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  • यूहन्‍ना 16
  • पवित्र शास्त्र का नयी दुनिया अनुवाद

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यूहन्‍ना का सारांश

      • यीशु के चेलों को मौत का सामना करना पड़ सकता है (1-4क)

      • पवित्र शक्‍ति का काम (4ख-16)

      • चेलों का दुख खुशी में बदल जाएगा (17-24)

      • यीशु ने दुनिया पर जीत हासिल की (25-33)

यूहन्‍ना 16:1

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    प्रहरीदुर्ग,

    2/1/2002, पेज 17

यूहन्‍ना 16:2

संबंधित आयतें

  • +यूह 9:22
  • +मत 24:9; प्रेष 8:1; 12:1, 2; 26:11

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    यीशु—राह, पेज 278

यूहन्‍ना 16:3

संबंधित आयतें

  • +यूह 8:19; 15:20, 21; रोम 10:2; 1कुर 2:8

यूहन्‍ना 16:4

संबंधित आयतें

  • +यूह 13:19; 14:29

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    यीशु—राह, पेज 278

यूहन्‍ना 16:5

संबंधित आयतें

  • +यूह 7:33; 13:3

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    यीशु—राह, पेज 278

यूहन्‍ना 16:6

संबंधित आयतें

  • +यूह 16:22

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    यीशु—राह, पेज 278

यूहन्‍ना 16:7

संबंधित आयतें

  • +यूह 14:16, 26; 15:26; प्रेष 2:32, 33

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    यीशु—राह, पेज 278

    प्रहरीदुर्ग,

    4/15/2008, पेज 32

    3/1/1993, पेज 26-27

    त्रियेक, पेज 22

यूहन्‍ना 16:8

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    यीशु—राह, पेज 278

    प्रहरीदुर्ग,

    4/15/2008, पेज 32

    त्रियेक, पेज 22

यूहन्‍ना 16:9

संबंधित आयतें

  • +यूह 15:22
  • +यूह 5:37, 38

यूहन्‍ना 16:11

संबंधित आयतें

  • +यूह 12:31; 14:30

यूहन्‍ना 16:12

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    परमेश्‍वर का राज हुकूमत कर रहा है!, पेज 49

    प्रहरीदुर्ग,

    4/15/2012, पेज 6-7

यूहन्‍ना 16:13

फुटनोट

  • *

    आय. 13 और 14 में “वह” का मतलब आय. 7 में बताया “मददगार” है। यीशु ने पवित्र शक्‍ति की तुलना एक “मददगार” से की है। पवित्र शक्‍ति कोई व्यक्‍ति नहीं बल्कि एक ताकत है।

संबंधित आयतें

  • +यूह 16:7
  • +प्रेष 11:28; 21:10, 11; 1ती 4:1

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    परमेश्‍वर का राज हुकूमत कर रहा है!, पेज 49

    प्रहरीदुर्ग,

    4/15/2008, पेज 32

    4/1/2000, पेज 8-9

    त्रियेक, पेज 22

यूहन्‍ना 16:14

संबंधित आयतें

  • +1यूह 4:2
  • +यूह 15:26; 1यूह 2:27

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  • खोजबीन गाइड

    प्रहरीदुर्ग,

    4/15/2008, पेज 32

यूहन्‍ना 16:15

संबंधित आयतें

  • +यूह 17:10

यूहन्‍ना 16:16

संबंधित आयतें

  • +यूह 7:33; 14:19

यूहन्‍ना 16:20

संबंधित आयतें

  • +मत 28:8; लूक 24:39-41; यूह 20:19, 20

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    यीशु—राह, पेज 278

यूहन्‍ना 16:22

संबंधित आयतें

  • +लूक 24:51, 52

यूहन्‍ना 16:23

संबंधित आयतें

  • +फिल 4:6
  • +यूह 14:13; 15:16; 1यूह 5:14

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    प्रहरीदुर्ग (जनता के लिए),

    अंक 1 2021 पेज 10

    खुशी से जीएँ हमेशा के लिए!, पाठ 17

    “सम्पूर्ण पवित्रशास्त्र” (मत्ती-कुलु), पेज 14

यूहन्‍ना 16:24

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  • खोजबीन गाइड

    खुशी से जीएँ हमेशा के लिए!, पाठ 17

    प्रहरीदुर्ग: यीशु के नाम से क्यों प्रार्थना करें?,

यूहन्‍ना 16:27

संबंधित आयतें

  • +यूह 14:21
  • +यूह 17:7, 8

यूहन्‍ना 16:28

संबंधित आयतें

  • +यूह 13:3; इब्र 9:24

यूहन्‍ना 16:32

संबंधित आयतें

  • +जक 13:7; मत 26:31; मर 14:27
  • +यूह 8:29

यूहन्‍ना 16:33

संबंधित आयतें

  • +यूह 14:27; इफ 2:14
  • +यूह 14:30; प्रेष 14:22; 1यूह 4:4; 5:4; प्रक 3:21

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    प्रहरीदुर्ग (अध्ययन),

    4/2021, पेज 4

    सभा पुस्तिका के लिए हवाले, 10/2018, पेज 6

    प्रहरीदुर्ग (अध्ययन),

    4/2016, पेज 30-31

    यीशु—राह, पेज 279

    प्रहरीदुर्ग,

    3/15/2003, पेज 4

दूसरें अनुवाद

मिलती-जुलती आयतें देखने के लिए किसी आयत पर क्लिक कीजिए।

दूसरी

यूह. 16:2यूह 9:22
यूह. 16:2मत 24:9; प्रेष 8:1; 12:1, 2; 26:11
यूह. 16:3यूह 8:19; 15:20, 21; रोम 10:2; 1कुर 2:8
यूह. 16:4यूह 13:19; 14:29
यूह. 16:5यूह 7:33; 13:3
यूह. 16:6यूह 16:22
यूह. 16:7यूह 14:16, 26; 15:26; प्रेष 2:32, 33
यूह. 16:9यूह 15:22
यूह. 16:9यूह 5:37, 38
यूह. 16:11यूह 12:31; 14:30
यूह. 16:13यूह 16:7
यूह. 16:13प्रेष 11:28; 21:10, 11; 1ती 4:1
यूह. 16:141यूह 4:2
यूह. 16:14यूह 15:26; 1यूह 2:27
यूह. 16:15यूह 17:10
यूह. 16:16यूह 7:33; 14:19
यूह. 16:20मत 28:8; लूक 24:39-41; यूह 20:19, 20
यूह. 16:22लूक 24:51, 52
यूह. 16:23फिल 4:6
यूह. 16:23यूह 14:13; 15:16; 1यूह 5:14
यूह. 16:27यूह 14:21
यूह. 16:27यूह 17:7, 8
यूह. 16:28यूह 13:3; इब्र 9:24
यूह. 16:32जक 13:7; मत 26:31; मर 14:27
यूह. 16:32यूह 8:29
यूह. 16:33यूह 14:27; इफ 2:14
यूह. 16:33यूह 14:30; प्रेष 14:22; 1यूह 4:4; 5:4; प्रक 3:21
  • पवित्र शास्त्र का नयी दुनिया अनुवाद
  • अध्ययन बाइबल (nwtsty) में पढ़िए
  • नयी दुनिया अनुवाद—मसीही यूनानी शास्त्र (bi7) में पढ़िए
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पवित्र शास्त्र का नयी दुनिया अनुवाद
यूहन्‍ना 16:1-33

यूहन्‍ना के मुताबिक खुशखबरी

16 मैंने तुमसे ये बातें इसलिए कही हैं कि तुम डगमगा न जाओ। 2 लोग तुम्हें सभा-घर से बेदखल कर देंगे।+ यही नहीं, ऐसा समय आ रहा है जब हर कोई जो तुम्हें मार डालेगा,+ यह सोचेगा कि उसने परमेश्‍वर की पवित्र सेवा की है। 3 मगर ये काम वे इसलिए करेंगे क्योंकि उन्होंने न तो पिता को जाना है, न ही मुझे।+ 4 फिर भी मैंने तुमसे ये बातें इसलिए कहीं ताकि जब इनके होने का समय आए, तब तुम्हें याद आए कि मैंने ये बातें तुमसे कही थीं।+

मैंने ये बातें तुम्हें पहले नहीं बतायी थीं क्योंकि मैं तुम्हारे साथ था। 5 मगर अब मैं अपने भेजनेवाले के पास जा रहा हूँ,+ फिर भी तुममें से कोई मुझसे नहीं पूछ रहा कि तू कहाँ जा रहा है? 6 मैंने जो ये बातें तुमसे कही हैं इसलिए तुम्हारा दिल बहुत दुखी है।+ 7 फिर भी मैं तुमसे सच कह रहा हूँ, मैं तुम्हारे ही भले के लिए जा रहा हूँ। इसलिए कि अगर मैं नहीं जाऊँगा, तो वह मददगार+ हरगिज़ तुम्हारे पास नहीं आएगा। लेकिन अगर मैं जाऊँगा, तो मैं उसे तुम्हारे पास भेजूँगा। 8 जब वह आएगा तो दुनिया के सामने पाप, नेकी और न्याय के ठोस सबूत पेश करेगा: 9 सबसे पहले वह पाप+ के सबूत पेश करेगा क्योंकि वे मुझ पर विश्‍वास नहीं कर रहे।+ 10 फिर वह नेकी के सबूत पेश करेगा क्योंकि मैं पिता के पास जा रहा हूँ और तुम मुझे फिर नहीं देखोगे। 11 इसके बाद, न्याय के सबूत पेश करेगा क्योंकि इस दुनिया के राजा का न्याय किया गया है।+

12 मुझे तुमसे और भी बहुत-सी बातें कहनी हैं, मगर इस वक्‍त तुम इन्हें नहीं समझ सकते। 13 लेकिन जब वह* आएगा यानी सच्चाई की पवित्र शक्‍ति,+ तो वह सच्चाई की पूरी समझ पाने में तुम्हारी मदद करेगा। इसलिए कि वह अपनी तरफ से नहीं बोलेगा बल्कि जो बातें वह सुनता है वही बोलेगा और आनेवाली बातों के बारे में तुम्हें बताएगा।+ 14 वह मेरी महिमा करेगा+ क्योंकि उसने मुझसे जो सुना है वही तुम्हें बताएगा।+ 15 जो कुछ पिता का है वह सब मेरा है।+ इसीलिए मैंने कहा कि वह मददगार मुझसे जो सुनता है वही तुम्हें बताएगा। 16 अब से थोड़ी देर बाद तुम मुझे नहीं देखोगे+ और फिर थोड़ी देर बाद तुम मुझे देखोगे।”

17 तब उसके कुछ चेले एक-दूसरे से कहने लगे, “यह जो हमसे कह रहा है इसका क्या मतलब है: ‘अब से थोड़ी देर बाद तुम मुझे नहीं देखोगे और फिर थोड़ी देर बाद तुम मुझे देखोगे’ और इसका भी, ‘क्योंकि मैं अपने पिता के पास जा रहा हूँ’?” 18 इसलिए वे कहने लगे, “यह जो कह रहा है ‘थोड़ी देर बाद,’ इसका क्या मतलब है? हम नहीं जानते कि यह किस बारे में बात कर रहा है।” 19 यीशु जानता था कि वे उससे सवाल पूछना चाहते हैं, इसलिए उसने चेलों से कहा, “क्या तुम एक-दूसरे से यह पूछ रहे हो कि मैंने ऐसा क्यों कहा: ‘थोड़ी देर बाद तुम मुझे नहीं देखोगे और फिर थोड़ी देर बाद तुम मुझे देखोगे’? 20 मैं तुमसे सच-सच कहता हूँ, तुम रोओगे और मातम मनाओगे मगर दुनिया खुशियाँ मनाएगी। तुम्हें दुख होगा मगर तुम्हारा दुख खुशी में बदल जाएगा।+ 21 एक औरत जब बच्चे को जन्म देनेवाली होती है, तो उसे दर्द होता है क्योंकि उसकी घड़ी आ गयी है। मगर जब वह बच्चे को जन्म दे देती है, तो वह अपना दर्द भूल जाती है और अपने बच्चे को देखकर खुश हो जाती है। 22 उसी तरह, तुम भी अभी दुख मना रहे हो। मगर जब मैं तुमसे दोबारा मिलूँगा, तब तुम्हारा दिल खुशी से भर जाएगा+ और कोई भी तुम्हारी खुशी नहीं छीन सकेगा। 23 उस दिन तुम मुझसे कोई सवाल नहीं करोगे। मैं तुमसे सच-सच कहता हूँ, अगर तुम पिता से कुछ भी माँगोगे+ तो वह मेरे नाम से तुम्हें दे देगा।+ 24 अब तक तुमने मेरे नाम से एक भी चीज़ नहीं माँगी है। माँगो और तुम पाओगे ताकि तुम्हें बहुत खुशी मिले।

25 मैंने ये बातें तुमसे मिसालों में कही हैं। वह वक्‍त आ रहा है जब मैं तुमसे मिसालों में बात नहीं करूँगा, मगर पिता के बारे में तुम्हें साफ-साफ बताऊँगा। 26 उस दिन तुम मेरे नाम से पिता से प्रार्थना करोगे। मेरे कहने का मतलब यह नहीं कि मैं तुम्हारे लिए पिता से बिनती करूँगा। 27 पिता खुद तुमसे लगाव रखता है क्योंकि तुम मुझसे लगाव रखते हो+ और तुमने यकीन किया है कि मैं परमेश्‍वर की तरफ से आया हूँ।+ 28 मैं पिता की तरफ से इस दुनिया में आया हूँ। अब मैं यह दुनिया छोड़कर पिता के पास जा रहा हूँ।”+

29 उसके चेलों ने कहा, “अब तू हमें साफ-साफ बता रहा है और मिसालें नहीं दे रहा। 30 अब हम जानते हैं कि तुझे सब बातें पता हैं और किसी को तुझसे सवाल करने की ज़रूरत नहीं। इसलिए हमें यकीन है कि तू परमेश्‍वर की तरफ से आया है।” 31 यीशु ने कहा, “अब क्या तुम यकीन करते हो? 32 देखो! वह घड़ी आ रही है, दरअसल आ चुकी है, जब तुम सब तितर-बितर हो जाओगे और अपने-अपने घर चले जाओगे और मुझे अकेला छोड़ दोगे।+ फिर भी मैं अकेला नहीं हूँ क्योंकि पिता मेरे साथ है।+ 33 मैंने तुमसे ये बातें इसलिए कही हैं ताकि मेरे ज़रिए तुम शांति पा सको।+ दुनिया में तुम्हें तकलीफें झेलनी पड़ेंगी, मगर हिम्मत रखो! मैंने इस दुनिया पर जीत हासिल कर ली है।”+

हिंदी साहित्य (1972-2025)
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