पत्रिकाएँ पेश करने के लिए क्या कहना चाहिए
प्रहरीदुर्ग फर. 1
“ज़्यादातर लोग मानते हैं कि सच बोलना ज़रूरी है। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि सच बोलना इतना ज़रूरी क्यों है? [जवाब के लिए रुकिए और फिर इफिसियों 4:25 पढ़िए। पेज 4 पर दिया लेख दिखाइए।] यह लेख न सिर्फ यह बताता है कि झूठ क्या है, बल्कि हमें हमेशा सच बोलने का बढ़ावा भी देता है।”
सजग होइए! जन.-मार्च
“क्या आपने कभी सोचा है कि अगर प्यार करनेवाला, न्यायी और शक्तिशाली परमेश्वर वजूद में है, तो दुनिया में इतनी सारी दुःख-तकलीफें क्यों हैं? [जवाब के लिए रुकिए।] गौर कीजिए कि यह वचन क्या बताता है कि दुःख-तकलीफों के लिए कौन ज़िम्मेदार है। [1 यूहन्ना 5:19 पढ़िए।] यह पत्रिका, बाइबल से समझाती है कि परमेश्वर, दुःख-तकलीफों को मिटाने के लिए क्या कर रहा है।”
प्रहरीदुर्ग मार्च 1
“कुछ लोगों को लगता है कि इंसान पृथ्वी को बरबाद कर रहा है। क्या आपको कभी इस बात से चिंता हुई है? [जवाब के लिए रुकिए।] ध्यान दीजिए कि इसमें क्या ही भरोसेमंद वादा किया गया है। [प्रकाशितवाक्य 11:18 पढ़िए।] यह पत्रिका बताती है कि हमारा ग्रह क्यों अनोखा है। इसमें यह भी बताया गया है कि बाइबल, इस पृथ्वी के भविष्य के बारे में क्या कहती है।”
सजग होइए! जन.-मार्च
“आज बहुत-से जवान लोगों को यह पसंद नहीं कि उनके माता-पिता उनके लिए नियम बनाएँ। मैं आपको एक बुद्धिमान आदमी की बात पढ़कर सुनाना चाहता हूँ और इस बारे में आपकी राय भी जानना चाहता हूँ। [नीतिवचन 6:20 पढ़िए और फिर जवाब के लिए रुकिए। पेज 10 पर दिया लेख दिखाइए।] यह लेख जवानों को यह समझने में मदद देता है कि वे कैसे अपने माता-पिता के बनाए घर के नियमों को मान सकते हैं।”