पत्रिकाएँ पेश करने के लिए क्या कहना चाहिए
सजग होइए! अप्रै.-जून
“बाइबल अच्छी शिक्षा की अहमियत पर ज़ोर देती है। [नीतिवचन 2:10, 11 पढ़िए।] हममें से ज़्यादातर जानते हैं कि बच्चों के लिए काबिल टीचर कितने ज़रूरी हैं। सजग होइए! की इस पत्रिका में टीचरों की अहम भूमिका के बारे में बताया गया है। इसमें यह भी बताया गया है कि वे जो त्याग करते हैं, उनकी कदर हम कैसे कर सकते हैं और पढ़ाने में आनेवाली चुनौतियों का सामना करने में माता-पिता उनकी कैसे मदद कर सकते हैं।”
प्रहरीदुर्ग अप्रै. 15
“हर जगह लोग ज़िंदगी में सुरक्षा पाना चाहते हैं। मसलन उनकी ख्वाहिश रहती है कि उन्हें कोई अच्छी नौकरी मिले और वे उसमें टिके रहें। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि आपको हमेशा की सुरक्षा देनेवाला एक ज़रिया भी है जिसकी बदौलत आप सदा चैन से जी सकते हैं? [भजन 16:8, 9 पढ़िए।] प्रहरीदुर्ग का यह अंक बताता है कि सच्ची सुरक्षा कहाँ मिल सकती है।”
सजग होइए! अप्रै.-जून
“जब हमसे कोई गलती हो जाती है, तो अकसर हम सभी अपने आपको दोषी महसूस करते हैं। क्या आपको लगता है कि ऐसा महसूस करना हमारे लिए अच्छा है? [जवाब के बाद, भजन 32:3, 7 पढ़िए।] सजग होइए! का यह अंक बताएगा कि इस तरह की भावनाएँ कैसे हमें सही कदम उठाने में मदद कर सकती हैं।”
प्रहरीदुर्ग मई 1
“क्या आप किसी ऐसे व्यक्ति को जानते हैं जिसे गंभीर बीमारी है या जो अपंग है? आप ज़रूर इस बात से सहमत होंगे कि ऐसे लोगों की हिम्मत बढ़ाने की बहुत ज़रूरत है। लेकिन उनका हौसला बढ़ाने के लिए हम क्या कह सकते हैं? बाइबल बताती है, उनके लिए एक आशा है। [यशायाह 35:5, 6 पढ़िए।] प्रहरीदुर्ग के इस अंक में बताया गया है कि हम क्यों विश्वास रख सकते हैं कि बाइबल की यह भविष्यवाणी ज़रूर पूरी होगी।”