आनंदित मन से स्मारक की तैयारी कीजिए
1. स्मारक हमें क्या करने का खास मौका देता है?
1 इस साल स्मारक 26 मार्च, मंगलवार के दिन मनाया जाएगा। यह दिन हमें उस इंतज़ाम के लिए खुशी ज़ाहिर करने का खास मौका देता है, जो यहोवा ने हमारे उद्धार के लिए ठहराया है। (यशा. 61:10) इतना ही नहीं, स्मारक का दिन आने से पहले का जो समय है वह भी खुशनुमा होना चाहिए। इससे हमें खुद को तैयार करने में मदद मिलती है। वह कैसे?
2. स्मारक की अच्छी तैयारी करने के लिए क्या बात हमें उभारती है?
2 स्मारक के लिए खुद को तैयार करना: प्रभु का संध्या भोज बहुत खास है लेकिन इसे साधारण तरीके से मनाया जाता है। इसकी तैयारी हमें पहले से करने की ज़रूरत है, ताकि छोटी-छोटी बातों का भी ध्यान रखा जा सके। (नीति. 21:5) समारोह की जगह और समय पहले से तय कीजिए। साथ ही, स्मारक की निशानियों की तैयारी और जिस जगह पर यह मनाया जाएगा उसकी साफ-सफाई भी की जानी चाहिए। भाषण देनेवाले भाई को भी अपनी तरफ से तैयारी करके रखनी चाहिए। अटेंडंट और प्रतीक देनेवाले भाइयों को पहले से ही साफ-साफ हर बात की जानकारी होनी चाहिए। बेशक इनमें से बहुत-सी तैयारियाँ आपकी मंडली में अब तक हो चुकी होंगी। हम फिरौती के इंतज़ाम की कदर करते हैं और यही बात हमें उभारती है कि हम खुशी-खुशी इस खास मौके की तैयारी करें।—1 पत. 1:8, 9.
3. हम किस तरह प्रभु के संध्या भोज के लिए अपना मन तैयार कर सकते हैं?
3 अपना मन तैयार करना: स्मारक की अहमियत को समझने के लिए अपना मन तैयार करना भी बहुत ज़रूरी है। (एज्रा 7:10) हमें स्मारक के लिए दी खास बाइबल पढ़ाई और धरती पर यीशु के आखिरी दिनों की घटनाओं पर मनन करने के लिए, अलग से वक्त निकालना चाहिए। इतना ही नहीं, यीशु की दिखायी त्याग की भावना पर ध्यान देने से हमें उसकी मिसाल पर चलने की प्रेरणा मिलती है।—गला. 2:20.
4. फिरौती से मिलनेवाला कौन-सा फायदा आपको सबसे ज़्यादा खुशी देता है?
4 मसीह की मौत, विश्व पर हुकूमत करने के यहोवा के हक को बुलंद करती है। ये हमें पाप और मौत से आज़ाद कराती है। (1 यूह. 2:2) साथ ही, इससे हमारे लिए यहोवा के साथ अच्छा रिश्ता कायम करने और हमेशा की ज़िंदगी पाने का रास्ता खुल जाता है। (कुलु. 1:21, 22) यही नहीं, इससे हमें यहोवा को किए अपने समर्पण को पूरा करने और आखिर तक मसीह के चेले बने रहने में मदद मिलती है। (मत्ती 16:24) हमारी यही दुआ है कि जैसे-जैसे आप आनेवाले स्मारक की तैयारी करें और उसमें हाज़िर हों आपकी खुशी और बढ़ती जाए!