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  • यूहन्‍ना 15
  • पवित्र शास्त्र का नयी दुनिया अनुवाद

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यूहन्‍ना का सारांश

      • अंगूर की सच्ची बेल की मिसाल (1-10)

      • मसीह जैसा प्यार करने की आज्ञा (11-17)

        • “क्या कोई इससे बढ़कर प्यार कर सकता है” (13)

      • दुनिया यीशु के चेलों से नफरत करती है (18-27)

यूहन्‍ना 15:1

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    यीशु—राह, पेज 276

    प्रहरीदुर्ग,

    2/1/2002, पेज 17-18

    “सम्पूर्ण पवित्रशास्त्र” (मत्ती-कुलु), पेज 14

यूहन्‍ना 15:2

संबंधित आयतें

  • +2पत 1:8

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    प्रहरीदुर्ग (अध्ययन),

    5/2018, पेज 14

    प्रहरीदुर्ग,

    2/1/2003, पेज 19

    2/1/2002, पेज 18

यूहन्‍ना 15:3

संबंधित आयतें

  • +यूह 13:10; 17:17

यूहन्‍ना 15:4

संबंधित आयतें

  • +यूह 6:56; 1कुर 12:27; इफ 4:16

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    यीशु—राह, पेज 276

    प्रहरीदुर्ग,

    2/1/2002, पेज 18

यूहन्‍ना 15:5

संबंधित आयतें

  • +यूह 15:16

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    यीशु—राह, पेज 276

यूहन्‍ना 15:7

संबंधित आयतें

  • +मत 7:7; यूह 16:23

यूहन्‍ना 15:8

संबंधित आयतें

  • +मत 5:16; यूह 13:35; फिल 1:9, 11

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    प्रहरीदुर्ग (अध्ययन),

    5/2018, पेज 14, 18

    प्रहरीदुर्ग,

    4/15/2011, पेज 18

    1/1/2004, पेज 9

    2/1/2003, पेज 18-23

    राज-सेवा,

    6/2007, पेज 1

यूहन्‍ना 15:9

संबंधित आयतें

  • +यूह 3:35

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    प्रहरीदुर्ग (अध्ययन),

    5/2018, पेज 18-19

    प्रहरीदुर्ग,

    3/15/2003, पेज 6-7

यूहन्‍ना 15:10

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  • खोजबीन गाइड

    खुशी से जीएँ हमेशा के लिए!, पाठ 17

    प्रहरीदुर्ग (अध्ययन),

    5/2018, पेज 18-19

    यीशु—राह, पेज 276

यूहन्‍ना 15:11

संबंधित आयतें

  • +यूह 16:24; 17:13

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  • खोजबीन गाइड

    प्रहरीदुर्ग (अध्ययन),

    5/2018, पेज 20

यूहन्‍ना 15:12

संबंधित आयतें

  • +मर 12:31; यूह 13:34; 1थि 4:9; 1पत 4:8

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  • खोजबीन गाइड

    प्रहरीदुर्ग (अध्ययन),

    3/2023, पेज 27

    खुशी से जीएँ हमेशा के लिए!, पाठ 18

    यीशु—राह, पेज 276

    प्रहरीदुर्ग,

    1/1/2005, पेज 10-11

    9/15/1999, पेज 24

यूहन्‍ना 15:13

संबंधित आयतें

  • +यूह 10:11; रोम 5:7, 8; इफ 5:1, 2; 1यूह 3:16

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  • खोजबीन गाइड

    खुशी से जीएँ हमेशा के लिए!, पाठ 17

    यीशु—राह, पेज 276

    प्रहरीदुर्ग,

    10/1/2006, पेज 22

    9/15/1999, पेज 24

    11/1/1987, पेज 18-19

    सजग होइए!,

    11/8/1998, पेज 21-22

यूहन्‍ना 15:14

संबंधित आयतें

  • +मत 12:50; यूह 14:23

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  • खोजबीन गाइड

    खुशी से जीएँ हमेशा के लिए!, पाठ 17

    प्रहरीदुर्ग,

    10/15/2009, पेज 13

यूहन्‍ना 15:15

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    प्रहरीदुर्ग (अध्ययन),

    4/2019, पेज 11

    यीशु—राह, पेज 276

    प्रहरीदुर्ग,

    11/15/2011, पेज 29

    10/15/2009, पेज 13

यूहन्‍ना 15:16

संबंधित आयतें

  • +यूह 14:13

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  • खोजबीन गाइड

    प्रहरीदुर्ग (अध्ययन),

    5/2018, पेज 21

    “सम्पूर्ण पवित्रशास्त्र” (मत्ती-कुलु), पेज 14

यूहन्‍ना 15:17

संबंधित आयतें

  • +यूह 13:34; 1यूह 3:23

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    प्रहरीदुर्ग,

    1/1/2005, पेज 10-11

यूहन्‍ना 15:18

संबंधित आयतें

  • +मत 10:22; यूह 17:14

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  • खोजबीन गाइड

    खुशी से जीएँ हमेशा के लिए!, पाठ 59

यूहन्‍ना 15:19

संबंधित आयतें

  • +याकू 4:4
  • +लूक 6:22; यूह 17:14; 1पत 4:4

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  • खोजबीन गाइड

    खुशी से जीएँ हमेशा के लिए!, पाठ 45

    प्रहरीदुर्ग,

    3/15/2006, पेज 30

    11/1/1997, पेज 13-18

    सजग होइए!,

    10/8/1997, पेज 22-23

यूहन्‍ना 15:20

संबंधित आयतें

  • +मत 5:11; 10:22; 24:9; 2ती 3:12; 1पत 2:21

यूहन्‍ना 15:21

संबंधित आयतें

  • +यूह 16:2, 3

यूहन्‍ना 15:22

संबंधित आयतें

  • +यूह 9:41
  • +मत 11:21

यूहन्‍ना 15:23

संबंधित आयतें

  • +यूह 5:23; 1यूह 2:23

यूहन्‍ना 15:24

संबंधित आयतें

  • +मत 11:23; यूह 7:31; 11:47

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    यीशु—राह, पेज 277

यूहन्‍ना 15:25

संबंधित आयतें

  • +भज 35:19; 69:4; लूक 23:22

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    प्रहरीदुर्ग,

    8/15/2011, पेज 11

यूहन्‍ना 15:26

संबंधित आयतें

  • +लूक 24:49; यूह 14:26
  • +1यूह 5:6

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    प्रहरीदुर्ग,

    3/1/1993, पेज 26-27

यूहन्‍ना 15:27

संबंधित आयतें

  • +लूक 24:48; प्रेष 1:8; 2:22; 5:32

दूसरें अनुवाद

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दूसरी

यूह. 15:22पत 1:8
यूह. 15:3यूह 13:10; 17:17
यूह. 15:4यूह 6:56; 1कुर 12:27; इफ 4:16
यूह. 15:5यूह 15:16
यूह. 15:7मत 7:7; यूह 16:23
यूह. 15:8मत 5:16; यूह 13:35; फिल 1:9, 11
यूह. 15:9यूह 3:35
यूह. 15:11यूह 16:24; 17:13
यूह. 15:12मर 12:31; यूह 13:34; 1थि 4:9; 1पत 4:8
यूह. 15:13यूह 10:11; रोम 5:7, 8; इफ 5:1, 2; 1यूह 3:16
यूह. 15:14मत 12:50; यूह 14:23
यूह. 15:16यूह 14:13
यूह. 15:17यूह 13:34; 1यूह 3:23
यूह. 15:18मत 10:22; यूह 17:14
यूह. 15:19याकू 4:4
यूह. 15:19लूक 6:22; यूह 17:14; 1पत 4:4
यूह. 15:20मत 5:11; 10:22; 24:9; 2ती 3:12; 1पत 2:21
यूह. 15:21यूह 16:2, 3
यूह. 15:22यूह 9:41
यूह. 15:22मत 11:21
यूह. 15:23यूह 5:23; 1यूह 2:23
यूह. 15:24मत 11:23; यूह 7:31; 11:47
यूह. 15:25भज 35:19; 69:4; लूक 23:22
यूह. 15:26लूक 24:49; यूह 14:26
यूह. 15:261यूह 5:6
यूह. 15:27लूक 24:48; प्रेष 1:8; 2:22; 5:32
  • पवित्र शास्त्र का नयी दुनिया अनुवाद
  • अध्ययन बाइबल (nwtsty) में पढ़िए
  • नयी दुनिया अनुवाद—मसीही यूनानी शास्त्र (bi7) में पढ़िए
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पवित्र शास्त्र का नयी दुनिया अनुवाद
यूहन्‍ना 15:1-27

यूहन्‍ना के मुताबिक खुशखबरी

15 मैं अंगूर की सच्ची बेल हूँ और मेरा पिता बागबान है। 2 मेरी हर वह डाली जो फल नहीं देती, उसे वह काट देता है और ऐसी हर डाली जो फल देती है, उसकी वह छँटाई करता है ताकि उसमें और ज़्यादा फल लगें।+ 3 मैंने तुमसे जो वचन कहा है उसकी वजह से तुम पहले ही शुद्ध हो। + 4 मेरे साथ एकता में बने रहो और मैं तुम्हारे साथ एकता में रहूँगा। एक डाली तब तक फल देती है जब तक वह बेल से जुड़ी रहती है। बेल से अलग होकर डाली अपने आप फल नहीं दे सकती। तुम भी अगर मेरे साथ एकता में न रहो, तो फल नहीं पैदा कर सकते।+ 5 मैं अंगूर की बेल हूँ और तुम डालियाँ हो। जो मेरे साथ एकता में रहता है और जिसके साथ मैं एकता में रहता हूँ, वह बहुत फल पैदा करता है।+ मुझसे अलग होकर तुम कुछ भी नहीं कर सकते। 6 अगर कोई मेरे साथ एकता में नहीं रहता, तो उसे फेंक दिया जाता है जैसे एक डाली को फेंक दिया जाता है और वह सूख जाती है। लोग ऐसी डालियाँ बटोरकर आग में झोंक देते हैं और जला देते हैं। 7 अगर तुम मेरे साथ एकता में रहो और मेरी बातें तुम्हारे दिल में रहें, तो तुम जो चाहो और माँगो, वह तुम्हें दे दिया जाएगा।+ 8 मेरे पिता की महिमा इस बात से होती है कि तुम बहुत फल पैदा करते रहो और यह साबित करो कि तुम मेरे चेले हो।+ 9 ठीक जैसे पिता ने मुझसे प्यार किया,+ मैंने भी तुमसे प्यार किया है। तुम मेरे प्यार के लायक बने रहो। 10 अगर तुम मेरी आज्ञाओं को मानोगे, तो मेरे प्यार के लायक बने रहोगे, ठीक जैसे मैं पिता की आज्ञाएँ मानता हूँ और उसके प्यार के लायक बना रहता हूँ।

11 ये बातें मैंने तुमसे इसलिए कही हैं कि तुम्हें वह खुशी मिले जो मुझे मिली है और वह खुशी तुम्हें पूरी तरह मिले।+ 12 मेरी यह आज्ञा है कि तुम एक-दूसरे से प्यार करो जैसे मैंने तुमसे प्यार किया है।+ 13 क्या कोई इससे बढ़कर प्यार कर सकता है कि वह अपने दोस्तों की खातिर जान दे दे?+ 14 जो आज्ञा मैं देता हूँ अगर तुम उसे मानो तो तुम मेरे दोस्त हो।+ 15 अब मैं तुम्हें दास नहीं कहता क्योंकि दास नहीं जानता कि उसका मालिक क्या करता है। लेकिन मैंने तुम्हें अपना दोस्त कहा है क्योंकि मैंने अपने पिता से जो कुछ सुना है वह सब तुम्हें बता दिया है। 16 तुमने मुझे नहीं चुना मगर मैंने तुम्हें चुना है। मैंने तुम्हें इसलिए ठहराया है कि तुम जाओ और फल पैदा करते रहो। और तुम्हारे फल हमेशा बने रहें ताकि तुम मेरे नाम से पिता से जो कुछ माँगो वह तुम्हें दे दे।+

17 मैंने तुम्हें इन बातों की आज्ञा इसलिए दी है ताकि तुम एक-दूसरे से प्यार करो।+ 18 अगर दुनिया तुमसे नफरत करती है, तो याद रखो कि इसने तुमसे पहले मुझसे नफरत की है।+ 19 अगर तुम दुनिया के होते तो दुनिया तुम्हें पसंद करती क्योंकि तुम उसके अपने होते। मगर तुम दुनिया के नहीं हो+ बल्कि मैंने तुम्हें दुनिया से चुन लिया है, इसलिए दुनिया तुमसे नफरत करती है।+ 20 मैंने जो बात तुमसे कही थी, उसे याद रखो। एक दास अपने मालिक से बड़ा नहीं होता। अगर उन्होंने मुझे सताया है तो तुम्हें भी सताएँगे।+ अगर उन्होंने मेरी बात मानी है तो तुम्हारी भी मानेंगे। 21 मगर वे मेरे नाम की वजह से तुम्हारे खिलाफ यह सब करेंगे क्योंकि वे मेरे भेजनेवाले को नहीं जानते।+ 22 अगर मैं नहीं आता और उनसे बात नहीं करता तो उनमें पाप नहीं होता।+ मगर अब अपने पाप से इनकार करने के लिए उनके पास कोई बहाना नहीं।+ 23 जो मुझसे नफरत करता है वह मेरे पिता से भी नफरत करता है।+ 24 मैंने उनके बीच वे काम किए जो किसी और ने नहीं किए थे। अगर मैंने उनके बीच ये काम न किए होते, तो उनमें कोई पाप नहीं होता।+ लेकिन अब उन्होंने मुझे देखा है और मुझसे और मेरे पिता, दोनों से नफरत की है। 25 मगर यह इसलिए हुआ कि उनके कानून में लिखी यह बात पूरी हो, ‘उन्होंने मुझसे बेवजह नफरत की।’+ 26 मैं अपने पिता के यहाँ से तुम्हारे पास एक मददगार भेजूँगा यानी सच्चाई की पवित्र शक्‍ति, जो पिता से आती है।+ वह मददगार मेरे बारे में गवाही देगा।+ 27 फिर तुम्हें भी मेरे बारे में गवाही देनी है+ क्योंकि तुम शुरू से मेरे साथ रहे हो।

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