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‘सदा भलाई ही की चेष्टा करो’

मसीही राह पर चलकर ज़िंदगी बिताने का एक ज़रूरी पहलू यह है कि हम ‘सदा सब से भलाई ही की चेष्टा करें।’ (1 थिस्स. 5:15) ज़िला अधिवेशनों के दौरान, हमें दूसरों की भलाई करने के बहुत-से मौके मिलते हैं। बीते सभी सालों के मुकाबले, इस साल के अधिवेशनों में पहले से कहीं ज़्यादा हम लोगों की नज़रों में होंगे। खासकर चेन्‍नई, कोची और मुंबई के अधिवेशनों में 5 से 10 हज़ार लोगों के हाज़िर होने की उम्मीद है। अधिवेशन के बारे में लोग जो कुछ सुनेंगे या देखेंगे, उसी के मुताबिक वे हमारे बारे में राय कायम करेंगे। यह हमारे लिए बढ़िया मौका है कि हम यहोवा के साक्षियों का नाम और भी ऊँचा करें। हम चाहते हैं कि जितने लोगों के साथ हम संपर्क में आएँ, वे सभी इस बात को समझें कि बाइबल की शिक्षा मानने की वजह से ही हमारे तौर-तरीके दुनिया से बिलकुल अलग हैं। हमें बहुत अच्छा लगेगा अगर लोग हमारी बढ़िया व्यवस्था, स्वच्छता और अच्छे व्यवहार की तारीफ करें। हम चाहते हैं कि वे खुद अपनी आँखों से देखें कि हमारे बीच सच्चे भाईचारे का प्रेम वाकई मौजूद है और हम “अपनी ही हित की नहीं, बरन दूसरों की हित की भी चिन्ता” करते हैं। (फिलि. 2:4) ध्यान दीजिए कि हम अधिवेशनों में यह कैसे दिखा सकते हैं।

2 क्या आपने अपने ठहरने का इंतज़ाम कर लिया है? (1) पहले से बुकिंग करने की गुज़ारिश करने से, कम किराए पर लॉज और धर्मशाला का इंतज़ाम करने में भाइयों को आसानी होती है। इसके अलावा, बुकिंग होने के बाद, हमें अपना फैसला नहीं बदलना चाहिए, फिर चाहे हमें और भी बेहतर सहूलियतें क्यों न मिलें। हमारी बात “हां की हां” होनी चाहिए। (मत्ती 5:37) (2) अगर आप उचित रकम एड्‌वांस के तौर पर नहीं भेजेंगे, तो यह उम्मीद मत कीजिए कि आपके लिए कमरा बुक कर दिया जाएगा। (3) होटल के कर्मचारी अगर काम करने में सुस्ती दिखाते हैं, तो भी उनके साथ धीरज और आदर से पेश आइए। (4) होटल के कर्मचारी भले ही आपके कमरे की सफाई करें, मगर जब भी आप कहीं बाहर जाते हैं, तो ध्यान रखिए कि आपका कमरा, यहोवा के स्तरों के मुताबिक साफ-सुथरा हो। (5) होटल की सहूलियतों का इस्तेमाल करते वक्‍त उसके सभी कायदे-कानूनों को मानिए। (6) दस्तूर के मुताबिक वेटर और सफाई-कर्मचारियों को बख्शीश दीजिए।

3 बच्चों को भलाई करना सिखाना: लोग हमारे बच्चों पर ज़रूर गौर करेंगे। कई मामलों में बच्चों की वजह से ही लोगों पर हमारे बारे में अच्छी छाप पड़ती है। इसलिए माता-पिताओ, अच्छा होगा अगर आप अधिवेशन से पहले, बच्चों के साथ थोड़ा वक्‍त बिताकर उन्हें समझाएँ कि हर समय और हर जगह पर उन्हें कैसे मसीहियों के जैसा बर्ताव करना चाहिए। (इफि. 6:4) मिसाल के लिए, उन्हें बताइए कि सच्चा मसीही प्रेम “अनरीति नहीं चलता, वह अपनी भलाई नहीं चाहता, झुंझलाता नहीं।” (1 कुरि. 13:5) अगर इन बातों के मुताबिक बड़े लोग खुद चलेंगे, तो बच्चे समझ पाएँगे कि ऐसा करना कितना ज़रूरी है। बच्चो, आप अपने माता-पिता का कहना मानने, होटल की सहूलियतों का इस्तेमाल करने में एहतियात बरतने और आस-पास के लोगों का लिहाज़ करने के ज़रिए भलाई कर सकते हैं। (कुलु. 3:20) अगर हम, सब के साथ भलाई करने के लिए एक-जुट होकर कोशिश करेंगे, तो हम “सब बातों में हमारे उद्धारकर्त्ता परमेश्‍वर के उपदेश को शोभा” देंगे।—तीतु. 2:10.

4 हमारे बढ़िया चालचलन का न सिर्फ आम लोगों पर बल्कि उन लोगों पर भी अच्छा असर पड़ेगा, जो कई वजहों से हमारी नुक्‍ताचीनी करते हैं। हमें अधिवेशन के दौरान और अधिवेशन के शहर में हर अवसर पर—फिर चाहे हम सड़क पर चल रहे हों, रेस्तराँ में खा रहे हों, होटल में आराम फरमा रहे हों या किसी मौके पर दूसरों को गवाही दे रहे हों—अपनी बातचीत और व्यवहार से यह दिखाना चाहिए कि हम मसीही होने के नाते भलाई की चेष्टा करते हैं।

[पेज 4 पर बक्स]

कृपया याद रखें:

◼ अपने होटल के सभी कर्मचारियों के साथ धीरज और आदर से पेश आइए।

◼ होटल या धर्मशाला के कायदे-कानूनों को मानिए, जिससे वहाँ ठहरे सभी लोगों को फायदा हो।

◼ कमरों को साफ-सुथरा रखने की पूरी कोशिश कीजिए।

◼ अपने बच्चों के बर्ताव पर पूरा ध्यान दीजिए।

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