क्या आप यहोवा और यीशु के जैसा जोश दिखाएँगे?
1. स्मारक के आस-पास के महीनों में यहोवा के साक्षी क्या करते हैं?
1 यहोवा जोश से अपना मकसद पूरा करता है। परमेश्वर के राज से जुड़ी कुछ आशीषों के बारे में बताते हुए यशायाह 9:7 कहता है: “सेनाओं के यहोवा की धुन” या जोश से ऐसा होगा। परमेश्वर के बेटे ने भी धरती पर सेवा करते वक्त सच्ची उपासना के लिए जोश दिखाया। (यूह. 2:13-17; 4:34) हर साल स्मारक के आस-पास के महीनों में, यानी मार्च, अप्रैल और मई में दुनिया-भर में लाखों प्रचारक बढ़-चढ़कर प्रचार में हिस्सा लेकर यहोवा और यीशु के जैसा जोश दिखाते हैं। क्या आप भी इस साल उन लाखों प्रचारकों की गिनती में शामिल होंगे?
2. जोश से उभारे जाकर हम 7 मार्च से किस काम में हिस्सा लेंगे?
2 स्मारक अभियान: इस साल स्मारक का न्यौता देने का अभियान शनिवार, 7 मार्च से शुरू होगा। उस वक्त जोश से प्रचार काम में हिस्सा लेने के लिए अभी से योजना बनाइए। जब सभी भाई-बहन प्रचार के इलाके में ज़्यादा-से-ज़्यादा लोगों को न्यौता देने में हिस्सा लेंगे, तो मंडलियों में क्या ही खुशी का माहौल होगा! अपने बाइबल विद्यार्थियों, वापसी भेंट, साथ काम करनेवालों, रिश्तेदारों और साथ पढ़नेवालों को खुद न्यौता देकर या jw.org के ज़रिए न्यौता देने की पूरी कोशिश कीजिए।
3. मार्च और अप्रैल के दौरान आप प्रचार में ज़्यादा-से-ज़्यादा हिस्सा कैसे ले सकते हैं?
3 सहयोगी पायनियर सेवा: अगर हम यहोवा और यीशु के जैसा जोश दिखाएँगे, तो हमें प्रचार में ज़्यादा-से-ज़्यादा हिस्सा लेने का भी बढ़ावा मिलेगा। इसमें कोई शक नहीं कि कई भाई-बहन मार्च और अप्रैल में सहयोगी पायनियर सेवा कर पाएँगे, क्योंकि इन महीनों में हम चाहे तो 30 घंटे भी कर सकते हैं। तो क्यों न आप अपनी पारिवारिक उपासना या निजी अध्ययन में इस बारे में गौर करें कि आप यह कैसे कर सकते हैं और इस बारे में यहोवा से प्रार्थना करें? (नीति. 15:22) इस अभियान के लिए आपका जोश देखकर दूसरों में भी जोश भर आएगा। अगर आप प्रचार काम में ज़्यादा हिस्सा लेने के लिए कुछ फेरबदल करें, तो आप यीशु की तरह जोश दिखा रहे होंगे।—मर. 6:31-34.
4. यहोवा और यीशु के जैसा जोश दिखाने से हमें क्या फायदे होंगे?
4 अगर हम स्मारक के आस-पास के महीनों में यहोवा और यीशु के जैसा जोश दिखाएँगे, तो इससे हमें कई फायदे होंगे। हम अपने प्रचार के इलाके में कई लोगों को सच्चाई के बारे में बता पाएँगे। हमें वह खुशी और संतुष्टि मिलेगी, जो परमेश्वर की सेवा करने से और दूसरों को खुशखबरी सुनाने से मिलती है। (प्रेषि. 20:35) और सबसे बढ़कर, हम जोश दिखानेवाले अपने परमेश्वर और उसके बेटे को खुश करेंगे।