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राज-सेवा 9/13 पेज 4

पेशकश के नमूने

अक्टूबर के पहले शनिवार को बाइबल अध्ययन शुरू करने के लिए

“हर कोई कभी-न-कभी प्रार्थना करता है। यहाँ तक कि नास्तिक लोग भी मुश्‍किल समय में प्रार्थना करते हैं। क्या आपको लगता है कि परमेश्‍वर सभी प्रार्थनाएँ सुनता है? [जवाब के लिए रुकिए।] क्या मैं आपको शास्त्र पर आधारित जानकारी दिखा सकता हूँ, जो बतात है कि परमेश्‍वर हमारी प्रार्थनाएँ सुने इसके लिए हमें क्या करने की ज़रूरत है?” अगर घर-मालिक राज़ी होता है तो उसे अक्टूबर-दिसंबर की प्रहरीदुर्ग का आखिरी पेज दिखाइए और उसके साथ दूसरे सवाल पर और उसमें दी कम-से-कम एक आयत पर गौर कीजिए। पत्रिका पेश कीजिए और दोबारा मिलकर अगले सवाल पर चर्चा करने का इंतज़ाम कीजिए।

प्रहरीदुर्ग अक्टूबर से दिसंबर

कुछ लोग यह सोचकर हैरानी में पड़ जाते हैं कि क्यों परमेश्‍वर ने इतनी तकलीफें रहने दी हैं। क्या आपने इस बारे में कभी सोचा है? [जवाब के लिए रुकिए।] क्या मैं आपको सृष्टिकर्ता का किया वह वादा दिखा सकता हूँ, जिसमें मातम और दुख-दर्द खत्म करने की बात की गयी है? [अगर घर-मालिक दिलचस्पी दिखाता है तो प्रकाशितवाक्य 21:4 पढ़िए।] यह पत्रिका पाँच बुनियादी वजहों के बारे में बताती है कि आखिर क्यों इतनी दुख-तकलीफें हैं। साथ ही, शास्त्र यह भी बताता है कि किस तरह परमेश्‍वर दुख-तकलीफों को खत्म करेगा।

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