पत्रिकाएँ पेश करने के लिए क्या कहना चाहिए
सजग होइए! जुला.-सितं.
“भूकंप, प्रकृति की सबसे ज़बरदस्त और तबाही मचानेवाली शक्तियों में से एक है। बचे हुए लोग अकसर बेघर हो जाते हैं और वे अपने सदमे से ऊबर नहीं पाते। सजग होइए! का यह अंक दिखाता है कि भूकंप के शिकार लोग, इस सदमे से कैसे उबर पाएँ हैं। यह पत्रिका यह भी समझाती है कि भूकंप, कैसे बाइबल में दी गयी एक अहम भविष्यवाणी का हिस्सा है।”
प्रहरीदुर्ग अग. 15
“आप क्या सोचते हैं, हमें सबसे ज़्यादा किसका वफादार होना चाहिए? [जवाब के लिए रुकिए।] यह लेख परमेश्वर के वफादार बने रहने पर ज़ोर देता है। [पेज 5 पर खोलिए और 2 शमूएल 22:26 पढ़िए।] क्या आपको पता है कि परमेश्वर के वफादार होने से हम दूसरों के साथ बुरा सलूक नहीं करेंगे? मुझ यकीन है कि आप इसे ज़रूर पढ़ना चाहेंगे।”
सजग होइए! जुला.-सितं.
“एक माँ के लिए गर्भ गिरना एक बहुत ही कड़वा अनुभव हो सकता है। इस सदमे से उबरने के लिए परिवार के लोग क्या कर सकते हैं? [जवाब के लिए रुकिए।] यह पत्रिका सिर्फ कुछ व्यवहारिक मदद के बारे में ही नहीं बताती जो परिवार के लोग दे सकते हैं, बल्कि यह दिलासा देनेवाली आशा के बारे में भी बताती है कि परमेश्वर बहुत जल्द भविष्य में इस समस्या को खतम कर देगा। [प्रकाशितवाक्य 21:3, 4] आप शायद ऐसे व्यक्ति को जानते हों, जिसके साथ आप यह जानकारी बाँट सकते हैं।”
प्रहरीदुर्ग सितं. 1
“क्या आप जानते हैं कि एक ज़माना था जब पड़ोसी एक-दूसरे की परवाह किया करते थे, मगर आज कई जगहों में तो लोग एक-दूसरे को जानते तक नहीं हैं? [जवाब के लिए रुकिए।] यीशु ने अच्छे पड़ोसी बनने के लिए एक खास सिद्धांत बताया। [मत्ती 7:12 पढ़िए।] यह लेख दिखाता है कि हम कैसे अच्छे पड़ोसी बन सकते हैं और दूसरों को भी ऐसा ही करने के लिए कैसे उकसा सकते हैं।”