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हमारी राज-सेवा—1996
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कौन प्रचार करने के योग्य है?

जब सेवकाई की बात आती है, तो क्या आपने मूसा की तरह कभी महसूस किया है? उसने कहा: “हे मेरे प्रभु, मैं बोलने में निपुण नहीं, न तो पहिले था, और न जब से तू अपने दास से बातें करने लगा।” (निर्ग. ४:१०) यदि आप ऐसा महसूस करते हैं, तो आप शायद पीछे हटने को प्रवृत्त हों। फिर भी, यीशु ने “हमें आज्ञा दी, कि लोगों में प्रचार करो; और गवाही दो।” (प्रेरि. १०:४२) सो हम सुसमाचार के योग्य प्रचारक कैसे बनते हैं?

२ जो बात हमें सेवकाई के लिए योग्य ठहराती है, वह यह नहीं है कि हमने कितनी लौकिक शिक्षा प्राप्त की है। पौलुस ने कहा कि “न शरीर के अनुसार बहुत ज्ञानवान . . . बुलाए गए” और कि “इस संसार का ज्ञान परमेश्‍वर के निकट मूर्खता है।” (१ कुरि. १:२६; ३:१९) यीशु ने श्रमिक-वर्ग में से अपने प्रेरितों को चुना—जिनमें से कम-से-कम चार का पेशा मछुवाही का था। अहंकारी धार्मिक अगुवे उन्हें घृणा से देखते थे मानो वे “अनपढ़ और साधारण मनुष्य” हों। सांसारिक मापदण्डों से तौले जाने पर, प्रेरित प्रचार करने के लिए अयोग्य थे। फिर भी, पतरस द्वारा पिन्तेकुस्त के दिन दिए गए प्रभावशाली भाषण ने ३,००० लोगों को बपतिस्मा लेने के लिए प्रेरित किया!—प्रेरि. २:१४, ३७-४१; ४:१३.

३ प्रचार करने के लिए यहोवा हमें योग्य ठहराता है: पौलुस ने घोषणा की: “हमारी योग्यता परमेश्‍वर की ओर से है।” (२ कुरि. ३:५) बुद्धि के स्रोत, यहोवा ने लाखों लोगों को दूसरों को राज्य सच्चाई प्रचार करना सिखाया है। (यशा. ५४:१३) इस कार्य की प्रभावकारिता और फलदायकता उन ३,३८,४९१ लोगों में देख सकते हैं जिन्होंने पिछले साल जीवित ‘सिफारिश की पत्रियों’ के तौर पर बपतिस्मा लिया था। (२ कुरि. ३:१-३) हमारे पास यहोवा से जो हमने सीखा है उन बातों के बारे में साहस और विश्‍वास के साथ प्रचार करने का हर कारण है।

४ परमेश्‍वर के संगठन ने सेवकों के लिए एक अन्तरराष्ट्रीय प्रशिक्षण कार्यक्रम स्थापित किया है। शास्त्र और बाइबल अध्ययन सहायकों की बड़ी विविधता के ज़रिए, हमें सिखाया जाता है और प्रचार करने के लिए ‘सिद्ध बनने, और तत्पर होने’ के वास्ते प्रशिक्षित किया जाता है। (२ तीमु. ३:१६, १७) अनेक लोग संस्था के प्रकाशनों में पायी गयी विद्वत्ता से प्रभावित हुए हैं। उदाहरण के लिए, एक स्वीडिश पत्रिका ने कहा: “यहोवा के साक्षियों द्वारा प्रचार किए जा रहे विश्‍वास के पीछे एक अनोखा उच्च-शैक्षिक स्तर और इसके बाइबल विज्ञान की अन्तरराष्ट्रीय पहुँच है।”

५ हमारी पाँच साप्ताहिक सभाओं में दिए गए निर्देशन, बाइबल पठन और अध्ययन के हमारे कार्यक्रम, ईश्‍वरशासित सेवकाई स्कूल में दी गयी सलाह, दूसरे अनुभवी सेवकों द्वारा दी गयी व्यक्‍तिगत सहायता, और सबसे बढ़कर, यहोवा की पवित्र आत्मा के सहारे के साथ, हम विश्‍वस्त हो सकते हैं कि यहोवा हमें प्रचार करने के लिए पूरी तरह से योग्य समझता है। हम “परमेश्‍वर की ओर से परमेश्‍वर को उपस्थित जानकर मसीह में बोलते हैं।”—२ कुरि. २:१७.

६ यदि हम परमेश्‍वर द्वारा अपने संगठन के ज़रिए प्रदान किए गए ईश्‍वरशासित प्रशिक्षण का पूरा-पूरा लाभ उठाते हैं, तो हमारे पास पीछे हटने या भयभीत होने का कोई कारण नहीं है। हम आनन्दपूर्वक दूसरों को प्रचार कर सकते हैं, और आश्‍वस्त हो सकते हैं कि यहोवा हमारे प्रयासों पर आशीष देगा।—१ कुरि. ३:६.

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