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km 11/02 पेज 7

प्रश्‍न बक्स

◼ जिस कलीसिया की टेरिट्री में हमारा घर पड़ता है, उसी कलीसिया में जाने के क्या फायदे हैं?

कलीसिया के इंतज़ाम से हमें प्रोत्साहन मिलता है, जिससे हम ‘प्रेम, और भले कामों में उसकाए’ जाते हैं। (इब्रा. 10:24, 25) कलीसिया में हम सच्चाई सीखते हैं और चेला बनाने के अपने काम को पूरा करने के काबिल बनते हैं। (मत्ती 28:19, 20) इतना ही नहीं, हम परीक्षाओं का वफादारी से सामना करने के लिए भी मज़बूत किए जाते हैं और दिन-ब-दिन बढ़नेवाले दबावों और चिंताओं से निपटने के लिए ओवरसियर प्यार से हमारी मदद करते हैं। जी हाँ, इसमें कोई शक नहीं कि आध्यात्मिक रूप से ज़िंदा रहने के लिए हमें कलीसिया की ज़रूरत है। लेकिन जिस कलीसिया की टेरिट्री में हमारा घर पड़ता है, उसी कलीसिया में जाने के क्या फायदे हैं?

माना कि हरेक के हालात एक जैसे नहीं होते और आखिर में हम जो फैसला करते हैं वह शायद कई बातों पर निर्भर हो जैसे कि हमारी नौकरी, अविश्‍वासी साथी, आने-जाने के साधन। लेकिन अगर एक व्यक्‍ति उसी कलीसिया के साथ संगति करता है जिसकी टेरिट्री में उसका घर पड़ता है तो ज़रूर उसे आध्यात्मिक रूप से और कई दूसरे तरीकों से भी फायदे होंगे। एक फायदा है, ज़रूरत की घड़ी में प्राचीन, सभी प्रकाशकों से फौरन मिल सकते हैं या उन तक खबर पहुँचा सकते हैं। दूसरे और भी कई फायदों के बारे में पिछले अंकों के प्रश्‍न बक्स में चर्चा की गयी है।—जून 1991, अँग्रेज़ी में अप्रैल 1976 और मार्च 1967.

आम तौर पर, देखा जाए तो सहूलियत के हिसाब से पास की कलीसिया की सभाओं में जाना फायदेमंद है। हम वहाँ जल्दी पहुँचकर दूसरों से बात कर सकते हैं साथ ही हम दूसरे ज़रूरी मामले भी निपटा सकते हैं और शुरू के गीत और प्रार्थना में शामिल हो सकते हैं। जब दिलचस्पी दिखानेवाले नए लोग हमारे आस-पड़ोस में रहते हैं तो उनसे मिलना आसान हो जाता है। हम उनके साथ बाइबल अध्ययन कर सकते हैं और उन्हें कलीसिया की सभाओं में आने को कह सकते हैं।

हमें पूरा विश्‍वास है कि अपने परिवार की आध्यात्मिक और शारीरिक भलाई के लिए क्या सबसे अच्छा है, इसका फैसला करने से पहले, परिवार के मुखिया इसमें शामिल सारी बातों के बारे में ध्यान से सोचेंगे और प्रार्थना में यहोवा से मदद माँगेंगे।—1 तीमु. 5:8.

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