पत्रिकाएँ पेश करने के लिए क्या कहना चाहिए
प्रहरीदुर्ग मार्च 1
“आजकल बहुत-से परिवार खुश नहीं हैं। क्या बात है जो एक जोड़े को अपनी शादीशुदा ज़िंदगी में कामयाब होने में मदद दे सकती है? [जवाब के लिए रुकिए। इफिसियों 5:33 पढ़िए और पेज 9 खोलकर दिखाइए जहाँ से लेखों की शुरूआत होती है।] इन श्रृंखला-लेखों में बताया गया है कि परिवार में एक पति और पत्नी की क्या भूमिका होती है। साथ ही, इनमें ऐसी व्यावहारिक सलाहें भी दी गयी हैं, जिनकी मदद से वे अपने पारिवारिक जीवन को खुशहाल बना सकते हैं।”
सजग होइए! जन.-मार्च
“कुछ लोगों को लगता है कि जो कुछ भी होता है, उसके लिए परमेश्वर ज़िम्मेदार है। जब किसी आफत का कहर टूटता है, तो वे कहते हैं कि परमेश्वर ने ज़रूर किसी वाजिब कारण से यह आफत लायी होगी। इस बारे में आपकी क्या राय है? [जवाब के लिए रुकिए। फिर याकूब 1:13 पढ़िए।] यह पत्रिका, बाइबल से समझाती है कि दुःख-तकलीफों की असली जड़ क्या है और इसे मिटाने के लिए परमेश्वर क्या कर रहा है।”
प्रहरीदुर्ग अप्रै. 1
“आए दिन हमारे सामने सेहत, परिवार और काम को लेकर कई सवाल खड़े होते हैं। आपको क्या लगता, इन सवालों के जवाब में हमें भरोसेमंद और व्यावहारिक सलाह कहाँ से मिल सकती है? [जवाब के लिए रुकिए।] गौर कीजिए कि इस बारे में बाइबल 2 तीमुथियुस 3:16 में क्या कहती है। [पढ़िए।] यह पत्रिका दिखाती है कि बाइबल कैसे कई व्यावहारिक तरीकों से हमारी मदद कर सकती है।”
सजग होइए! अप्रै.-जून
“आपको क्या लगता है, क्या हम यहाँ लिखी बात को कभी सच होते देख पाएँगे? [यशायाह 33:24 पढ़िए। फिर जवाब के लिए रुकिए।] इस पत्रिका में समझाया गया है कि चिकित्सा क्षेत्र में क्या-क्या तरक्कियाँ हो रही हैं और बाइबल के वादे कैसे पूरे होंगे।”