपयोगी है। (नीति. २२:२९) अकसर, युवा लोग अपने माता-पिता से या राज्यगृह के आस-पास विभिन्न परियोजनाओं में अनुभवी बड़े लोगों के साथ काम करने में मदद करने के द्वारा, या वृद्ध लोगों को उनके घर की ज़रूरी मरम्मत करने में सहायता देने के द्वारा शारीरिक कुशलता सीख सकते हैं।
१६ कभी-कभी युवा लोग पूछते हैं: “क्या मुझे बेथेल सेवा के लिए योग्य बनने के लिए अतिरिक्त लौकिक प्रशिक्षण लेना चाहिए?” लौकिक शिक्षा, अपने-आप में, एक व्यक्ति को बेथेल सेवा के लिए योग्य नहीं बनाती। आध्यात्मिक गुण सबसे ज़्यादा महत्त्वपूर्ण हैं और आमंत्रित किए जानेवाले सभी लोगों से केवल उनकी माँग की जाती है। हम माता-पिताओं को और उनके बच्चों को, जो अब भी स्कूल जाते हैं, प्रोत्साहित करते हैं कि वे नवम्बर १, १९९२, की प्रहरीदुर्ग (अंग्रेज़ी) पृष्ठ १५ से २१ पर लौकिक शिक्षण के बारे में प्रस्तुत किए गए संतुलित दृष्टिकोण पर ध्यानपूर्वक ग़ौर करें। लौकिक शिक्षा का फ़ैसला एक व्यक्तिगत मामला है। एक व्यक्ति चाहे जो भी फ़ैसला करे, उसे निश्चित करना चाहिए कि वह यहोवा के लोगों के प्रमुख कार्य, अर्थात् सच्चाई का साक्ष्य देने पर ध्यान केंद्रित करना जारी रखने के द्वारा अपनी आध्यात्मिक प्रगति को बनाए रखने में समर्थ है।
१७ चाहे एक व्यक्ति किसी भी तरह का लौकिक प्रशिक्षण क्यों न प्राप्त करे, उसके लिए यह सीखना बहुत ही उपयोगी है कि कैसे सोचे। बाइबल, सोचने की क्षमता और व्यावहारिक बुद्धि की सराहना करती है। (नीति. १:४; ३:२१) कैसे सोचा, और जानकारी को याद रखा जाए, यह सीखना आपको वह ज्ञान और कुशलताएँ प्राप्त करने में समर्थ करता है जो आपके लिए और यहोवा के विश्वव्यापी संगठन के लिए उपयोगी होगा। अंततः, एक व्यक्ति के पास चाहे जो भी कुशलताएँ क्यों न हों, दूसरों के साथ अच्छा सम्बन्ध रखने में समर्थ होना बहुत ही महत्त्वपूर्ण है। बेथेल के स्वयंसेवकों को काम को पूरा करने के लिए एक टीम के तौर पर एकसाथ नज़दीकी से काम करना है। अतः, एक स्वतंत्र या स्पर्धात्मक आत्मा के बजाय एक सहयोगी और प्रेममय स्वभाव और ईश्वरशासित निर्देशन के अधीन होने की इच्छुक आत्मा अपनायी जानी चाहिए।—इफिसियों ४:१६ से तुलना कीजिए।
१८ यहोवा के संगठन में युवा लोगों के पास ऊपर बतायी गयी क्षमताओं को विकसित करने के लिए एक सुनहरा अवसर है। फिर, अगर बेथेल में सेवा करने के लिए आमंत्रित किए जाते हैं, तो वे अतिरिक्त ज़िम्मेदारियों के लिए यहोवा के संगठन द्वारा प्रशिक्षित किए जाने की एक अच्छी स्थिति में होंगे। हम, आप मसीही माता-पिताओं और प्राचीनों से उस लक्ष्य को युवाओं के सामने निरन्तर रखने का आग्रह करते हैं। अनेक माता-पिता नियमित रूप से अपने बच्चों को बेथेल को भेंट करने के लिए लाते हैं, और इस प्रकार उन्हें यहाँ जो कार्य किया जाता है उससे अवगत कराते हैं। इस कारण अनेक लोग अपना शिक्षण समाप्त करने के बाद बेथेल में आए हैं।
१९ अनुभवी लोग: कभी-कभार एक ऐसे भाई या बहन के लिए अवसर खुल जाता है जिसकी उम्र ३५ से कुछ ऊपर है और जिसके पास वह प्रशिक्षण और कुशलता है जिसकी बेथेल को ज़रूरत है। ज़्यादातर कार्य जिसमें संस्था अब व्यस्त है, माँग करता है कि अनुभवी लोग हट्टे-कट्टे, लायक़ युवकों के साथ सेवा करें, जिन्हें प्रशिक्षित किया जा सकता है, “नौसिखिया के साथ-साथ निपुण भी।”—१ इति. २५:८, NW.
२० इस समय बढ़ता हुआ कार्य ऐसे लोगों की माँग करता है जिनकी इलॆक्ट्रॉनिक्स् की पृष्ठभूमि है या जिन्हें कम्प्यूटर प्रोग्रामिंग में अनुभव है। संस्था के पास अक्षरशः बीसियों फ़ोटोकॉपी यंत्र, लेज़र प्रिन्टर, और पर्सनल कम्प्यूटर हैं, जिन्हें रख-रखाव की ज़रूरत है। विभिन्न निर्माण व्यवसाय, जैसे अभियांत्रिकी, नलसाज़ी, बिजली के काम, और वातानुकूलन में कुशल लोगों को इस्तेमाल किया जा सकता है। लेखा-शास्त्र में गहन पृष्ठभूमि रखनेवाले प्रौढ़ भाई, विशेषकर जो प्रमाणित लेखापाल हैं, सहायक हो सकते हैं। ख़र्च कम करने के लिए, संस्था के पास अपनी कई गाड़ियाँ हैं जिन्हें यातायात के लिए और प्रेषण कार्यों में मदद करने के लिए इस्तेमाल किया जाता है। अतः, अनुभवी चालक और मॆकैनिकों की ज़रूरत है।
२१ हमारी सबसे बड़ी ज़रूरत है समर्पित अविवाहित भाइयों की और उनकी जिनके पास ख़ास कुशलताएँ हैं, जिनमें से कुछ शायद विवाहित हों। आप ज़िला अधिवेशन में बेथेल सेवा में दिलचस्पी रखनेवालों के लिए आयोजित की गयी ख़ास सभा में बेथेल आवेदन-पत्र प्राप्त कर सकते हैं, या आप वॉच टावर सोसाइटी, पोस्ट बैग १०, लोनावला, महा. ४१० ४०१ को लिख सकते हैं। अगर आप विवाहित हैं, तो याद रखिए कि आपके साथी को भी बेथेल सेवा के लिए आध्यात्मिक, भावात्मक, और शारीरिक रूप से योग्य होना चाहिए। अगर पहले बताए गए क्षेत्रों में से किसी भी क्षेत्र में आपके पास प्रशिक्षण और अनुभव है, तो कृपया एक संक्षिप्त ब्योरा लिखिए और उसे अपने बेथेल आवेदन के साथ जोड़िए।
२२ क्या आप एक अत्यावश्यक बुलावे के प्रति अनुकूल प्रतिक्रिया दिखा सकते हैं? बेथेल स्वयंसेवकों की बहुत ज़रूरत मौजूद है। अगर आप बेथेल सेवा के लिए ज़रूरी माँगों को पूरा करते हैं, तो हम आपसे कड़ा अनुरोध करते हैं कि आप इस अत्यावश्यक बुलावे की प्रतिक्रिया में बेथेल आवेदन जमा करें। अगर आपको फ़ौरन नहीं बुलाया जाता तो निरुत्साहित मत होइए। आप अपने आवेदन को हर साल नवीकृत कर सकते हैं। यह हमें आपकी उपलब्धता के बारे में दिनाप्त जानकारी प्रदान करता है।
२३ भविष्यवक्ता यशायाह के सुनते, यहोवा ने पूछा: “मैं किस को भेजूं, और हमारी ओर से कौन जाएगा?” बेझिझक यशायाह ने जवाब दिया: “मैं यहां हूं! मुझे भेज।” इस प्रकार, यशायाह ने यहोवा के भविष्यवक्ता के रूप में एक उल्लेखनीय पेशा शुरू किया। क्या आप कह सकते हैं, “मैं यहां हूं! मुझे भेज”? अनेक आशिषें आपका इंतज़ार करती हैं अगर आपको ‘परमेश्वर के भवन,’ बेथेल में सेवा करने के लिए बुलाया जाता है।—यशा. ६:८.