कौन बाइबल स्टडी करना चाहेंगे?
भविष्यवक्ता आमोस ने बताया था कि इस्राएल देश में एक अकाल पड़ेगा और यह अकाल ऐसा होगा कि उस देश में “न तो अन्न की भूख और न पानी की प्यास होगी, परन्तु यहोवा के वचनों के सुनने ही की भूख प्यास होगी।” (आमोस ८:११) आज भी ऐसे लोग हैं जो आध्यात्मिक बातें सीखने के लिए तरस रहे हैं और उनकी यह भूख-प्यास मिटाने के लिए यहोवा की संस्था बाइबल को समझानेवाली कई किताबें छापकर पूरी दुनिया में बाँट रही है।
२ अब तक हम ७ करोड़ ज्ञान किताबें और ९ करोड़ १० लाख माँग ब्रोशर छाप चुके हैं। इस किताब और ब्रोशर से लोगों को सच्चाई सिखाना कितना आसान है और ये कितने असरदार साबित हुए हैं! लेकिन दरअसल देखा जाए तो बहुत सारे लोगों के पास हमारे साहित्य तो हैं लेकिन उन्होंने अब तक हमारे साथ बाइबल स्टडी नहीं की है। इसलिए हम क्या कर सकते हैं?
३ जो भी हमसे साहित्य ले उसके साथ बाइबल स्टडी शुरू की जा सकती है! ज़रा एक भाई के अनुभव पर गौर कीजिए। उसने एक घर पर एक स्त्री को साक्षी दी और इस पहली मुलाकात में ही उससे पूछा कि क्या वह बाइबल सीखना चाहती है। उस स्त्री ने फौरन हाँ कहा। बाद में उसने भाई से कहा, “आपसे पहले कभी किसी ने मुझे बाइबल सिखाने की बात नहीं कही।” आपके इलाके में ऐसे कितने लोग होंगे जिनके पास हमारी किताबें हैं और वे भी शायद वही बात कहें जो इस स्त्री ने कही थी? जो कोई भी हमसे साहित्य लेता है हमें उससे दोबारा मिलने और बाइबल सिखाने का मौका मिलता है।
४ अकसर हम ऐसे लोगों से मिलते हैं जिनके पास पहले से ही हमारी किताबें होती हैं। ऐसे लोगों में दिलचस्पी पैदा करने के लिए हम क्या कर सकते हैं ताकि वे हमारी किताबों में लिखी बातों को सीखने के लिए आगे बढ़ सकें? एक बार एक बहन ने एक स्त्री से सीधे ही पूछा कि क्या बाइबल के बारे में उसके मन में कुछ सवाल हैं, मगर उस स्त्री ने जवाब दिया, “नहीं।” लेकिन बहन ने हार नहीं मानी, उसने फिर पूछा, “आपके मन में कुछ सवाल तो ज़रूर होंगे।” और सचमुच उस स्त्री के कुछ सवाल थे इसलिए उसके साथ बाइबल स्टडी शुरू की गई। इसलिए आप भी जब किसी को साक्षी देते हैं, तो क्यों न उससे पूछें कि क्या वह किसी सवाल या किसी विषय के बारे में बाइबल की राय जानना चाहेगा? आप भी एक सवाल सोचकर रखिए ताकि अगर उसे कोई सवाल ना सूझे, तो आप खुद सवाल उठाकर चर्चा कर सकें। इस तरह सवाल उठाकर बातचीत करने से वह शायद बाइबल स्टडी करने के लिए तैयार हो जाए और बाइबल की बुनियादी शिक्षाएँ सीख सकें।
५ बाइबल स्टडी चलाना हमारी सेवकाई की जान है। हम पहले से कभी भी तय नहीं कर सकते कि कौन बाइबल स्टडी करना चाहेगा और कौन नहीं, इसलिए आप जिस किसी को भी साक्षी देते हैं उससे ज़रूर पूछिए कि क्या वह बाइबल स्टडी करना चाहेगा। इस बारे में यहोवा से प्रार्थना कीजिए और अपनी प्रार्थनाओं के मुताबिक कोशिश भी कीजिए। शायद आपको जल्द ही कोई ऐसा व्यक्ति मिल जाए जिसे आप बाइबल स्टडी के बारे में पूछे और वह हाँ कह दे!—१ यूहन्ना ५:१४, १५.