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  • यिर्मयाह 1
  • पवित्र शास्त्र का नयी दुनिया अनुवाद

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यिर्मयाह का सारांश

      • यिर्मयाह, भविष्यवक्‍ता ठहराया गया (1-10)

      • बादाम के पेड़ का दर्शन (11, 12)

      • एक हंडे का दर्शन (13-16)

      • यिर्मयाह को मज़बूत किया गया (17-19)

यिर्मयाह 1:1

फुटनोट

  • *

    शायद इसका मतलब है, “यहोवा ऊँचा उठाता है।”

संबंधित आयतें

  • +यह 21:8, 18

यिर्मयाह 1:2

संबंधित आयतें

  • +2रा 21:19, 20
  • +2रा 22:1, 2

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    “सम्पूर्ण पवित्रशास्त्र” (यिर्म-मला), पेज 3

यिर्मयाह 1:3

संबंधित आयतें

  • +2रा 24:1; 2इत 36:4
  • +2रा 24:18, 19
  • +2रा 25:8, 11; यिर्म 52:12, 15

यिर्मयाह 1:5

फुटनोट

  • *

    या “चुन लिया।”

  • *

    या “अलग किया था।”

संबंधित आयतें

  • +न्या 13:5; भज 139:15, 16
  • +लूक 1:13, 15

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    प्रहरीदुर्ग,

    5/1/1988, पेज 21

यिर्मयाह 1:6

फुटनोट

  • *

    या “जवान।”

संबंधित आयतें

  • +निर्ग 4:10
  • +1रा 3:5, 7

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    प्रहरीदुर्ग,

    3/15/2011, पेज 29

    5/1/1988, पेज 21

यिर्मयाह 1:7

संबंधित आयतें

  • +निर्ग 7:1, 2

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    प्रहरीदुर्ग,

    5/1/1988, पेज 21

यिर्मयाह 1:8

संबंधित आयतें

  • +यहे 2:6
  • +निर्ग 3:11, 12; यिर्म 15:20; प्रेष 18:9, 10

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    प्रहरीदुर्ग,

    4/1/2007, पेज 9-10

    12/15/2005, पेज 23-24

यिर्मयाह 1:9

संबंधित आयतें

  • +यश 6:7
  • +निर्ग 4:12, 15; यहे 33:7

यिर्मयाह 1:10

संबंधित आयतें

  • +यिर्म 18:7-10; 24:5, 6

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    प्रहरीदुर्ग,

    3/15/2011, पेज 30, 31-32

    5/1/1988, पेज 22

    6/1/1986, पेज 23

यिर्मयाह 1:11

फुटनोट

  • *

    शा., “एक जागनेवाले।”

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    प्रहरीदुर्ग,

    4/1/2007, पेज 8-9

यिर्मयाह 1:12

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    प्रहरीदुर्ग,

    3/15/2011, पेज 28-29

    4/1/2007, पेज 8-9

यिर्मयाह 1:13

फुटनोट

  • *

    या “चौड़े मुँहवाला हंडा।”

यिर्मयाह 1:14

संबंधित आयतें

  • +यिर्म 6:1; 10:22

यिर्मयाह 1:15

संबंधित आयतें

  • +यिर्म 5:15; 6:22; 25:9
  • +यिर्म 39:3
  • +व्य 28:52; यिर्म 34:22; 44:6

यिर्मयाह 1:16

संबंधित आयतें

  • +यह 24:20; 2रा 22:17; 2इत 7:19, 20
  • +यहे 8:10, 11; हो 11:2
  • +यश 2:8

यिर्मयाह 1:17

फुटनोट

  • *

    शा., “अपनी कमर कस ले।”

संबंधित आयतें

  • +यहे 2:6

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    सभा पुस्तिका के लिए हवाले, 6/2020, पेज 3

यिर्मयाह 1:18

संबंधित आयतें

  • +यिर्म 15:20; 20:11; यहे 3:8; मी 3:8
  • +यिर्म 26:12

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    प्रहरीदुर्ग,

    3/15/2011, पेज 32

यिर्मयाह 1:19

फुटनोट

  • *

    या “तुझे हरा नहीं पाएँगे।”

संबंधित आयतें

  • +उत 28:15; निर्ग 3:12; यह 1:5

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    सभा पुस्तिका के लिए हवाले, 3/2017, पेज 1

    प्रहरीदुर्ग,

    4/1/2000, पेज 17-18

    5/1/1988, पेज 22

दूसरें अनुवाद

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दूसरी

यिर्म. 1:1यह 21:8, 18
यिर्म. 1:22रा 21:19, 20
यिर्म. 1:22रा 22:1, 2
यिर्म. 1:32रा 24:1; 2इत 36:4
यिर्म. 1:32रा 24:18, 19
यिर्म. 1:32रा 25:8, 11; यिर्म 52:12, 15
यिर्म. 1:5न्या 13:5; भज 139:15, 16
यिर्म. 1:5लूक 1:13, 15
यिर्म. 1:6निर्ग 4:10
यिर्म. 1:61रा 3:5, 7
यिर्म. 1:7निर्ग 7:1, 2
यिर्म. 1:8यहे 2:6
यिर्म. 1:8निर्ग 3:11, 12; यिर्म 15:20; प्रेष 18:9, 10
यिर्म. 1:9यश 6:7
यिर्म. 1:9निर्ग 4:12, 15; यहे 33:7
यिर्म. 1:10यिर्म 18:7-10; 24:5, 6
यिर्म. 1:14यिर्म 6:1; 10:22
यिर्म. 1:15यिर्म 5:15; 6:22; 25:9
यिर्म. 1:15यिर्म 39:3
यिर्म. 1:15व्य 28:52; यिर्म 34:22; 44:6
यिर्म. 1:16यह 24:20; 2रा 22:17; 2इत 7:19, 20
यिर्म. 1:16यहे 8:10, 11; हो 11:2
यिर्म. 1:16यश 2:8
यिर्म. 1:17यहे 2:6
यिर्म. 1:18यिर्म 15:20; 20:11; यहे 3:8; मी 3:8
यिर्म. 1:18यिर्म 26:12
यिर्म. 1:19उत 28:15; निर्ग 3:12; यह 1:5
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पवित्र शास्त्र का नयी दुनिया अनुवाद
यिर्मयाह 1:1-19

यिर्मयाह

1 ये यिर्मयाह* के शब्द हैं, जो बिन्यामीन के अनातोत में+ रहनेवाले एक याजक हिलकियाह का बेटा है: 2 यहोवा का संदेश आमोन+ के बेटे और यहूदा के राजा योशियाह+ के राज के 13वें साल मेरे पास पहुँचा। 3 परमेश्‍वर का संदेश मुझे योशियाह के बेटे और यहूदा के राजा यहोयाकीम के दिनों में+ भी मिला और योशियाह के बेटे और यहूदा के राजा सिदकियाह+ के राज के 11वें साल तक मिलता रहा। उसका संदेश मुझे तब तक मिलता रहा जब तक कि पाँचवें महीने में यरूशलेम के लोग बँधुआई में न चले गए।+

4 यहोवा का यह संदेश मेरे पास पहुँचा:

 5 “मैं तुझे गर्भ में रचने से पहले ही जानता* था,+

तेरे पैदा होने से पहले ही मैंने तुझे पवित्र ठहराया था,*+

मैंने तुझे राष्ट्रों के लिए एक भविष्यवक्‍ता ठहराया है।”

 6 मगर मैंने कहा, “हे सारे जहान के मालिक यहोवा,

मुझे तो बोलना भी नहीं आता,+ मैं बस एक लड़का* हूँ।”+

 7 तब यहोवा ने मुझसे कहा,

“यह मत कह कि मैं बस एक लड़का हूँ,

क्योंकि तुझे उन सबके पास जाना होगा जिनके पास मैं तुझे भेज रहा हूँ,

तुझे उनसे हर वह बात कहनी होगी जिसकी मैं तुझे आज्ञा देता हूँ।+

 8 तू उन्हें देखकर डरना मत,+

क्योंकि यहोवा कहता है, ‘मैं तुझे बचाने के लिए तेरे साथ हूँ।’”+

9 फिर यहोवा ने अपना हाथ बढ़ाकर मेरा मुँह छुआ।+ यहोवा ने मुझसे कहा, “मैंने अपने शब्द तेरे मुँह में डाले हैं।+ 10 देख, आज मैंने तुझे राष्ट्रों और राज्यों पर अधिकार दिया है ताकि तू जड़ से उखाड़े और गिराए, नाश करे और ढाए, बनाए और लगाए।”+

11 यहोवा का संदेश एक बार फिर मेरे पास पहुँचा। उसने मुझसे कहा, “यिर्मयाह, तुझे क्या दिखायी दे रहा है?” मैंने कहा, “मुझे एक बादाम के पेड़* की डाली दिखायी दे रही है।”

12 यहोवा ने कहा, “तूने सही देखा है क्योंकि मैं अपने वचन के मुताबिक काम करने के लिए बिलकुल जागा हुआ हूँ।”

13 यहोवा का संदेश एक बार फिर मेरे पास पहुँचा। उसने मुझसे कहा, “तुझे क्या दिखायी दे रहा है?” मैंने कहा, “मुझे उबलता हुआ एक हंडा* दिखायी दे रहा है और उसका मुँह उत्तर से दक्षिण की तरफ झुका हुआ है।” 14 फिर यहोवा ने मुझसे कहा,

“उत्तर से विपत्ति देश के सब लोगों पर टूट पड़ेगी।+

15 क्योंकि यहोवा ऐलान करता है, ‘मैं उत्तर के राज्यों के सब कुलों को बुला रहा हूँ,+

वे आएँगे और हर कोई यरूशलेम के फाटक के प्रवेश पर

अपनी राजगद्दी पर बैठेगा,+

वे उसके चारों तरफ की शहरपनाह पर

और यहूदा के सभी शहरों पर हमला करेंगे।+

16 मैं उनके सभी दुष्ट कामों की वजह से उन्हें सज़ा सुनाऊँगा,

क्योंकि उन्होंने मुझे छोड़ दिया है+

और वे दूसरे देवताओं के आगे बलिदान चढ़ाते हैं ताकि उसका धुआँ उठे,+

अपने ही हाथ की बनायी चीज़ों के आगे दंडवत करते हैं।’+

17 मगर तू कदम उठाने के लिए तैयार हो जा,*

तुझे जाकर उन्हें हर वह बात बतानी होगी जिसकी मैं तुझे आज्ञा देता हूँ।

तू उनसे खौफ न खाना+

ताकि ऐसा न हो कि मैं तुझे उनके सामने दहशत में डाल दूँ।

18 आज मैं तुझे एक किलेबंद शहर जैसा बनाता हूँ,

लोहे के खंभे और ताँबे की दीवारों जैसा बनाता हूँ ताकि तू पूरे देश का,+

यहूदा के राजाओं और हाकिमों का,

याजकों और देश के आम लोगों का डटकर सामना कर सके।+

19 वे तुझसे लड़ेंगे तो ज़रूर मगर जीत नहीं पाएँगे,*

क्योंकि यहोवा कहता है, ‘मैं तुझे बचाने के लिए तेरे साथ हूँ।’”+

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