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इब्रानियों का सारांश

      • परमेश्‍वर के विश्राम में दाखिल न होना, एक खतरा (1-10)

      • उसके विश्राम में दाखिल होने का बढ़ावा (11-13)

        • परमेश्‍वर का वचन जीवित है (12)

      • यीशु महान महायाजक (14-16)

इब्रानियों 4:1

संबंधित आयतें

  • +इब्र 3:12, 13

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    प्रहरीदुर्ग,

    7/15/2011, पेज 27

    7/15/1998, पेज 17

इब्रानियों 4:2

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  • +मत 4:23; प्रेष 15:7; कुल 1:23

इब्रानियों 4:3

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    प्रहरीदुर्ग,

    7/15/1998, पेज 17

इब्रानियों 4:4

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  • +गि 14:30; व्य 31:27

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    प्रहरीदुर्ग,

    7/15/1998, पेज 17-18

इब्रानियों 4:7

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  • +भज 95:7, 8

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    प्रहरीदुर्ग,

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  • +निर्ग 24:13; व्य 1:38

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    मसीही ज़िंदगी और सेवा सभा पुस्तिका,

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    7/15/2011, पेज 25

    10/1/2001, पेज 30-31

    7/15/1998, पेज 18

इब्रानियों 4:12

फुटनोट

  • *

    शब्दावली में “जीवन” देखें।

  • *

    शब्दावली में “रुआख; नफ्मा” देखें।

  • *

    शा., “जोड़ों।”

संबंधित आयतें

  • +यिर्म 23:29; 1थि 2:13
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    यहोवा के करीब, पेज 42, 185-186

    खुशी से जीएँ हमेशा के लिए!, पाठ 12

    प्रहरीदुर्ग (अध्ययन),

    9/2017, पेज 23-27

    प्रहरीदुर्ग (अध्ययन),

    9/2016, पेज 13

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    बाइबल सिखाती है, पेज 25-26

    प्रहरीदुर्ग,

    2/15/2013, पेज 22-23

    12/15/2012, पेज 3

    7/15/2011, पेज 29, 32

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    11/15/2003, पेज 11

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    एकमात्र सच्चा परमेश्‍वर, पेज 24

    राज-सेवा,

    5/2001, पेज 1

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  • +भज 7:9; 90:8; नीत 15:11
  • +प्रेष 17:31; रोम 2:16; 14:12

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    खुशी से जीएँ हमेशा के लिए!, पाठ 36

    प्रहरीदुर्ग,

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    खुशी से जीएँ हमेशा के लिए!, पाठ 31

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इब्रानियों 4:16

संबंधित आयतें

  • +इफ 3:11, 12; इब्र 10:19-22

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    प्रहरीदुर्ग (अध्ययन),

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    6/1/1987, पेज 28

दूसरें अनुवाद

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दूसरी

इब्रा. 4:1इब्र 3:12, 13
इब्रा. 4:2मत 4:23; प्रेष 15:7; कुल 1:23
इब्रा. 4:3भज 95:11; इब्र 3:11
इब्रा. 4:3निर्ग 31:17
इब्रा. 4:4उत 2:2, 3
इब्रा. 4:5भज 95:11
इब्रा. 4:6गि 14:30; व्य 31:27
इब्रा. 4:7भज 95:7, 8
इब्रा. 4:8निर्ग 24:13; व्य 1:38
इब्रा. 4:9मर 2:28
इब्रा. 4:10उत 2:2, 3
इब्रा. 4:11भज 95:11
इब्रा. 4:12यिर्म 23:29; 1थि 2:13
इब्रा. 4:12इफ 6:17
इब्रा. 4:13भज 7:9; 90:8; नीत 15:11
इब्रा. 4:13प्रेष 17:31; रोम 2:16; 14:12
इब्रा. 4:14मर 1:11
इब्रा. 4:14इब्र 10:23
इब्रा. 4:15यश 53:4; इब्र 2:17
इब्रा. 4:15इब्र 7:26; 1पत 2:22
इब्रा. 4:16इफ 3:11, 12; इब्र 10:19-22
  • पवित्र शास्त्र का नयी दुनिया अनुवाद
  • अध्ययन बाइबल (nwtsty) में पढ़िए
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पवित्र शास्त्र का नयी दुनिया अनुवाद
इब्रानियों 4:1-16

इब्रानियों के नाम चिट्ठी

4 इसलिए जबकि परमेश्‍वर के विश्राम में दाखिल होने का वादा अब तक बना हुआ है, तो आओ हम खबरदार रहें कि हममें से कोई भी इस विश्राम में दाखिल होने के अयोग्य न ठहरे।+ 2 क्योंकि हमें भी खुशखबरी सुनायी गयी है,+ ठीक जैसे उन्हें सुनायी गयी थी। मगर जो वचन उन्होंने सुना उससे उन्हें कुछ फायदा नहीं हुआ, क्योंकि उनमें उन लोगों जैसा विश्‍वास नहीं था जिन्होंने सुना था। 3 मगर हमने विश्‍वास किया है और विश्राम में दाखिल होते हैं। जहाँ तक उनकी बात है, उसने उनके बारे में कहा है, “इसलिए मैंने क्रोध में आकर शपथ खायी, ‘ये मेरे विश्राम में दाखिल न होंगे।’”+ जबकि वह खुद अपना काम पूरा करने के बाद दुनिया की शुरूआत से विश्राम कर रहा है।+ 4 एक जगह उसने सातवें दिन के बारे में कहा, “सातवें दिन परमेश्‍वर ने अपने सब कामों से विश्राम किया।”+ 5 और फिर यहाँ उसने कहा, “ये मेरे विश्राम में दाखिल न होंगे।”+

6 तो फिर कुछ लोगों का इस विश्राम में दाखिल होना बाकी है और जिन लोगों को पहले खुशखबरी सुनायी गयी थी, वे आज्ञा न मानने की वजह से उसमें दाखिल नहीं हुए।+ 7 इसलिए एक लंबे समय बाद वह दाविद के भजन में किसी दिन को “आज का दिन” कहता है, ठीक जैसा कि इस चिट्ठी में पहले कहा गया है, “आज अगर तुम उसकी आवाज़ सुनो, तो अपना दिल कठोर मत कर लेना।”+ 8 अगर यहोशू+ उन्हें विश्राम की जगह ले जा चुका होता, तो परमेश्‍वर बाद में एक और दिन की बात नहीं करता। 9 तो इसका मतलब परमेश्‍वर के लोगों के लिए सब्त का विश्राम बाकी है।+ 10 क्योंकि जो इंसान परमेश्‍वर के विश्राम में दाखिल हुआ है, उसने भी अपने कामों से विश्राम किया है, ठीक जैसे परमेश्‍वर ने किया था।+

11 इसलिए आओ हम उस विश्राम में दाखिल होने के लिए अपना भरसक करें ताकि हममें से कोई भी उन लोगों की तरह आज्ञा तोड़ने के ढर्रे में न पड़ जाए।+ 12 क्योंकि परमेश्‍वर का वचन जीवित है और ज़बरदस्त ताकत रखता है+ और दोनों तरफ तेज़ धार रखनेवाली तलवार से भी ज़्यादा धारदार है।+ यह इंसान के बाहरी रूप* को उसके अंदर के इंसान* से अलग करता है और हड्डियों* को गूदे तक आर-पार चीरकर अलग कर देता है और दिल के विचारों और इरादों को जाँच सकता है। 13 सृष्टि में ऐसी एक भी चीज़ नहीं जो परमेश्‍वर की नज़र से छिपी हो+ बल्कि हमें जिसको हिसाब देना है उसकी आँखों के सामने सारी चीज़ें खुली और बेपरदा हैं।+

14 इसलिए जब हमारा ऐसा महान महायाजक है यानी परमेश्‍वर का बेटा यीशु जो स्वर्ग में दाखिल हुआ है,+ तो आओ हम उसके बारे में सरेआम ऐलान करते रहें।+ 15 क्योंकि हमारा महायाजक ऐसा नहीं जो हमारी कमज़ोरियों में हमसे हमदर्दी न रख सके।+ मगर वह ऐसा है जो हमारी तरह सब बातों में परखा गया, फिर भी वह निष्पाप निकला।+ 16 इसलिए आओ हम परमेश्‍वर की महा-कृपा की राजगद्दी के सामने बेझिझक बोलने की हिम्मत के साथ जाएँ+ ताकि हम सही वक्‍त पर मदद पाने के लिए उसकी दया और महा-कृपा पा सकें।

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