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  • 1 यूहन्‍ना 4
  • पवित्र शास्त्र का नयी दुनिया अनुवाद

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1 यूहन्‍ना का सारांश

      • संदेश को परखो (1-6)

      • परमेश्‍वर को जानो, उससे प्यार करो (7-21)

        • “परमेश्‍वर प्यार है” (8, 16)

        • प्यार में डर नहीं होता (18)

1 यूहन्‍ना 4:1

संबंधित आयतें

  • +2थि 2:1, 2; 1ती 4:1
  • +प्रक 22:6
  • +2पत 2:1

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    प्रहरीदुर्ग,

    4/15/2008, पेज 6-7

    9/1/2004, पेज 17

1 यूहन्‍ना 4:2

संबंधित आयतें

  • +यूह 1:14; 1कुर 12:3; प्रक 19:10

1 यूहन्‍ना 4:3

संबंधित आयतें

  • +1यूह 2:22
  • +2थि 2:7; 1यूह 2:18
  • +प्रेष 20:29, 30

1 यूहन्‍ना 4:4

संबंधित आयतें

  • +1यूह 5:4
  • +यूह 17:21
  • +इफ 2:2

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    प्रहरीदुर्ग,

    5/1/1992, पेज 23

1 यूहन्‍ना 4:5

संबंधित आयतें

  • +1यूह 5:19
  • +यूह 15:19

1 यूहन्‍ना 4:6

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  • +यूह 10:27
  • +यूह 8:47
  • +1यूह 4:1

1 यूहन्‍ना 4:7

संबंधित आयतें

  • +1पत 1:22
  • +1यूह 4:16

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    प्रहरीदुर्ग,

    10/1/2006, पेज 22-23

1 यूहन्‍ना 4:8

संबंधित आयतें

  • +निर्ग 34:6; मी 7:18; 1यूह 4:19

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    यहोवा के करीब, पेज 14-15, 236-237

    खुशी से जीएँ हमेशा के लिए!, पाठ 7

    सजग होइए!,

    अंक 1 2021 पेज 14

    प्रहरीदुर्ग (जनता के लिए),

    अंक 1 2019, पेज 9

    प्रहरीदुर्ग,

    11/15/2015, पेज 16

    7/1/2003, पेज 14

    6/1/2002, पेज 6

    2/1/1997, पेज 9-10

    12/1/1991, पेज 12

    11/1/1987, पेज 16-17

    एकमात्र सच्चा परमेश्‍वर, पेज 16-17

1 यूहन्‍ना 4:9

संबंधित आयतें

  • +यूह 1:14
  • +यूह 3:16; रोम 5:8; 8:32; 1यूह 5:11

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    खुशी से जीएँ हमेशा के लिए!, पाठ 28

    प्रहरीदुर्ग (जनता के लिए),

    अंक 2 2017, पेज 4

    प्रहरीदुर्ग,

    2/1/1997, पेज 12

    6/15/1996, पेज 6

    11/1/1987, पेज 18

    त्रियेक, पेज 15-16

1 यूहन्‍ना 4:10

फुटनोट

  • *

    या “प्रायश्‍चित का बलिदान दे; जो परमेश्‍वर को खुश करता है।”

संबंधित आयतें

  • +रोम 3:25; 1कुर 5:7; इब्र 2:17; 9:26; 1यूह 2:1, 2

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    खुशी से जीएँ हमेशा के लिए!, पाठ 28

    प्रहरीदुर्ग,

    12/15/2008, पेज 27

    3/15/1999, पेज 9

    6/15/1996, पेज 6

1 यूहन्‍ना 4:11

संबंधित आयतें

  • +मत 18:33; यूह 15:12; रोम 13:8; 1यूह 3:16

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  • खोजबीन गाइड

    खुशी से जीएँ हमेशा के लिए!, पाठ 28

    जागते रहो!, पेज 29

1 यूहन्‍ना 4:12

संबंधित आयतें

  • +निर्ग 33:20; यूह 1:18; 4:24; 6:46
  • +1यूह 2:5

1 यूहन्‍ना 4:14

संबंधित आयतें

  • +मत 1:21; यूह 3:17; 12:47; प्रेष 5:31

1 यूहन्‍ना 4:15

संबंधित आयतें

  • +रोम 10:9
  • +1यूह 2:23, 24

1 यूहन्‍ना 4:16

संबंधित आयतें

  • +यूह 3:16
  • +1यूह 4:8
  • +यूह 17:21

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  • खोजबीन गाइड

    प्रहरीदुर्ग,

    12/1/1991, पेज 12

    11/1/1987, पेज 16-17

1 यूहन्‍ना 4:17

फुटनोट

  • *

    या “का भरोसा हो।”

संबंधित आयतें

  • +इब्र 4:16; 1यूह 2:28

1 यूहन्‍ना 4:18

फुटनोट

  • *

    या “को भगा देता है।”

संबंधित आयतें

  • +रोम 8:15
  • +1यूह 2:5

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  • खोजबीन गाइड

    प्रहरीदुर्ग,

    10/1/2004, पेज 29

    8/1/1995, पेज 31

1 यूहन्‍ना 4:19

संबंधित आयतें

  • +1यूह 4:10

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  • खोजबीन गाइड

    यहोवा के करीब, पेज 237-239

    खुशी से जीएँ हमेशा के लिए!, पाठ 46

    प्यार के लायक, पेज 5-6

    प्रहरीदुर्ग,

    9/15/2015, पेज 23

    परमेश्‍वर का प्यार, पेज 5-6

1 यूहन्‍ना 4:20

संबंधित आयतें

  • +1यूह 2:4
  • +1यूह 3:17
  • +1यूह 4:12

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    प्रहरीदुर्ग,

    9/1/2007, पेज 31

    12/1/2006, पेज 28

1 यूहन्‍ना 4:21

संबंधित आयतें

  • +मत 22:37, 39; यूह 13:34; 15:12

दूसरें अनुवाद

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दूसरी

1 यूह. 4:12थि 2:1, 2; 1ती 4:1
1 यूह. 4:1प्रक 22:6
1 यूह. 4:12पत 2:1
1 यूह. 4:2यूह 1:14; 1कुर 12:3; प्रक 19:10
1 यूह. 4:31यूह 2:22
1 यूह. 4:32थि 2:7; 1यूह 2:18
1 यूह. 4:3प्रेष 20:29, 30
1 यूह. 4:41यूह 5:4
1 यूह. 4:4यूह 17:21
1 यूह. 4:4इफ 2:2
1 यूह. 4:51यूह 5:19
1 यूह. 4:5यूह 15:19
1 यूह. 4:6यूह 10:27
1 यूह. 4:6यूह 8:47
1 यूह. 4:61यूह 4:1
1 यूह. 4:71पत 1:22
1 यूह. 4:71यूह 4:16
1 यूह. 4:8निर्ग 34:6; मी 7:18; 1यूह 4:19
1 यूह. 4:9यूह 1:14
1 यूह. 4:9यूह 3:16; रोम 5:8; 8:32; 1यूह 5:11
1 यूह. 4:10रोम 3:25; 1कुर 5:7; इब्र 2:17; 9:26; 1यूह 2:1, 2
1 यूह. 4:11मत 18:33; यूह 15:12; रोम 13:8; 1यूह 3:16
1 यूह. 4:12निर्ग 33:20; यूह 1:18; 4:24; 6:46
1 यूह. 4:121यूह 2:5
1 यूह. 4:14मत 1:21; यूह 3:17; 12:47; प्रेष 5:31
1 यूह. 4:15रोम 10:9
1 यूह. 4:151यूह 2:23, 24
1 यूह. 4:16यूह 3:16
1 यूह. 4:161यूह 4:8
1 यूह. 4:16यूह 17:21
1 यूह. 4:17इब्र 4:16; 1यूह 2:28
1 यूह. 4:18रोम 8:15
1 यूह. 4:181यूह 2:5
1 यूह. 4:191यूह 4:10
1 यूह. 4:201यूह 2:4
1 यूह. 4:201यूह 3:17
1 यूह. 4:201यूह 4:12
1 यूह. 4:21मत 22:37, 39; यूह 13:34; 15:12
  • पवित्र शास्त्र का नयी दुनिया अनुवाद
  • अध्ययन बाइबल (nwtsty) में पढ़िए
  • नयी दुनिया अनुवाद—मसीही यूनानी शास्त्र (bi7) में पढ़िए
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पवित्र शास्त्र का नयी दुनिया अनुवाद
1 यूहन्‍ना 4:1-21

यूहन्‍ना की पहली चिट्ठी

4 प्यारे भाइयो, ऐसे हर संदेश को सच मत मान लेना जो लगता है कि ईश्‍वर-प्रेरणा से मिला है।+ मगर उसे परखना कि वह सचमुच परमेश्‍वर की तरफ से है या नहीं,+ क्योंकि दुनिया में बहुत-से झूठे भविष्यवक्‍ता निकल पड़े हैं।+

2 कोई संदेश परमेश्‍वर की तरफ से है या नहीं, यह तुम इस तरह जान सकते हो: जो संदेश वाकई परमेश्‍वर की तरफ से है उसमें यह स्वीकार किया जाता है कि यीशु मसीह हाड़-माँस का इंसान बनकर आया था,+ 3 मगर ऐसा हर संदेश जिसमें यीशु के बारे में यह स्वीकार नहीं किया जाता, वह परमेश्‍वर की तरफ से नहीं है।+ इसके बजाय, वह संदेश मसीह के विरोधी की तरफ से है। तुमने सुना था कि मसीह का विरोधी यह संदेश सुनाएगा+ और अब वाकई यह संदेश दुनिया में सुनाया जा रहा है।+

4 प्यारे बच्चो, तुम परमेश्‍वर से हो और तुमने इन लोगों पर जीत हासिल की है+ क्योंकि परमेश्‍वर जो तुम्हारे साथ एकता में है,+ वह शैतान से बड़ा है जो दुनिया के साथ एकता में है।+ 5 ये लोग दुनिया से हैं।+ इसलिए वे वही बातें कहते हैं जो दुनिया की तरफ से हैं और दुनिया उनकी सुनती है।+ 6 हम परमेश्‍वर से हैं। जो कोई परमेश्‍वर को जानता है वह हमारी सुनता है।+ जो परमेश्‍वर से नहीं है वह हमारी नहीं सुनता।+ इस तरह हम पहचान पाते हैं कि कौन-सा संदेश ईश्‍वर-प्रेरणा से है और कौन-सा संदेश झूठा है।+

7 प्यारे भाइयो, हम एक-दूसरे से प्यार करते रहें+ क्योंकि प्यार परमेश्‍वर से है और हर कोई जो प्यार करता है वह परमेश्‍वर से पैदा हुआ है और परमेश्‍वर को जानता है।+ 8 जो प्यार नहीं करता उसने परमेश्‍वर को नहीं जाना क्योंकि परमेश्‍वर प्यार है।+ 9 हमारे मामले में परमेश्‍वर का प्यार इस बात से ज़ाहिर हुआ कि परमेश्‍वर ने अपना इकलौता बेटा+ दुनिया में भेजा ताकि हम उसके ज़रिए जीवन पाएँ।+ 10 ऐसा नहीं कि हमने परमेश्‍वर से प्यार किया था और बदले में उसने हमसे प्यार किया, बल्कि उसी ने हमसे प्यार किया और अपने बेटे को भेजा ताकि वह हमारे पापों के लिए अपना बलिदान देकर परमेश्‍वर से हमारी सुलह कराए।*+

11 प्यारे भाइयो, जब परमेश्‍वर ने हमसे इस कदर प्यार किया है, तो हमारा भी फर्ज़ बनता है कि हम एक-दूसरे से प्यार करें।+ 12 किसी ने परमेश्‍वर को कभी नहीं देखा।+ अगर हम एक-दूसरे से प्यार करते रहें, तो परमेश्‍वर हमारे साथ रहता है और हमारे अंदर उसका प्यार पूरी हद तक दिखायी देता है।+ 13 उसने हमें अपनी पवित्र शक्‍ति दी है, इसलिए हम जानते हैं कि हम उसके साथ एकता में हैं और वह हमारे साथ एकता में है। 14 इसके अलावा, हमने खुद देखा है और यह गवाही भी दे रहे हैं कि पिता ने अपने बेटे को दुनिया का उद्धारकर्ता बनाकर भेजा।+ 15 जो इंसान स्वीकार करता है कि यीशु परमेश्‍वर का बेटा है,+ परमेश्‍वर उसके साथ एकता में रहता है और वह परमेश्‍वर के साथ एकता में रहता है।+ 16 हम जान गए हैं कि परमेश्‍वर हमसे कितना प्यार करता है और हमें इसका पूरा यकीन है।+

परमेश्‍वर प्यार है+ और जो प्यार करता रहता है वह परमेश्‍वर के साथ एकता में रहता है और परमेश्‍वर उसके साथ एकता में रहता है।+ 17 इस तरह हमसे पूरी हद तक प्यार किया गया है ताकि न्याय के दिन हममें बेझिझक बोलने की हिम्मत हो*+ क्योंकि इस दुनिया में हम ठीक वैसे हैं जैसे मसीह है। 18 प्यार में डर नहीं होता+ बल्कि जो प्यार पूरा है वह डर को दूर कर देता है* क्योंकि डर हमें रोकता है। दरअसल, जो डरता है उसका प्यार अधूरा है।+ 19 हम इसलिए प्यार करते हैं क्योंकि पहले परमेश्‍वर ने हमसे प्यार किया।+

20 अगर कोई कहता है, “मैं परमेश्‍वर से प्यार करता हूँ,” मगर अपने भाई से नफरत करता है, तो वह झूठा है।+ इसलिए कि जो अपने भाई से प्यार नहीं करता+ जिसे उसने देखा है, वह परमेश्‍वर से प्यार नहीं कर सकता जिसे उसने नहीं देखा।+ 21 और हमें उससे यह आज्ञा मिली है कि जो परमेश्‍वर से प्यार करता है उसे अपने भाई से भी प्यार करना चाहिए।+

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