प्रचार से पहले, आपको तलाश काम में हिस्सा लेना पड़ सकता है
1. अलग-अलग भाषाएँ बोलनेवाले इलाकों में क्यों भाषा के मुताबिक मंडलियों को प्रचार का इलाका दिया जाता है?
1 ईसा पूर्व पिन्तेकुस्त 33 के दिन पवित्र शक्ति मिलने के बाद, यीशु के प्रेषित वहाँ मौजूद दूर-दराज़ इलाकों से आए लोगों के साथ, “अलग-अलग भाषाएँ बोलने लगे।” (प्रेषि. 2:4) इसका नतीजा यह हुआ कि 3,000 लोगों ने बपतिस्मा लिया। गौर करनेवाली बात है कि वहाँ आए सैलानियों में शायद एक आम भाषा भी बोली जाती थी, इब्रानी या यूनानी। फिर भी, यहोवा ने उन लोगों को उनकी अपनी भाषा में राज संदेश सुनाने का इंतज़ाम किया। इसकी एक वजह यह है कि जब लोगों को उनकी अपनी भाषा में खुशखबरी सुनायी जाती है, तो वे तुरंत इसे सुनने के लिए राज़ी हो जाते हैं। इसलिए आज उन इलाकों में जहाँ अलग-अलग भाषाएँ बोलनेवाले लोग रहते हैं, वहाँ की हर मंडली को उसकी भाषा के मुताबिक प्रचार का इलाका दिया जाता है। (संगठित पेज 107, पैरा. 2-3) भाषा समूहों का अपना प्रचार इलाका नहीं होता। मगर वे देखरेख करनेवाली मंडली और आस-पास की मंडलियों के इलाके में प्रचार करते हैं। समूह सिर्फ उन लोगों पर ध्यान देता है जो उनकी भाषा बोलते हैं।
2. (क) तलाश काम क्या है, इसकी ज़रूरत कहाँ पड़ सकती है? (ख) उन इलाकों की मंडलियाँ कैसे एक-दूसरे की मदद कर सकती हैं, जहाँ अलग-अलग भाषाएँ बोली जाती हैं? (ग) अगर दूसरी भाषा बोलनेवाला कोई व्यक्ति दिलचस्पी दिखाता है, तो हमें क्या करने की ज़रूरत है?
2 अगर आप ऐसे इलाके में रहते हैं, जहाँ सभी एक ही भाषा बोलते हैं, तो आप वहाँ आमतौर पर घर-घर प्रचार करते हैं। लेकिन वहीं, अगर आप ऐसे किसी इलाके में रहते हैं जहाँ अलग-अलग भाषाएँ बोली जाती हैं, तो शायद आपको कुछ और कदम उठाने की ज़रूरत पड़े। हो सकता है, दूसरी भाषा बोलनेवाली मंडलियाँ भी उसी इलाके में प्रचार करें। अगर एक इलाके में ज़्यादातर लोग दूसरी मंडलियों की भाषाएँ बोलते हैं, तो अलग-अलग मंडली के सेवा निगरान एक ऐसा इंतज़ाम कर सकते हैं ताकि उनकी मंडलियाँ बारी-बारी से इलाके में प्रचार काम कर सकें। वहीं अगर इलाके में सिर्फ कुछ ही लोग मंडली या समूह की भाषा बोलते हैं तो वहाँ तलाश काम को संगठित करने की ज़रूरत पड़ सकती है। अगर दूसरी मंडलियों को कोई ऐसा व्यक्ति मिलता है जो आपकी भाषा बोलता हो तो वे आपको उसकी जानकारी देंगे, लेकिन खासतौर से ऐसे लोगों को ढूँढ़ने की ज़िम्मेदारी, भाषा बोलनेवाली मंडली या समूह पर ही आती है। (बक्स “एक-दूसरे की मदद कीजिए” देखिए।) इसलिए शायद आपको तलाश काम में हिस्सा लेने की ज़रूरत पड़े, ताकि आप उन लोगों को ढूँढ़ सकें जो मंडली या समूह की भाषा बोलते हैं। यह तलाश काम कैसे किया जा सकता है?
3. यह किस बात पर निर्भर करता है कि मंडली या समूह तलाश काम कहाँ करेंगे और उसमें कितना वक्त बिताएँगे?
3 तलाश काम को संगठित करना: ऐसे इलाके जहाँ अलग-अलग भाषाएँ बोली जाती हैं वहाँ तलाश काम में कितना समय बिताया जाएगा, यह वहाँ के हालात पर निर्भर करता है। मिसाल के लिए, उस इलाके में कितने लोग वह भाषा बोलते हैं? वहाँ प्रचारकों की गिनती कितनी है? मंडली या समूह के पास पहले से कितने पते हैं? तलाश काम में हिस्सा लेते वक्त मंडली को, आस-पड़ोस के हर इलाके में एक जैसा ध्यान देने की ज़रूरत नहीं है। मगर आप प्रचार इलाके की सीमा के अंदर ही, अधिक आबादीवाले इलाके और उन इलाकों में ज़्यादा ध्यान दे सकते हैं, जो मंडली से कुछ ही दूरी पर हैं। तलाश काम को अच्छी तरह संगठित करना बेहद ज़रूरी है, ताकि ज़्यादा-से-ज़्यादा लोगों को यहोवा का नाम पुकारने का मौका मिल सके।—रोमि. 10:13, 14.
4. (क) तलाश काम को कैसे संगठित किया जाना चाहिए? (ख) किन तरीकों से उन लोगों को ढूँढ़ा जा सकता है, जो आपकी भाषा बोलते हैं?
4 एक ही जगह पर बार-बार तलाश न करनी पड़े, इसके लिए अच्छा होगा कि प्राचीनों का निकाय खासतौर से सेवा निगरान, तलाश काम को संगठित करे और इसकी निगरानी करे। (1 कुरिं. 9:26) अलग-अलग भाषा समूह में बेहतर होगा कि कोई योग्य भाई जैसे प्राचीन या सहायक सेवक, समूह की अगुवाई करे जिसे देखरेख करनेवाली मंडली ने नियुक्त किया हो। कई मंडलियों और समूहों ने सिलसिलेवार ढंग से तलाश काम करने का इंतज़ाम किया है और इसकी शुरूआत वे डाइरेक्टरी या इंटरनेट की मदद से करते हैं। इस तरह वे उन नामों को इकट्ठा करते हैं जो उस भाषा में बहुत आम हैं। इसके बाद, वे टेलिफोन पर बात करके या फिर मुलाकात करके पता करते हैं कि इनमें से कितने पते उनके इलाके में आते हैं। अगर मुनासिब हो तो देखरेख करनेवाली मंडली के प्राचीनों का निकाय, समूह की मदद के लिए कभी-कभार तलाश काम में हिस्सा लेने के लिए पूरी मंडली को ही शामिल कर सकता है।—बक्स “उन लोगों को कैसे ढूँढ़े, जो आपकी भाषा बोलते हैं” देखिए।
5. (क) तलाश काम में हिस्सा लेनेवाले प्रचारकों को किन सुझावों पर ध्यान देना चाहिए? (ख) तलाश काम में हिस्सा लेते वक्त हम लोगों से क्या कह सकते हैं?
5 हर बार जब हम तलाश काम में हिस्सा लेते हैं, तो हमें उसका मकसद याद रखना चाहिए। यह काम भी हमारे प्रचार का हिस्सा है। इसलिए हमें ऐसे कपड़े पहनने चाहिए जैसे हम प्रचार में जाते वक्त पहनते हैं। कई भाई-बहनों ने पाया है कि पेशकश का अभ्यास करने और तलाश करते वक्त उसी भाषा में बात करने से, उन्हें जोश बनाए रखने और भाषा पर अपनी पकड़ मज़बूत करने में मदद मिली है। हम तलाश काम में जितने घंटे बिताते हैं उसे प्रचार सेवा की रिपोर्ट में जोड़ सकते हैं। मगर प्रचार इलाके का नक्शा और सूची बनाने में जो वक्त बिताते हैं, उसे नहीं जोड़ सकते। अगर हमें वह भाषा बोलनेवाला कोई व्यक्ति मिलता है, तो हमें उसे खुशखबरी सुनानी चाहिए और फिर तुरंत सेवा निगरान या किसी दूसरे भाई को इस बारे में जानकारी देनी चाहिए, ताकि इलाके से जुड़े रिकॉर्ड में इसे दर्ज़ किया जा सके। अगर उस व्यक्ति ने दिलचस्पी नहीं दिखायी, तब भी उसके बारे में जानकारी देना ज़रूरी है। हालाँकि तलाश काम अहमियत रखता है, मगर हमें संतुलन बनाए रखते हुए प्रचार के हर पहलू में हिस्सा लेना चाहिए।—बक्स “तलाश काम करते वक्त लोगों से क्या कहें” देखिए।
6. बधिरों की तलाश करने में आनेवाली कुछ खास चुनौतियाँ क्या हैं?
6 बधिरों की तलाश करना: बधिरों की तलाश करना एक अलग चुनौती है, इस काम में भी मेहनत और बिना हार माने लगे रहने की ज़रूरत है। एक बधिर व्यक्ति को उसके नाम, रंग-रूप या उसके पहनावे से नहीं पहचाना जा सकता। इसके अलावा, प्रचारकों के पूछने पर, हो सकता है बधिर के परिवारवाले और दोस्त, बधिरों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए उनके बारे में जानकारी देने से कतराएँ। आगे दिए सुझाव बधिरों को ढूँढ़ने में हमारी मदद करते हैं, लेकिन ये सुझाव दूसरी भाषा बोलनेवालों को ढूँढ़ते वक्त भी लागू किए जा सकते हैं।
7. (क) आवासीय इलाके में बधिरों की तलाश करते वक्त आप लोगों से क्या पूछताछ कर सकते हैं? (ख) हम घर-मालिक की झिझक कैसे दूर कर सकते हैं?
7 कई साइन-लैंग्वेज मंडलियों और समूहों ने, आवासीय या रिहाइशी इलाके (रेज़िडेन्शिल एरिया) में बधिरों की तलाश की, जिसमें उन्हें कामयाबी भी मिली। इन इलाकों में हो सकता है घर-मालिक अपने पड़ोसी, साथ काम करनेवाले या फिर साथ पढ़नेवाले को जानता हो जो साइन-लैंग्वेज इस्तेमाल करते हैं। शायद घर-मालिक ने सड़क पर कोई ऐसा चिन्ह गौर किया हो, जो आस-पड़ोस के लोगों को सचेत कराता है कि इस इलाके में बधिर बच्चे रहते हैं। हो सकता है, घर-मालिक का कोई रिश्तेदार बधिर हो। इस बात का ध्यान रखिए कि आपकी इस मुलाकात को शक की नज़र से भी देखा जा सकता है। इसलिए जब आप घर-मालिक से बात करते हैं, तो उनकी झिझक या डर दूर कीजिए। आप अपनी बातचीत दोस्ताना अंदाज़ में, कम शब्दों में, ईमानदारी से और आदर दिखाते हुए कर सकते हैं। कुछ भाइयों ने घर-मालिक से बधिरों की पूछताछ करते वक्त, बाइबल या दूसरे कुछ डीवीडी दिखाए, जिसके उन्हें अच्छे नतीजे भी मिले। फिर वे कहते हैं कि बधिरों से मिलने का उनका मकसद है, बाइबल में दी एक आशा के बारे में उनसे बात करना। अगर घर-मालिक जानकारी देने से झिझकता है, तो शायद वह आपसे मंडली की सभाओं का न्यौता ले या फिर आपका पता माँगे ताकि अपने बधिर रिश्तेदार या दोस्त को दे सके।
8. पास की मंडली कैसे साइन-लैंग्वेज मंडली की मदद कर सकती है?
8 साल में एक या दो दिन, साइन-लैंग्वेज की मंडली, दूसरी भाषा बोलनेवाली पास की मंडली को तलाश काम में मदद देने का न्यौता दे सकती है। वे दोनों मंडलियाँ साथ मिलकर महानगर के किसी बड़े प्रचार इलाके में बधिरों की तलाश कर सकती हैं। साइन-लैंग्वेज मंडली तलाश काम शुरू करने से पहले जो सभा रखेगी, उसमें वह इससे जुड़ी कुछ हिदायतें और एक प्रदर्शन भी शामिल कर सकती है। हर समूह में साइन-लैंग्वेज मंडली का एक प्रचारक शामिल किया जा सकता है और उसे एक नक्शा दिया जा सकता है जो बताता हो कि खास किस इलाके में तलाश काम करना है।
9. उस इलाके में तलाश काम कैसे किया जा सकता है, जहाँ बधिर संगति और मनोरंजन करने आते हैं या जहाँ उन्हें ज़रूरी सेवाएँ मिलती हैं?
9 ऐसे इलाकों का पता कीजिए, जहाँ बधिर संगति और मनोरंजन करने आते हैं या जहाँ उन्हें ज़रूरी सेवाएँ मिलती हैं। उन इलाकों में जाते वक्त प्रचारकों को चाहिए कि वे हालात के मुताबिक कपड़े पहनें। वहाँ मौजूद एक या दो बधिरों के आगे पेशकश रखिए न कि पूरे समूह से बात कीजिए। अगर बातचीत असरदार रहे, तो आप पते की अदला-बदली भी कर सकते हैं।
10. प्रचारक इलाके में कारोबार की जगहों पर कैसे तलाश काम कर सकते हैं?
10 दूसरा तरीका है नक्शा तैयार करना, जो दिखाए कि इलाके में किस-किस तरह का कारोबार होता है और वहाँ लोगों से मिलने का कौन-सा समय ठीक रहेगा। एक नक्शे में आप इलाके के पेट्रोल पंप दिखा सकते हैं। एक और नक्शे में आप ड्राईक्लीनिंग, लॉन्ड्री, रेस्तराँ, होटल या दूसरे तरह के कारोबार की जगह दिखा सकते हैं। अगर हर नक्शे में कुछ कारोबार बार-बार दिखाए जाएँ, तो प्रचारक एक ही तरीके की पेशकश इस्तेमाल कर सकते हैं जिससे उनका अनुभव और हुनर दोनों बढ़ेगा। मिसाल के लिए कुछ होटलवाले अकसर बधिर ग्राहकों को कमरा रहने के लिए देते हैं। अगर मुमकिन हो, तो हम वहाँ के मालिक से बात करके अपने आने का मकसद बता सकते हैं। फिर उन्हें डीवीडी के साथ मंडली की सभाओं का न्यौता देकर, उसे बधिरों को देने के लिए कह सकते हैं। कुछ कारोबार की जगहों पर हम यूँ ही पूछ सकते हैं कि क्या कोई कर्मचारी या ग्राहक, साइन-लैंग्वेज इस्तेमाल करता है। अगर इलाके में बधिरों के लिए कोई स्कूल है, तो हम उन्हें लाइब्रेरी में रखने के लिए कुछ डीवीडी दे सकते हैं।
11. तलाश काम क्यों प्रचार का एक ज़रूरी हिस्सा है?
11 एक ज़रूरी काम: समूह की भाषा बोलनेवाले लोगों को ढूँढ़ना बहुत मुश्किल हो सकता है। कुछ इलाके ऐसे हैं, जहाँ लोग घर जल्दी-जल्दी बदलते हैं और वहाँ नए लोग आ जाते हैं। ऐसे में इलाके का रिकॉर्ड ताज़ा-तरीन बनाए रखना, हमारे लिए एक चुनौती है। फिर भी, कई इलाके ऐसे हैं जहाँ तलाश काम में हिस्सा लेना भाई-बहनों के लिए प्रचार का एक ज़रूरी पहलू बनता जा रहा है। यहोवा जिसने हमें प्रचार काम की ज़िम्मेदारी दी है, वह भेदभाव नहीं करता। (प्रेषि. 10:34) उसकी “मरज़ी है कि सब किस्म के लोगों का उद्धार हो और वे सच्चाई का सही ज्ञान हासिल करें।” (1 तीमु. 2:3, 4) इसलिए आइए हम, यहोवा और एक-दूसरे का सहयोग दें ताकि अलग-अलग भाषाएँ बोलनेवालों में उन लोगों को ढूँढ़ सकें जिनका ‘उत्तम और भला दिल’ है।—लूका 8:15.
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एक-दूसरे की मदद कीजिए
अगर किसी मंडली या समूह को अपनी भाषा के लोगों को ढूँढ़ने में मदद चाहिए, ताकि उन्हें खुशखबरी सुनायी जा सके, ऐसे में सेवा निगरान दूसरी भाषा बोलनेवाली पास की मंडलियों के प्राचीनों से संपर्क कर सकता है। अच्छा होगा कि सिर्फ उन मंडलियों से संपर्क किया जाए, जो ज़्यादा दूर न हो या फिर जहाँ आपकी भाषा बोलनेवाले लोगों की गिनती ज़्यादा हो। संपर्क की गयी मंडलियाँ अपने प्रचारकों को बताएँगी कि अगर उन्हें फलाँ भाषा बोलनेवाला कोई मिले, तो वे उसका पता लिखकर सेवा निगरान को दे सकते हैं, ताकि वह पता गुज़ारिश की गयी मंडली तक पहुँचाया जा सके। इन मंडलियों के सेवा निगरान कुछ ऐसा तरीका निकाल सकते हैं, जिससे उन इलाकों में जहाँ अलग-अलग भाषाएँ बोली जाती हैं, वहाँ प्रचार काम किया जा सके। साथ ही, दिलचस्पी दिखानेवालों को उनकी भाषा बोलनेवाली मंडली या समूह में हाज़िर होने में मदद कर सकें।
अगर प्रचारक की मुलाकात दूसरी भाषा बोलनेवाले किसी ऐसे व्यक्ति से होती है जो खुशखबरी में सच्ची दिलचस्पी दिखाता है, (या किसी बधिर से होती है) तो आप जल्द-से-जल्द प्लीज़ फॉलो अप (S-43) फॉर्म भरकर मंडली के सचिव को दे सकते हैं। इससे उस व्यक्ति को जल्द ही आध्यात्मिक मदद मिल सकेगी।—राज-सेवा 5/11 पेज 3 देखिए।
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उन लोगों को कैसे ढूँढ़े, जो आपकी भाषा बोलते हैं
• दूसरों से पूछिए—बाइबल विद्यार्थी, परिवारवाले, साथ काम करनेवाले वगैरह।
• टेलिफोन डाइरेक्टरी की मदद से उन नामों को ढूँढ़िए जो उस भाषा में बहुत आम हैं। एक ऐसी टेलिफोन डाइरेक्टरी देखिए, जिसमें पते के आधार पर टेलिफोन नंबर दिए गए हों। आप इसे इंटरनेट या टेलिफोन कंपनी से पा सकते हैं।
• सूझ-बूझ दिखाते हुए सार्वजनिक जगहों पर पूछताछ कीजिए जैसे, इलाके की लाइब्रेरी, सरकारी दफ्तर और कॉलेज।
• इलाके में मिलनेवाला अखबार नियमित तौर पर पढ़िए और पता कीजिए कि फलाँ भाषा बोलनेवाले लोग, कोई सार्वजनिक समारोह या कार्यक्रम तो नहीं आयोजित कर रहे हैं।
• इलाके की ऐसी दुकानों और व्यापार केंद्रों पर जाइए, जहाँ वह भाषा बोलनेवाले लोगों की मदद की जाती है।
• अधिकारियों से इजाज़त लेने के बाद, आप एक टेबल पर साहित्य प्रदर्शित कर सकते हैं जैसे व्यापार की जगह, मॉल, कॉलेज, यूनिवर्सिटी या फिर यातायात केंद्रों पर, जहाँ वह भाषा बोलनेवाले लोग अकसर आते-जाते हैं।
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तलाश काम करते वक्त लोगों से क्या कहें
दोस्ताना अंदाज़ में और खुलकर बात करने से लोगों का शक दूर होता है। शुरूआत में ही अगर आप उन्हें उनकी भाषा में साहित्य दिखाएँगे तो अच्छा होगा।
घर-मालिक से नमस्ते कहने के बाद आप उनसे कह सकते हैं: “हम उन लोगों को ढूँढ़ रहे हैं जो ______ भाषा बोलते हैं। क्या आप ऐसे किसी व्यक्ति को जानते हैं, जिनसे हम बात कर सकते हैं?”
बधिरों की तलाश करते वक्त आप कुछ ऐसा कह सकते हैं: “नमस्ते। क्या मैं आपको कुछ दिलचस्प दिखा सकता हूँ? [वीडियो प्लेयर या वेबसाइट का इस्तेमाल करके साइन-लैंग्वेज में न्यू वर्ल्ड ट्रांस्लेशन बाइबल में से एक आयत का वीडियो दिखाइए।] बाइबल की यह आयत अमेरिकन साइन-लैंग्वेज में है। इसके अलावा हमारे पास दूसरे वीडियो भी मुफ्त में उपलब्ध हैं, जो बधिरों की आध्यात्मिक ज़रूरतें पूरी करने के लिए तैयार किए गए हैं। क्या आप ऐसे किसी व्यक्ति को जानते हैं जो बधिर है या जिसे सुनने में तकलीफ होती है और जो साइन-लैंग्वेज का इस्तेमाल करता है?” अगर घर-मालिक को कोई ऐसा व्यक्ति याद नहीं आता है, तो अच्छा होगा कि आप उन्हें कुछ जगहों के बारे में याद दिलाएँ, जहाँ शायद उन्होंने बधिरों को देखा हो जैसे काम की जगह, स्कूल या आस-पड़ोस में।