“जो कुछ करते हो प्रेम से करो”
“आपके संगठन के लोगों से मिलकर हमें बड़ी खुशी मिलती है; वे बहुत ही अदब से पेश आते हैं।” अमरीका के एक शहर में अधिवेशन और पर्यटक ब्यूरो ने यह बात कही थी, जहाँ पर हमारा एक अधिवेशन हुआ था। हमारे व्यवहार के बारे में जब हम दूसरों से तारीफ सुनते हैं, तो हमें बहुत खुशी होती है। हमारे व्यवहार से यह भी ज़ाहिर होता है कि हम ‘जो कुछ करते हैं वह प्रेम से कर रहे हैं।’ (1 कुरि. 16:14) मगर कुछ ऐसी समस्याएँ पैदा हुई हैं, जिन पर ध्यान देना बहुत ज़रूरी है। वरना हमारे अच्छे नाम पर कलंक लग सकता है।
2 रूम बुक करने की समस्या: जिस शहर में अधिवेशन होनेवाला है उस शहर में एक रूमिंग डिपार्टमेंट गठित किया जाता है। यह डिपार्टमेंट कई होटल के मैनेजरों के साथ बात करता है ताकि दूसरे शहरों से आए सभी भाई-बहनों के लिए मुनासिब किराए पर रूम बुक कर सकें, ताकि दूसरे शहरों से आए सभी भाई-बहन अधिवेशन में हाज़िर हो सकें। इस डिपार्टमेंट के भाई हमारे लिए बहुत मेहनत करते हैं जिसमें वे अपना कीमती वक्त देते हैं। कुछ होटलों के मैनेजर किराया कम करने से पहले हिचकिचाए हैं, क्योंकि दूसरी धार्मिक संस्थाओं के साथ उनका बुरा अनुभव रहा होता है। लेकिन जब हमारे भाई उन्हें यकीन दिलाते हैं कि हमारे भाई-बहन होटल के लोगों का हर तरह से साथ देंगे, तो बहुत-से मैनेजर खुशी-खुशी हमें कम किराए पर रूम दे देते हैं।
3 मगर पिछले साल कई होटल के मालिकों ने यह शिकायत की है कि बहुत से भाई-बहनों ने आखिरी मौके पर रूम की बुकिंग को कैंसल किया। क्यों? क्योंकि कुछ भाई-बहनों ने दो होटलों में एक-साथ रूम बुक करने की वजह से या तो पहले होटल को उन्होंने डिपॉज़िट नहीं भेजा या उन्हें यह इत्तलाह नहीं की कि वे दूसरे होटल में रहना चाहते हैं। साथ ही, कुछ भाइयों ने यह सोचकर एक ही होटल में एक से ज़्यादा रूम बुक कर रखे थे कि उनके साथ सफर करनेवाले भाई वहाँ रहेंगे। मगर उस होटल में पहुँचकर उन्होंने सिर्फ एक ही रूम लिया और बाकी रूम की बुकिंग को कैंसल कर दिया। उन होटल के मैनेजरों ने कहा कि वॉचटावर के लोगों ने ऐसे पहले कभी नहीं किया था।
4 ऐसा करने से उन होटलों के लिए और अधिवेशन का इंतज़ाम करनेवाले हमारे भाइयों के लिए काफी समस्या पैदा हुई है। कुछ होटलों में हमारे भाइयों के लिए कुछ कमरे बुक किए जाते हैं, यह सोचकर कि हमारे भाई उन सभी कमरों को ले लेंगे। मगर अफसोस की बात है कि ऐसा नहीं होता। अगर ऐसा ही चलता रहा तो भविष्य में अधिवेशन में आनेवाले किसी भी भाई-बहन के लिए उन होटलों में रूम की बुकिंग करना नामुमकिन हो जाएगा। इस समस्या से बचने के लिए सिर्फ उन्हीं कमरों की बुकिंग कीजिए जिनमें आप ज़रूर ठहरेंगे।
5 कुछ होटल सुबह का नाश्ता मुफ्त में देते हैं। मगर इन होटलों ने यह शिकायत की है कि हमारे कुछ भाइयों ने इस इंतज़ाम का नाजायज़ फायदा उठाया है। पेट-भरकर नाश्ता करने के बाद भी वे ढेर सारा खाना अपने साथ अधिवेशन में ले जाते हैं। हमें ध्यान रखना है कि यह नाश्ता सिर्फ सुबह के लिए ही है और सिर्फ उन्हीं लोगों के लिए जो उस होटल में ठहरे हैं। इसलिए यह अच्छा नहीं होगा कि हम इस नाश्ते को अधिवेशन में अपने दोस्तों के साथ मिल-बाँटकर खाने के लिए ले जाएँ। अगर हम इसका नाजायज़ फायदा उठाते रहे, तो नतीजा यह हो सकता है कि होटलवाले आगे से हमारे लिए यह इंतज़ाम बंद कर दें, कम कीमत पर कमरे न दें, या भविष्य में हमें कमरे देने से ही इनकार कर दें।
6 सभी के साथ भलाई करना: हम यहोवा से और हमारे पड़ोसियों से प्यार करते हैं, इसलिए हम सभी के साथ अच्छी तरह पेश आते हैं। (मत्ती 22:37-39; याकू. 3:13) साथ ही, बाइबल हमें सलाह देती है कि सभी लोगों से प्यार करें और उनका लिहाज़ करें। (गल. 6:10) सो, जब हम होटलों में ठहरते हैं, तब भी हमें यह सिद्धांत अमल में लाना चाहिए। अगर हम होटल के कर्मचारियों का साथ न दें, तो इससे हमारी बदनामी होगी, हमें वाजिब दाम पर कमरे नहीं मिलेंगे, और भाइयों में रंजिशे पैदा होंगी। और अगर मुनासिब दाम में कमरे नहीं मिले तो अधिवेशन के लिए बाहर से आनेवाले भाई-बहनों पर इसका काफी असर होगा, खासकर उन भाई-बहनों पर जो होटल में ठहरने के लिए ज़्यादा पैसा खर्च नहीं कर सकते।
7 अगर आप एक अच्छे रूम की बुकिंग करते हैं और आखिरी वक्त पर उसे कैंसल कर देते हैं तो किसी दूसरे भाई को, जो इस रूम की बुकिंग करने की कोशिश कर चुका है, उसे भी वह रूम नहीं मिलेगा। इसलिए शायद उन्हें ऐसी होटल में ठहरना पड़े जो अधिवेशन के हॉल से काफी दूर हो या जो उन्हें पसंद ना हो। क्या ऐसा करने से हम अपने भाइयों के लिए अपना प्यार दिखा रहे हैं? कितना अच्छा होगा अगर हम अपनी चिंता करने के बजाय दूसरों की चिंता करें! इस तरह हम अपना प्यार दिखाएँगे और लोगों के साथ भलाई करेंगे।—मत्ती 7:12; यूह. 13:34, 35.
8 इस साल के “परमेश्वर के वचन पर चलनेवाले,” ज़िला अधिवेशन का हम सभी को बेसब्री से इंतज़ार है। क्या आपने सारी तैयारियाँ कर ली हैं? जैसे कि रूम की बुकिंग और आने-जाने का इंतज़ाम? आइए इस बार हम होटलों में और अधिवेशन के शहरों में इस तरह पेश आएँ जिससे ज़ाहिर हो कि हमारे पास सच्चाई है और हम अपने परमेश्वर से प्यार करते हैं।