अपनी प्रचार सेवा को अनमोल समझिए
1. दुनिया में लोग हमारे प्रचार काम के प्रति कैसा नज़रिया रखते हैं?
शैतान की इस दुनिया में बहुत-से लोग हमारे काम को “मूर्खता” समझते हैं। (1 कुरिं. 1:18-21) अगर हम सावधान न रहें तो लोगों की यह गलत सोच हमें निराश कर सकती है या प्रचार में हमारा जोश कम कर सकती है। (नीति. 24:10; यशा. 5:20) यहोवा का साक्षी होना हमारे लिए सम्मान की बात है। किन वजहों से हमें इस सम्मान की कदर करनी चाहिए?—यशा. 43:10.
2. प्रचार सेवा को “पवित्र काम” क्यों कहा जा सकता है?
2 एक “पवित्र काम”: प्रेषित पौलुस ने सेवा को “पवित्र काम” कहा। (रोमि. 15:15, 16) हमारी प्रचार सेवा किन मायनों में “पवित्र” है? जब हम इस काम में हिस्सा लेते हैं तो हम “पवित्र परमेश्वर” यहोवा के “सहकर्मी” बनते हैं और उसके नाम को पवित्र करने में अपना योगदान देते हैं। (1 कुरिं. 3:9; 1 पत. 1:15) यहोवा हमारे प्रचार काम को “गुणगान का बलिदान” समझता है इसलिए प्रचार सेवा हमारी उपासना का खास पहलू है।—इब्रा. 13:15.
3. खुशखबरी का प्रचार करना, क्यों हमारे लिए बड़े सम्मान की बात है?
3 खुशखबरी का प्रचार करना एक ऐसा बड़ा सम्मान है जो बहुत कम लोगों को मिला है। अगर स्वर्गदूतों को यह काम दिया जाता तो वे इसे खुशी-खुशी करते और बेशक इस ज़िम्मेदारी को बड़ी कुशलता से निभाते। (1 पत. 1:12) फिर भी यहोवा ने “मिट्टी के बरतनों” यानी हम असिद्ध इंसानों को यह सम्मान दिया है।—2 कुरिं. 4:7.
4. हम कैसे दिखाते हैं कि हम अपनी प्रचार सेवा को बहुत अनमोल समझते हैं?
4 एक अहम काम: हम प्रचार सेवा के सम्मान की बहुत कदर करते हैं इसलिए हम इसे अपने जीवन में “ज़्यादा अहमियत रखनेवाली बातों” में से एक समझते हैं। (फिलि. 1:10) इसलिए हम हर हफ्ते इसमें हिस्सा लेने के लिए समय निकालते हैं। जो संगीतकार दुनिया के मशहूर ऑक्रेस्ट्रा में साज़ बजाने को एक बहुत बड़ा सम्मान समझता है, वह अपने हर प्रदर्शन को पेश करने से पहले खूब तैयारी करेगा। वह अपनी कला को निखारने के लिए मेहनत करता रहेगा। उसी तरह प्रचार में जाने से पहले हम भी अच्छी तैयारी करेंगे, जिससे “सच्चाई के वचन को सही तरह से इस्तेमाल” कर सकें और अपनी “सिखाने की कला” को निखार सकें।—2 तीमु. 2:15; 4:2.
5. कौन हमारी सेवा की कदर करता है?
5 दुनिया के लोगों का नज़रिया आपको निराश न करने पाए। याद रखिए, हमारे इलाके में अब भी ऐसे कई लोग हैं, जिन्हें हमारा उनके पास जाकर खुशखबरी सुनाना पसंद है। लेकिन हम लोगों को खुश करने के लिए यह काम नहीं करते बल्कि हमारे लिए अहम बात यह है कि यहोवा इसके बारे में कैसा महसूस करता है। बेशक वह हमारी मेहनत की कदर करता है।—यशा. 52:7.