रविवार, 27 जुलाई
‘ताकि वह न सिर्फ हौसला बढ़ाए बल्कि सुधारे भी।’—तीतु. 1:9.
प्रौढ़ बनने के लिए आपको कुछ हुनर सीखने होंगे जो आपके काम आएँ। इससे आप मंडली में ज़िम्मेदारियाँ सँभाल पाएँगे, आपको नौकरी मिल पाएगी जिससे आप अपनी और अपने परिवार की ज़रूरतें पूरी कर पाएँगे और दूसरों के साथ आपके रिश्ते अच्छे रहेंगे। एक हुनर है, अच्छी तरह पढ़ना-लिखना सीखिए। बाइबल में बताया गया है कि जो आदमी हर दिन परमेश्वर का वचन पढ़ता है और उस पर मनन करता है, वह खुश रहता है और अपने हर काम में कामयाब होता है। (भज. 1:1-3) तो हर दिन बाइबल पढ़िए। इससे आप यहोवा की सोच जान पाएँगे। और यहोवा की सोच जानने से आप समझ पाएँगे कि बाइबल के सिद्धांतों को कैसे मानें और कैसे अच्छे फैसले करें। (नीति. 1:3, 4) मंडली में ऐसे भाइयों की ज़रूरत होती है जो सबको बाइबल से सिखा सकें और बढ़िया सलाह दे सकें। अगर आप अच्छी तरह पढ़ना-लिखना सीखें, तो आप ऐसे भाषण तैयार कर पाएँगे और ऐसे जवाब दे पाएँगे जिनसे भाई-बहन कुछ सीख सकें और उनका विश्वास बढ़े। इसके अलावा, आप नोट्स ले पाएँगे जिनसे ना सिर्फ आपका विश्वास मज़बूत होगा, बल्कि आप दूसरों का भी हौसला बढ़ा पाएँगे। प्र23.12 पेज 26-27 पै 9-11
सोमवार, 28 जुलाई
परमेश्वर जो तुम्हारे साथ एकता में है, वह शैतान से बड़ा है जो दुनिया के साथ एकता में है।—1 यूह. 4:4.
जब आपको डर लगे तो सोचिए कि आगे चलकर यहोवा क्या-क्या करेगा, जब शैतान का नामो-निशान मिट जाएगा। 2014 के क्षेत्रीय अधिवेशन में एक प्रदर्शन में दिखाया गया था। उस प्रदर्शन में एक पिता ने अपने परिवार के साथ चर्चा की कि अगर 2 तीमुथियुस 3:1-5 में फिरदौस के बारे में बताया गया होता, तो शायद उसमें यूँ लिखा होता, “नयी दुनिया में खुशियों से भरा वक्त होगा। इसलिए कि लोग दूसरों से प्यार करनेवाले, सच्चाई से प्यार करनेवाले, खुद के बारे में डींगें न मारनेवाले, नम्र, परमेश्वर की महिमा करनेवाले, माता-पिता की आज्ञा माननेवाले, एहसान माननेवाले, वफादार, अपने परिवार से बहुत लगाव रखनेवाले, हर बात पर राज़ी होनेवाले, दूसरों के बारे में हमेशा अच्छा बोलनेवाले, संयम रखनेवाले, कोमल, भलाई से प्यार करनेवाले, भरोसेमंद, लिहाज़ करनेवाले, मन के दीन, मौज-मस्ती के बजाय परमेश्वर से प्यार करनेवाले होंगे, वे भक्ति का दिखावा नहीं करेंगे, बल्कि उसके मुताबिक जीएँगे। ऐसों के करीब बने रहना।” क्या आप अपने परिवारवालों या भाई-बहनों के साथ इस बारे में चर्चा करते हैं कि नयी दुनिया में ज़िंदगी कैसी होगी? प्र24.01 पेज 6 पै 13-14
मंगलवार, 29 जुलाई
मैंने तुझे मंज़ूर किया है।—लूका 3:22.
यह जानकर हमें कितना दिलासा मिलता है कि यहोवा अपने सभी सेवकों को मंज़ूर करता है। बाइबल में लिखा है, “यहोवा अपने लोगों से खुश होता है।” (भज. 149:4) लेकिन कभी-कभी शायद हम बहुत निराश हो जाएँ और सोचने लगें, ‘क्या यहोवा मुझसे खुश है?’ बीते ज़माने में यहोवा के कई वफादार सेवकों के मन में भी ऐसे खयाल आए थे। (1 शमू. 1:6-10; अय्यू. 29:2, 4; भज. 51:11) बाइबल से साफ पता चलता है कि अपरिपूर्ण इंसान भी यहोवा की मंज़ूरी पा सकते हैं यानी उसे खुश कर सकते हैं। पर हम यह कैसे कर सकते हैं? हमें यीशु मसीह पर विश्वास करना होगा और बपतिस्मा लेना होगा। (यूह. 3:16) बपतिस्मा लेकर हम ज़ाहिर करते हैं कि हमने अपने पापों का पश्चाताप किया है और परमेश्वर से वादा किया है कि हम उसकी मरज़ी पूरी करेंगे। (प्रेषि. 2:38; 3:19) ऐसा करके हम यहोवा के दोस्त बनने की कोशिश करते हैं और इससे यहोवा को बहुत खुशी होती है। अगर हम अपने समर्पण के वादे को निभाने की पूरी कोशिश करें, तो यहोवा हमसे खुश होगा और हमें अपना दोस्त मानेगा।—भज. 25:14. प्र24.03 पेज 26 पै 1-2