निजी और पारिवारिक बाइबल अध्ययन निहायत ज़रूरी है!
1 पहली सदी के शासी निकाय की तरह, आज के शासी निकाय को भी यहोवा के लोगों की खैरियत की फिक्र है। (प्रेरि. 15:6, 28) जैसे-जैसे बड़ा क्लेश नज़दीक आ रहा है, वह चाहता है कि हरेक राज्य प्रचारक का यहोवा के साथ एक मज़बूत रिश्ता हो। कलीसिया पुस्तक अध्ययन में हाज़िर होने में आप जो समय लगाते हैं, आगे चलकर आप उसका कैसे इस्तेमाल करेंगे? सभी को बढ़ावा दिया जाता है कि वे उस समय का फायदा उठाकर अपने परिवार के साथ मिलकर यहोवा की उपासना करें। इस तरह समय का बुद्धिमानी से इस्तेमाल करने से हम परमेश्वर के प्रेरित वचन का और भी गहराई से अध्ययन कर पाएँगे। नतीजा, हम जीवन देनेवाले जल से पूरा फायदा उठा पाएँगे।—भज. 1:1-3; रोमि. 11:33, 34.
2 उपासना की शाम: यहोवा ने परिवार के मुखियाओं को यह ज़िम्मेदारी दी है कि वे अपने परिवार के साथ नियमित तौर पर बाइबल अध्ययन करें, जिससे सभी सदस्यों को फायदा हो। इसलिए मुखियाओं को यह बढ़ावा दिया जाता है कि वे अपनी यह ज़िम्मेदारी अच्छी तरह निभाएँ। (व्यव. 6:6, 7) अविवाहित भाई-बहनों के बारे में क्या? उन्हें उभारा जाता है कि वे निजी बाइबल अध्ययन करने और खोजबीन करने में वक्त लगाएँ। हम सभी के लिए ‘समय मोल लेकर’ अध्ययन और मनन करना बेहद ज़रूरी है। क्योंकि तभी हम इन ‘बुरे दिनों’ में यहोवा के साथ मज़बूत रिश्ता बनाए रख पाएँगे।—इफि. 5:15, 16, NW.
3 क्या अध्ययन करें: बाइबल अध्ययन को मज़ेदार बनाने के लिए आप वॉच टावर पब्लिकेशन्स इंडैक्स या सीडी-रॉम पर वॉचटावर लाइब्रेरी से जानकारी चुन सकते हैं। मसीही परिवार चाहे तो प्रहरीदुर्ग के लेखों पर चर्चा कर सकते हैं। जैसे, “सुखी परिवार का राज़,” “अपने बच्चों को सिखाइए” और “हमारे नौजवानों के लिए।” इसके अलावा, सजग होइए! पत्रिका के हर अंक में “युवा लोग पूछते हैं” लेख छपता है। साथ ही, कुदरत की कमाल की रचनाओं के बारे में भी बड़े दिलचस्प लेख दिए जाते हैं। मसीही परिवार इन लेखों का भी अध्ययन कर सकते हैं।
4 जब आप अपने परिवार के साथ मिलकर बाइबल पढ़ते हैं, तो हड़बड़ी में नहीं बल्कि इतमीनान से पढ़िए। इससे परिवार के हर सदस्य को पढ़ी जानेवाली बात याद रखने और परमेश्वर के सिद्धांत अपने दिलो-दिमाग में बैठाने में मदद मिलेगी। (इब्रा. 4:12) कभी-कभी आप संगठन का तैयार किया गया कोई वीडियो भी देख सकते हैं और फिर उस पर चर्चा कर सकते हैं। आपके पास यह एक बढ़िया मौका है, जिसमें आप अलग-अलग विषयों पर चर्चा कर सकते हैं। साथ ही, आप अध्ययन चलाने की नयी-नयी तरकीबें आज़मा सकते हैं। आप चाहे तो अपने बीवी-बच्चों से भी पूछ सकते हैं कि वे क्या अध्ययन करना चाहेंगे और कैसे।
5 आज के समय में क्यों ज़रूरी है: अगर हम यहोवा के साथ अपना रिश्ता मज़बूत करेंगे, तो हम ‘दृढ़ खड़े रहने और यहोवा के उद्धार को देखने’ के लिए तैयार होंगे। (निर्ग. 14:13, NW) “टेढ़े और हठीले लोगों के बीच” रहकर अपने बच्चों की अच्छी परवरिश करने के लिए माता-पिताओं को परमेश्वर के मार्गदर्शन की ज़रूरत है। (फिलि. 2:15) दूसरी तरफ, बच्चों को भी मदद की सख्त ज़रूरत है, ताकि वे स्कूल में गिरते नैतिक स्तरों को ठुकरा सकें। (नीति. 22:3, 6) यही नहीं, पति-पत्नियों को अपनी ‘तीन तागे की डोरी’ मज़बूत बनाए रखनी चाहिए। यानी उनकी शादीशुदा ज़िंदगी में यहोवा का होना बहुत ज़रूरी है। (सभो. 4:12) तो फिर आइए, हम सभी बचे हुए वक्त का बुद्धिमानी से इस्तेमाल करें और खुद को “अति पवित्र विश्वास” में बनाए रखें!—यहू. 20.
[अध्ययन के लिए सवाल]
1. आज के शासी निकाय को किस बात की फिक्र है? और क्यों?
2. हरेक परिवार को एक शाम उपासना के लिए क्या करना चाहिए?
3, 4. हम क्या अध्ययन कर सकते हैं? अध्ययन करने का हमारा क्या मकसद होना चाहिए?
5. आज के समय में, निजी और पारिवारिक बाइबल अध्ययन क्यों इतना ज़रूरी है?