सर्किट सम्मेलन की चर्चा
सन् 2005 के सेवा साल में होनेवाले सर्किट सम्मेलन के कार्यक्रम की झलक देने और बाद में चर्चा करने के लिए यह जानकारी इस्तेमाल की जाएगी। इस इंसर्ट के पेज 4 पर दिए लेख, “सम्मेलन कार्यक्रमों पर दोबारा विचार करने का नया इंतज़ाम” के तहत बताया गया है कि यह चर्चा कैसे की जाएगी। चर्चा के दौरान, समय को इस तरह बाँटिए कि सारे सवाल पूछने का वक्त मिले। चर्चा का मकसद इस बात पर ध्यान देना है कि हम सम्मेलन में दी गयी जानकारी को कैसे लागू कर सकते हैं।
पहले दिन की सुबह [या दोपहर] का सेशन
1. परमेश्वर की बुद्धि पाने में क्या बात हमारी मदद करेगी?
2. हमारे सर्किट के भाई-बहनों ने ज़्यादा-से-ज़्यादा लोगों को सुसमाचार सुनाने में कैसी मेहनत की है?
पहले दिन की दोपहर [या शाम] का सेशन
3. मसीहियों के लिए मन से निष्कलंक बने रहना क्यों ज़रूरी है? यह हम कैसे कर सकते हैं?
4. हम कैसे दिखा सकते हैं कि हम अपने भाइयों के साथ शांति कायम रखना चाहते हैं?
5. कोमलता या समझदारी से काम लेने का मतलब क्या है, और हम जिस तरह अपने समय का इस्तेमाल करते हैं, उसमें यह गुण कैसे दिखा सकते हैं?
6. शाऊल और नूह के उदाहरण से हम क्या सीखते हैं? हम किन तरीकों से ज़ाहिर कर सकते हैं कि हम ‘आज्ञा मानने को तैयार’ हैं? (याकू. 3:17, NW)
7. मसीही, दोरंगी ज़िंदगी जीने से कैसे खबरदार रह सकते हैं?
8. परमेश्वर की बुद्धि की बातें दूसरों को बताने में हम पौलुस की मिसाल पर कैसे चल सकते हैं?
दूसरे दिन की सुबह का सेशन
9. हम किस तरह के कामों का पीछा करेंगे, यह चुनाव करते वक्त हमें क्यों सावधानी बरतनी चाहिए, और ऐसा करने में क्या बात हमारी मदद करेगी?
10. बिना नागा सभाओं में हाज़िर होने के लिए हमारे सर्किट के भाई-बहन कैसी मेहनत कर रहे हैं, और ऐसा करने से उन्हें क्या फायदा हुआ है?
11. परिवार के मुखिया अपने घराने को कैसे मज़बूत कर सकते हैं?
12. सर्किट की किन ज़रूरतों की तरफ हमारा ध्यान दिलाया गया?
दूसरे दिन की दोपहर का सेशन
13. जैसे जन भाषण में बताया गया था, ऊपर से आनेवाली बुद्धि, धार्मिकता के कौन-से काम पैदा करती है?
14. खुद पर या ऐसे लोगों पर भरोसा करना क्यों बेवकूफी है जो परमेश्वर की बुद्धि के मुताबिक नहीं चलते? हमें किन पहलुओं में सावधान रहने की ज़रूरत है?
15. परमेश्वर की बुद्धि किन फँदों से हमें बचाती है?
16. सर्किट सम्मेलन के कार्यक्रम में दी गयी सलाहों को मानना क्यों ज़रूरी है?