अच्छी आदत डालिए, ढेरों आशीषें पाइए
1. आध्यात्मिक कामों को करने की अपनी आदत को जाँचना क्यों फायदेमंद है?
जब आप मसीही बनें, तो शुरू-शुरू में आपने बेशक आध्यात्मिक कामों को करने की अच्छी आदत डालने के लिए काफी मेहनत की होगी। जैसे बाइबल का अध्ययन करने, मसीही सभाओं में हाज़िर होने, प्रचार के लिए जाने और प्रार्थना करने की। नतीजा, यहोवा ने आपकी मेहनत पर आशीष दी और उसके साथ आपका रिश्ता मज़बूत हुआ। आज शायद आपको बपतिस्मा लिए कई साल बीत गए होंगे। मगर क्या आध्यात्मिक कामों को करने की आपकी अच्छी आदत, आज भी बरकरार है?
2. रोज़ बाइबल पढ़ने से हमें क्या फायदे होते हैं?
2 अपने कार्यक्रम की जाँच कीजिए: क्या आपको हर रोज़ परमेश्वर के वचन का एक हिस्सा पढ़ने की आदत है? अगर हम ऐसा करेंगे, तो हमें ढेरों आशीषें मिलेंगी! (यहो. 1:8; भज. 1:2,3) प्राचीन इस्राएल के सभी राजाओं को यह हुक्म दिया गया था कि वे अपने लिए परमेश्वर की व्यवस्था की एक नकल बनाएँ और उसे “जीवन के सब दिन” (NHT) पढ़ा करें। ऐसा करने से उन्हें क्या फायदे होते? वे दिल से नम्र बनते और यहोवा का भय मानना सीखते ताकि वे परमेश्वर की आज्ञाओं से कभी मुँह न मोड़ें। (व्यव. 17:18-20) उसी तरह, आज रोज़ बाइबल पढ़ने से हमें इस बुरे और भ्रष्ट संसार में निर्दोष और भोले बने रहने में, साथ ही अपनी सेवा के लिए पूरी तरह तैयार रहने में भी मदद मिलती है।—फिलि. 2:15; 2 तीमु. 3:17.
3. बिना नागा सभाओं में हाज़िर होने से हमें क्या आशीषें मिलती हैं?
3 जब यीशु इस धरती पर था तो आराधनालय जाना उसका दस्तूर था, जहाँ शास्त्रवचनों पर चर्चा होती थी। (लूका 4:16) बेशक, इससे वह आगे आनेवाली आज़माइशों का सामना करने के लिए मज़बूत हुआ होगा। वैसे ही, आज कलीसिया की सभाओं में जो हिदायतें दी जाती हैं और भाई-बहन “एक दूसरे” को जो बढ़िया ‘प्रोत्साहन’ देते हैं, उससे हमारा विश्वास मज़बूत होता है। (रोमि. 1:12, NHT) इस तरह जब हम मसीही सभाओं में अपने भाई-बहनों के साथ इकट्ठे होते हैं, तो हमें इन अंतिम दिनों की तकलीफों को सहने की ताकत मिलती है। (इब्रा. 10:24,25) हर मसीही सभा में हाज़िर होना क्या आज भी आपका दस्तूर है?
4. हर हफ्ते प्रचार में हिस्सा लेने से हमें क्या फायदे होते हैं?
4 बाइबल बताती है कि यीशु के प्रेरित, “प्रति दिन मन्दिर में और घर घर में” खुशखबरी का ऐलान करते थे। (प्रेरि. 5:42) हो सकता है, हमारे लिए हर दिन प्रचार करना मुमकिन न हो, मगर क्या हम हर हफ्ते किसी-न-किसी तरीके से गवाही देने की आदत बना सकते हैं? अगर हम ऐसा करेंगे, तो परमेश्वर के वचन का इस्तेमाल करने में हम और भी माहिर हो जाएँगे। साथ ही, हमें दूसरों के साथ बाइबल की सच्चाई बाँटने के बढ़िया अनुभव भी मिलेंगे।
5. यहोवा से हर दिन प्रार्थना करना क्यों ज़रूरी है?
5 दानिय्येल नबी ने ज़िंदगी-भर यहोवा की “नित्य” सेवा की थी, इसलिए उसे बेशुमार आशीषें मिलीं। उसे हर दिन यहोवा से प्रार्थना करने की भी आदत थी। (दानि. 6:10,16,20) उसी तरह, अगर हम रोज़ दिल खोलकर यहोवा से प्रार्थना करेंगे तो वह हमें अपनी पवित्र आत्मा देगा। (लूका 11:9-13) इससे भी बढ़कर, वह हमारे करीब आएगा और हम उसके साथ एक नज़दीकी रिश्ते का आनंद उठा पाएँगे। (याकू. 4:8) है ना, यह एक शानदार इनाम! इसलिए आइए हम आध्यात्मिक कामों को करने की अपनी अच्छी आदत बनाए रखें और यहोवा से ढेरों आशीषें पाएँ।