पत्रिकाएँ पेश करने के लिए क्या कहना चाहिए
सजग होइए! अक्टू.-दिसं.
“बाइबल में भविष्यवाणी की गयी है कि अंत के दिनों में कठिन समय आएँगे। [2 तीमुथियुस 3:1, 3 पढ़िए।] दुनिया-भर में अपराध की बढ़ती दर इस बात का सबूत है। ज़रा सोचिए, अगर पुलिस ना होती तो हालात और भी कितने बदतर होते! सजग होइए! का यह अंक उन चुनौतियों के बारे में चर्चा करता है, जिनका सामना हर देश की पुलिस करती है।”
प्रहरीदुर्ग अक्टू. 15
“आप बच्चों को या दूसरों को कैसे समझाएँगे कि आज इतनी बुराइयाँ क्यों हो रही हैं? [जवाब के लिए रुकिए।] इसका जवाब बाइबल हमें देती है कि ‘सारी बुराइयों का ज़िम्मेदार कौन है?’ [1 यूहन्ना 5:19 पढ़िए।] प्रहरीदुर्ग का यह अंक आपको समझने में मदद देगा कि वह दुष्ट कौन है और हम उसका सामना कैसे कर सकते हैं।”
सजग होइए! अक्टू.-दिसं.
“कई लोग सोचते हैं कि पोर्नोग्राफी सिर्फ एक मनबहलाव है, इसमें कोई खतरा नहीं। दूसरी तरफ, कुछ लोगों का मानना है कि इससे इंसानों को, परिवारों को, यहाँ तक कि समाज को नुकसान पहुँचता है। सजग होइए! का यह अंक समझाता है कि बाइबल के सिद्धांतों के मुताबिक पोर्नोग्राफी को किस नज़र से देखना चाहिए।” इसकी एक मिसाल देते हुए, इफिसियों 4:17-19 पढ़िए।
प्रहरीदुर्ग नवं. 1
“हममें से कई लोग दूसरों के साथ मेल-मिलाप से रहने की पूरी कोशिश करते हैं। लेकिन मेरी तरह आप भी मानेंगे कि अकसर ऐसा करना बहुत मुश्किल होता है, है न? [जवाब के लिए रुकिए।] बाइबल बताती है कि यह इतना मुश्किल क्यों है। [याकूब 3:2 पढ़िए।] इस लेख में बताया गया है कि बिगड़े रिश्ते को बनाने और शांति कायम करने के लिए माफी माँगना क्यों बेहद ज़रूरी है।”