प्रचार में अपना हुनर बढ़ाना—ऐसे लोगों को गवाही देना जो हमारी भाषा नहीं बोलते
यह क्यों ज़रूरी है: यहोवा चाहता है कि हर इंसान उसके बारे में जाने, “फिर चाहे वह किसी भी जाति का क्यों न हो।” (प्रेषि. 10:34, 35) इसलिए यीशु ने कहा था कि “सारे जगत में” खुशखबरी का प्रचार किया जाएगा और “सब राष्ट्रों” को गवाही दी जाएगी। (मत्ती 24:14) जकर्याह ने भविष्यवाणी की थी कि “भांति भांति की भाषा बोलनेवाली सब जातियों” के लोग इस खुशखबरी को कबूल करेंगे। (जक. 8:23) प्रेषित यूहन्ना को दिखाए गए दर्शन के मुताबिक, महा-संकट से बच निकलनेवालों में “सब राष्ट्रों और गोत्रों और जातियों और भाषाओं” के लोग होंगे। (प्रका. 7:9, 13, 14) इन आयतों से हमें यह बढ़ावा मिलता है कि हमें अपने प्रचार के इलाके में उन लोगों को भी गवाही देने की पूरी कोशिश करनी चाहिए, जो हमारी भाषा नहीं बोलते।
महीने के दौरान इसे आज़माइए:
अगली बार अपनी पारिवारिक उपासना की शाम के दौरान, ऐसे व्यक्ति को गवाही देने की रिहर्सल कीजिए, जो आपकी भाषा नहीं बोलता।