अपने बच्चों को प्रचारक बनने के लिए तालीम दीजिए
1. भजन 148:12, 13 में मसीही माता-पिताओं को क्या करने के लिए ज़ोर दिया गया है?
यहोवा नौजवानों को अपनी स्तुति करने का न्यौता देता है। (भज. 148:12, 13) इसलिए मसीही माता-पिता अपने बच्चों को बाइबल सच्चाइयाँ और परमेश्वर के नैतिक नियम सिखाने के अलावा और भी बहुत कुछ करते हैं। वे उन्हें खुशखबरी के प्रचारक बनने के लिए तालीम देते हैं। तालीम देने का यह काम, समय के साथ और भी अच्छे तरीके से कैसे किया जा सकता है?
2. माता-पिता की अच्छी मिसाल का उनके बच्चों पर कैसा असर हो सकता है?
2 अच्छी मिसाल: न्यायी गिदोन ने अपने 300 आदमियों से कहा: “मुझे देखो, और वैसा ही करो।” (न्यायि. 7:17) बच्चे अकसर अपने माता-पिता को बहुत ध्यान से देखते हैं और उनकी नकल करते हैं। एक पिता की मिसाल पर गौर कीजिए। वह रात को काम करता है, लेकिन शनिवार की सुबह काम से लौटने पर हालाँकि वह बहुत थका होता है, वह अपने बच्चों को प्रचार में ले जाता है। इस तरह वह अपने बच्चों को बिना एक शब्द कहे यह सिखा रहा है कि प्रचार काम ज़्यादा अहमियत रखता है। (मत्ती 6:33) क्या आपके बच्चे आपको उपासना के अलग-अलग पहलुओं का आनंद उठाते देखते हैं, जैसे प्रार्थना करना, बाइबल पढ़ना, सभाओं में जवाब देना और प्रचार में हिस्सा लेना? बेशक आप अपने बच्चों के सामने सिद्ध मिसाल नहीं रख सकते। लेकिन जब आपके बच्चे देखेंगे कि यहोवा की सेवा में आप कितनी मेहनत कर रहे हैं, तब वे यहोवा की उपासना करने में आपकी शिक्षाओं पर ज़्यादा कान देंगे।—व्यव. 6:6, 7; रोमि. 2:21, 22.
3. समय के चलते, माता-पिताओं को अपने बच्चों के आगे कौन-से आध्यात्मिक लक्ष्य रखने चाहिए?
3 आगे बढ़ने के लिए लक्ष्य रखिए: माता-पिता बिना थके अपने बच्चों को सिखाते रहते हैं कि उन्हें कैसे चलना, बात करना और कपड़े पहनना चाहिए वगैरह। जैसे-जैसे बच्चा बड़ा होता और अपने लक्ष्य हासिल करता है, वैसे-वैसे उसके सामने नए लक्ष्य रखे जाते हैं। अगर माता-पिता मसीही हैं तो वे अपने बच्चे को उसकी उम्र और काबिलीयत के मुताबिक आध्यात्मिक लक्ष्य रखने और उन्हें हासिल करने में मदद करते हैं। (1 कुरिं. 9:26) क्या आप अपने बच्चे को सभा में अपने शब्दों में जवाब देना और परमेश्वर की सेवा स्कूल में अपना भाषण खुद तैयार करना सिखा रहे हैं? (भज. 35:18) क्या आप उन्हें प्रचार के अलग-अलग तरीकों में हिस्सा लेने की तालीम दे रहे हैं? क्या आप उनके सामने बपतिस्मा लेने और पूरे समय की सेवा करने का लक्ष्य रख रहे हैं? क्या आप उन्हें ऐसे हँसमुख और जोशीले प्रचारकों के साथ समय बिताने देते हैं, जो उन्हें बढ़ावा दे सकें?—नीति. 13:20.
4. जब माता-पिता छुटपन से बच्चों को तालीम देना शुरू कर देते हैं, तो बच्चों को क्या फायदा होता है?
4 भजनहार ने कहा: “हे परमेश्वर, तू तो मुझ को बचपन ही से सिखाता आया है, और अब तक मैं तेरे आश्चर्य कर्मों का प्रचार करता आया हूं।” (भज. 71:17) बच्चों को छुटपन से ही प्रचारक बनने की तालीम देना शुरू कीजिए। आप अपने बच्चों को अभी जो आध्यात्मिक नींव डालने में मदद देंगे, उससे उन्हें आगे चलकर ज़रूर फायदा मिलेगा!—नीति. 22:6.