अपने बच्चों को यहोवा की स्तुति करना सिखाइए
1. क्या छोटे बच्चे यहोवा की स्तुति कर सकते हैं?
भजन 148:12, 13 में लड़के-लड़कियों को “यहोवा के नाम की स्तुति” करने का बढ़ावा दिया गया है। बाइबल ऐसे कई छोटे बच्चों की मिसालें देती है, जिन्होंने यहोवा के नाम की स्तुति की थी। जैसे, “शमूएल जो बालक था . . . यहोवा के साम्हने सेवा टहल किया करता था।” (1 शमू. 2:18) वह “एक छोटी लड़की” ही थी जिसने नामान की पत्नी को बताया कि इस्राएल में यहोवा का एक नबी है, जो नामान का कोढ़ दूर कर सकता है। (2 राजा 5:1-3) जब यीशु ने मंदिर में आकर बड़े-बड़े चमत्कार किए, तो “लड़कों” ने ही पुकारकर कहा: “दाऊद के सन्तान को होशाना।” (मत्ती 21:15) आज माता-पिता अपने बच्चों को यहोवा की स्तुति करना कैसे सिखा सकते हैं?
2. यह क्यों ज़रूरी है कि माता-पिता अपने बच्चों के लिए एक अच्छी मिसाल रखें?
2 अपनी मिसाल से: इस्राएली पिताओं को यह हिदायत दी गयी थी कि अपने बच्चों के दिल में सच्चाई बिठाने से पहले खुद उन्हें यहोवा से प्यार करना था और अपने दिल में उसकी आज्ञाओं को बसाना था। (व्यव. 6:5-9) अगर आप अपने बच्चों को प्रचार के बारे में हौसला बढ़ानेवाली बातें कहें और इसे हर हफ्ते के अपने शेड्यूल का एक अहम हिस्सा बनाएँ, तो आपके बच्चे भी यही नज़रिया रखेंगे कि प्रचार करना बहुत ज़रूरी है और इससे ढेरों खुशियाँ मिलती हैं।
3. एक बहन को अपने माता-पिता की मिसाल से क्या फायदा हुआ है?
3 एक बहन अपने बचपन के दिनों को याद करके कहती है: “हर शनिवार-रविवार के दिन प्रचार में जाना हमारे परिवार के शेड्यूल का एक ज़रूरी हिस्सा था। मैं देख सकती थी कि मेरे मम्मी-डैडी को प्रचार करना कितना अच्छा लगता था। इससे हम बच्चों को यकीन हो गया था कि वाकई, प्रचार काम से सच्ची खुशी मिलती है।” यह बहन सात साल की उम्र में बपतिस्मा-रहित प्रचारक बनी और आज, वह पिछले 33 सालों से पूरे समय की सेवा कर रही है।
4. बच्चों को लगातार तालीम देने का क्या मतलब है?
4 तरक्की करने के लिए लगातार तालीम देने से: प्रचार में हिस्सा लेते वक्त अपने बच्चों को भी शामिल कीजिए। कैसे? वे दरवाज़े की घंटी बजा सकते हैं, घर-मालिक को ट्रैक्ट दे सकते हैं, या फिर बाइबल से एक आयत पढ़ सकते हैं। इस तरह, प्रचार में उन्हें मज़ा आएगा और राज्य का संदेश बाँटने में उनका आत्म-विश्वास बढ़ेगा। जैसे-जैसे वे बड़े होते जाते हैं, उन्हें प्रचार में हिस्सा लेने में और भी तरक्की करनी चाहिए। इसलिए इस मामले में उनकी मदद कीजिए। साथ ही, उन्हें ऐसे लक्ष्य रखने का बढ़ावा दीजिए, जिनसे वे अपनी सेवा में निखार ला सकें।
5. एक बच्चे को बपतिस्मा-रहित प्रचारक बनने के लिए क्या माँगें पूरी करना ज़रूरी है?
5 जैसे ही आपको लगता है कि आपके बच्चे बपतिस्मा-रहित प्रचारक बनने के काबिल हो गए हैं और खुद बच्चे भी प्रचारक बनने की इच्छा ज़ाहिर करते हैं, तो प्राचीनों से फौरन बात कीजिए। प्रचारक बनने से उन्हें यहोवा की स्तुति करने की अपनी ज़िम्मेदारी का एहसास होगा। यह बात याद रखिए, एक बच्चे में बपतिस्मा-रहित प्रचारक बनने के लिए उतना ज्ञान होना ज़रूरी नहीं, जितना कि बपतिस्मा पाए हुए बड़ों में होता है। क्या आपका बच्चा बाइबल की बुनियादी शिक्षाओं को समझता है? क्या वह सही-गलत के बारे में बाइबल के स्तरों पर चलता है? और क्या वह प्रचार में हिस्सा लेना और यहोवा का एक साक्षी कहलाना चाहता है? अगर हाँ, तो प्राचीन शायद यह तय करें कि वह बपतिस्मा-रहित प्रचारक बनने के काबिल है।—किताब यहोवा की इच्छा पूरी करने के लिए संगठित के पेज 79-82 देखिए।
6. अपने बच्चों को तालीम देने से माता-पिताओं को क्या नतीजे मिलते हैं?
6 बच्चों को दिल से यहोवा की स्तुति करना सिखाना आसान नहीं। इसमें बहुत मेहनत लगती है। लेकिन जब माँ-बाप देखते हैं कि उनकी मेहनत रंग लायी है और बच्चे आध्यात्मिक तरक्की कर रहे हैं, तो उनकी खुशी का ठिकाना नहीं रहता। और सबसे बढ़कर यहोवा को खुशी होती है जब बच्चे उसके अद्भुत कामों के बारे में दूसरों को बताते हैं।