परचियों का अच्छा इस्तेमाल कीजिए
समाज के लोगों को राज्यगृह का पता व सभाओं के सही समय की जानकारी देने के लिए कलीसिया परचियाँ उपयोगी हैं। आपके संपर्क में आनेवाले हर व्यक्ति को एक परची देना उपयुक्त होगा। इस मक़सद से, हर कलीसिया को अपने पास काफ़ी मात्रा में परचियाँ रखनी चाहिए। यदि एक कलीसिया अपना सभा स्थान या सभा समयों को बदलनेवाली है, तो परिवर्तन लागू होने से लगभग तीन महीने पहले नयी परचियाँ मँगा ली जानी चाहिए ताकि सभा के वर्तमान समयों की परचियाँ हमेशा साथ में हों। इस कार्य के लिए परची निवेदन फ़ॉर्म इस्तेमाल किया जाना चाहिए। परचियाँ ४० रुपए प्रति १,००० के दर से दी जाती हैं; इन्हें केवल १,००० की मात्रा में ही मँगायी जानी चाहिए। जब आपको ये मिल जाती हैं, तब इनका इस्तेमाल सबसे बढ़िया लाभ प्राप्त करने के लिए कैसे किया जा सकता है?
२ अनेक प्रकाशक पाते हैं कि एक व्यक्ति को एक परची देना अपना परिचय देने व बातचीत शुरू करने का एक प्रभावकारी तरीक़ा है। सभाओं का समय दिखाने या उसके पीछे तरफ़ दिए गए संदेश बताने के द्वारा, हमारे काम और इसके उद्देश्य के बारे में चर्चा शुरू की जा सकती है। अपने छोटे बच्चों से दरवाज़े पर परची पेश करवाने के द्वारा माता-पिता उन्हें सेवकाई में शामिल कर सकते हैं। ऐसे प्रकाशकों को, जो पत्र-लेखन के द्वारा साक्षी देने में हिस्सा लेते हैं, अपने ख़त में एक परची भेजनी चाहिए और व्यक्ति को सभाओं में उपस्थित होने के लिए आमंत्रित करना चाहिए। ऐसा हो सकता है कि जिन घरों में कोई नहीं था, उनमें परचियाँ छोड़ी जा सकती हैं, बशर्ते कि इन्हें दरवाज़े के नीचे से ऐसे डाला जाए ताकि उस पर किसी की भी नज़र न पड़े।
३ नेकदिल इंसानों को सच्चाई की ओर निर्दिष्ट करने में परचियाँ मददगार रही हैं। एक अनुभव ऐसा है कि एक परची की बदौलत, एक स्त्री की बाइबल समझने की आजीवन की तमन्ना पूरी हो पायी। उसने पूरी रात परमेश्वर से प्रार्थना करते हुए बितायी और सुबह एक साक्षी दंपति ने उसके दरवाज़े की घंटी बजायी। दरवाज़े में लगे पीपहोल से देखते हुए उसने कहा कि वह अभी दरवाज़ा नहीं खोल सकती है। साक्षियों ने दरवाज़े के नीचे से एक परची डाल दी। उसमें लिखा था: “अपनी बाइबल को जानिए।” उसने उसे देखा और दरवाज़ा खोल दिया। फ़ौरन एक अध्ययन शुरू किया गया, और बाद में इस स्त्री ने बपतिस्मा लिया। परमेश्वर की आत्मा की शक्ति के महत्त्व को कभी कम न समझते हुए, ऐसा हो कि हम अपनी सेवकाई को पूरी तरह करते हुए, नियमित रूप से परचियों का अच्छा इस्तेमाल करते रहें।—हमारी राज्य सेवकाई, फरवरी १९९४, पृष्ठ १ भी देखिए।