प्रश्न बक्स
◼ क्या अब भी किसी निष्क्रिय भाई या बहन के साथ कलीसिया की सर्विस कमेटी के किसी ओवरसियर के निर्देशन में बाइबल स्टडी की जा सकती है?
प्राचीनों की ज़िम्मेदारी यह है कि कलीसिया के सभी सदस्यों की रखवाली करे जिसमें वे भाई-बहन भी शामिल हैं जो ठंडे पड़ गए हैं। वे ऐसे लोगों से मिलते हैं और मालूम करते हैं कि उन्हें किस तरह की मदद की ज़रूरत है। अगर ज़रूरत पड़े तो वे निष्क्रिय व्यक्ति के फायदे के लिए बाइबल स्टडी की पेशकश रख सकते हैं। ऑर्गनाइज़्ड् टू अकंप्लिश आवर मिनिस्ट्री के पेज १०३ पर बताया गया है कि यह कलीसिया की सर्विस कमेटी तय करेगी कि किसके साथ स्टडी करनी चाहिए।
सर्विस ओवरसियर तय करता है कि मदद देने की ज़िम्मेदारी किसे सौंपी जानी चाहिए, किन विषयों की स्टडी की जानी चाहिए और कौन-सी किताब बेहतर रहेगी। मदद करने की ज़िम्मेदारी उसे दी जा सकती है, जिसने उस निष्क्रिय व्यक्ति के साथ पहले स्टडी की थी या ऐसा कोई भाई जिसे वह निष्क्रिय व्यक्ति अच्छी तरह जानता हो और इज़्ज़त करता हो। निष्क्रिय बहन की मदद करने के लिए किसी अनुभवी आध्यात्मिक बहन को कहा जा सकता है। आमतौर पर स्टडी लेनेवाले के साथ किसी और प्रकाशक को जाने की ज़रूरत नहीं होती। स्टडी लेनेवाला प्रकाशक घंटे, पुनःभेंट और स्टडी की रिपोर्ट कर सकता है।—नवंबर १९८७, पेज १-२ की हमारी राज्य सेवकाई (अंग्रेज़ी) देखिए।
निष्क्रिय व्यक्ति क्योंकि बपतिस्मा ले चुका है, इसलिए उसके साथ ज़्यादा समय तक स्टडी करने की ज़रूरत नहीं है। स्टडी का मकसद है कि निष्क्रिय व्यक्ति फिर से कलीसिया की सभी सभाओं में आने लगे और नियमित रूप से प्रचार का काम करने लगे। सर्विस ओवरसियर इसका ध्यान रखता है कि स्टडी कैसी चल रही है। इन भाई-बहनों की मदद करने का नतीजा यह होना चाहिए कि ये लोग यहोवा के सामने अपनी-अपनी ज़िम्मेदारी खुद उठा सकें और सच्चाई में “जड़ पकड़कर” मज़बूत हो सकें।—इफि. ३:१७; गल. ६:५.