पत्रिकाएँ पेश करने के लिए क्या कहना चाहिए
सजग होइए! जुला-सितं.
“हमारे दिनों में भूकंपों ने काफी तबाही मचायी है और उनकी वजह से लाखों लोगों की जानें गयी हैं। और जो भूकंप से बचते हैं, उनमें से ज़्यादातर लोग बेघर हो जाते हैं और दोबारा घर बसाने के लिए उनके हाथ कुछ नहीं रह जाता। सजग होइए! का यह अंक दिखाता है कि भूकंप से पीड़ित कुछ लोग इस हादसे से कैसे उबर पाए। इस पत्रिका में यह भी बताया गया है कि भूकंपों से, बाइबल की एक अहम भविष्यवाणी कैसे पूरी होती है।”
प्रहरीदुर्ग सितं. 15
“लाखों लोगों का मानना है कि ‘संतों’ के पास खास शक्ति होती है और उनके नाम से प्रार्थना करना फायदेमंद है। इस बारे में आपकी क्या राय है? [जवाब के लिए रुकिए।] ध्यान दीजिए कि इस मामले में यीशु मसीह ने क्या कहा था। [यूहन्ना 14:6 पढ़िए।] यीशु की यह बात जानने पर कुछ लोगों के मन में यह सवाल उठा है कि क्या ‘संतों’ के नाम से प्रार्थना करना सही होगा। इस अहम विषय पर प्रहरीदुर्ग के इस अंक में चर्चा की गयी है।”
सजग होइए! जुला-सितं.
“आपको ज़रूर अपनी सेहत का खयाल होगा, है ना? हो सकता है, आप या आपके जान-पहचान का कोई हाई ब्लड प्रेशर का शिकार हो। [जवाब के लिए रुकिए और पेज 15 पर दिया लेख दिखाइए।] ध्यान दीजिए कि सिरजनहार ने हमसे क्या वादा किया है। [यशायाह 33:24 पढ़िए।] मुझे यकीन है कि आप इस लेख से ज़रूर अच्छी जानकारी और कारगर सुझाव पाएँगे।”
प्रहरीदुर्ग अक्टू. 1
“बहुत-से लोगों के मन में यह सवाल उठता है कि आज हम जो लड़ाइयाँ, अपराध और दहशतगर्दी देखते हैं, क्या उनका कभी अंत होगा? आप क्या सोचते हैं? [जवाब के लिए रुकिए।] इस बारे में बाइबल का यह वादा हमें वाकई सांत्वना देता है। [भजन 37:10, 11 पढ़िए।] यह पत्रिका समझाती है कि परमेश्वर ने अब तक बुराई और इससे होनेवाली तकलीफों को क्यों नहीं मिटाया है।”