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  • 1 यूहन्‍ना 5
  • पवित्र शास्त्र का नयी दुनिया अनुवाद

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1 यूहन्‍ना का सारांश

      • विश्‍वास से दुनिया पर जीत हासिल (1-12)

        • परमेश्‍वर से प्यार करने का मतलब (3)

      • प्रार्थना की ताकत पर भरोसा (13-17)

      • दुष्ट दुनिया में सँभलकर रहो (18-21)

        • सारी दुनिया शैतान के कब्ज़े में (19)

1 यूहन्‍ना 5:1

संबंधित आयतें

  • +यूह 3:3; 1पत 1:3, 23; 1यूह 3:9

1 यूहन्‍ना 5:2

संबंधित आयतें

  • +यूह 1:12, 13; रोम 8:14

1 यूहन्‍ना 5:3

संबंधित आयतें

  • +यूह 14:23
  • +व्य 30:11; मी 6:8

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    यहोवा के करीब, पेज 311

    खुशी से जीएँ हमेशा के लिए!, पाठ 8

    प्यार के लायक, पेज 5-12

    बाइबल सिखाती है, पेज 186-187

    परमेश्‍वर का प्यार, पेज 5-14

    प्रहरीदुर्ग,

    12/15/2009, पेज 25-26

    8/15/2009, पेज 19

    8/15/2005, पेज 27

    6/15/2002, पेज 22

    1/15/1997, पेज 19-22, 23-24

    12/15/1995, पेज 11

1 यूहन्‍ना 5:4

फुटनोट

  • *

    शा., “हर वह चीज़।”

संबंधित आयतें

  • +यूह 16:33; 1यूह 5:18
  • +इफ 6:16; 2ती 4:7; प्रक 12:10, 11

1 यूहन्‍ना 5:5

संबंधित आयतें

  • +1यूह 4:4
  • +यूह 20:31

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    एकमात्र सच्चा परमेश्‍वर, पेज 75-76

1 यूहन्‍ना 5:6

संबंधित आयतें

  • +मत 3:13
  • +प्रेष 20:28; इफ 1:7; 1पत 1:19
  • +मत 3:16; यूह 1:32, 33

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    प्रहरीदुर्ग,

    12/15/2008, पेज 27-28

1 यूहन्‍ना 5:7

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    पवित्र शास्त्र से जवाब जानिए, लेख 129

    प्रहरीदुर्ग,

    12/15/2008, पेज 27-28

    10/1/1997, पेज 13-14

    11/1/1990, पेज 29

    “सम्पूर्ण पवित्रशास्त्र” (1थिस्स-प्रका), पेज 22-23

    सर्वदा जीवित रहिए, पेज 53

1 यूहन्‍ना 5:8

संबंधित आयतें

  • +लूक 3:22; 4:18
  • +लूक 3:21
  • +इब्र 9:14

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    प्रहरीदुर्ग,

    12/15/2008, पेज 27-28

    “सम्पूर्ण पवित्रशास्त्र” (1थिस्स-प्रका), पेज 22-23

1 यूहन्‍ना 5:10

संबंधित आयतें

  • +यूह 3:33

1 यूहन्‍ना 5:11

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  • +यूह 17:3
  • +यूह 5:26

1 यूहन्‍ना 5:12

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  • +यूह 3:36

1 यूहन्‍ना 5:13

संबंधित आयतें

  • +1यूह 1:2
  • +यूह 20:31

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  • खोजबीन गाइड

    प्रहरीदुर्ग,

    12/15/1998, पेज 30

1 यूहन्‍ना 5:14

फुटनोट

  • *

    या “बेझिझक बोलने की हिम्मत है।”

संबंधित आयतें

  • +इब्र 4:16; 1यूह 3:21
  • +नीत 15:29

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    प्रहरीदुर्ग (जनता के लिए),

    अंक 1 2021 पेज 10

    खुशी से जीएँ हमेशा के लिए!, पाठ 9

    प्रहरीदुर्ग,

    7/1/2009, पेज 15

    8/15/2004, पेज 18

    ज्ञान, पेज 154-155

1 यूहन्‍ना 5:15

संबंधित आयतें

  • +लूक 11:13; यूह 14:13

1 यूहन्‍ना 5:16

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  • +याकू 5:15; 1यूह 1:9
  • +मत 12:31; मर 3:29; लूक 12:10; इब्र 6:4-6; 10:26

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    पवित्र शास्त्र से जवाब जानिए, लेख 114

    प्रहरीदुर्ग,

    12/1/2001, पेज 30-31

1 यूहन्‍ना 5:17

संबंधित आयतें

  • +1यूह 3:4

1 यूहन्‍ना 5:18

फुटनोट

  • *

    यानी परमेश्‍वर का बेटा यीशु मसीह।

  • *

    शा., “वह दुष्ट।”

संबंधित आयतें

  • +यूह 17:15

1 यूहन्‍ना 5:19

फुटनोट

  • *

    शा., “उस दुष्ट।”

संबंधित आयतें

  • +मत 13:19; लूक 4:6; यूह 12:31

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    खुशी से जीएँ हमेशा के लिए!, पाठ 26

    सजग होइए!,

    अंक 1 2021 पेज 10-11

    प्रहरीदुर्ग,

    7/1/2014, पेज 16

    7/1/2013, पेज 4

    11/1/2002, पेज 15

1 यूहन्‍ना 5:20

फुटनोट

  • *

    शा., “समझने की काबिलीयत; दिमागी काबिलीयत।”

संबंधित आयतें

  • +1ती 3:16
  • +यूह 17:20, 21
  • +यूह 17:3

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    प्रहरीदुर्ग,

    4/15/2012, पेज 6

    10/15/2004, पेज 30-31

1 यूहन्‍ना 5:21

संबंधित आयतें

  • +1कुर 10:14

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    खुशी से जीएँ हमेशा के लिए!, पाठ 45

    प्रहरीदुर्ग,

    4/1/1993, पेज 26

दूसरें अनुवाद

मिलती-जुलती आयतें देखने के लिए किसी आयत पर क्लिक कीजिए।

दूसरी

1 यूह. 5:1यूह 3:3; 1पत 1:3, 23; 1यूह 3:9
1 यूह. 5:2यूह 1:12, 13; रोम 8:14
1 यूह. 5:3यूह 14:23
1 यूह. 5:3व्य 30:11; मी 6:8
1 यूह. 5:4यूह 16:33; 1यूह 5:18
1 यूह. 5:4इफ 6:16; 2ती 4:7; प्रक 12:10, 11
1 यूह. 5:51यूह 4:4
1 यूह. 5:5यूह 20:31
1 यूह. 5:6मत 3:13
1 यूह. 5:6प्रेष 20:28; इफ 1:7; 1पत 1:19
1 यूह. 5:6मत 3:16; यूह 1:32, 33
1 यूह. 5:8लूक 3:22; 4:18
1 यूह. 5:8लूक 3:21
1 यूह. 5:8इब्र 9:14
1 यूह. 5:10यूह 3:33
1 यूह. 5:11यूह 17:3
1 यूह. 5:11यूह 5:26
1 यूह. 5:12यूह 3:36
1 यूह. 5:131यूह 1:2
1 यूह. 5:13यूह 20:31
1 यूह. 5:14इब्र 4:16; 1यूह 3:21
1 यूह. 5:14नीत 15:29
1 यूह. 5:15लूक 11:13; यूह 14:13
1 यूह. 5:16याकू 5:15; 1यूह 1:9
1 यूह. 5:16मत 12:31; मर 3:29; लूक 12:10; इब्र 6:4-6; 10:26
1 यूह. 5:171यूह 3:4
1 यूह. 5:18यूह 17:15
1 यूह. 5:19मत 13:19; लूक 4:6; यूह 12:31
1 यूह. 5:201ती 3:16
1 यूह. 5:20यूह 17:20, 21
1 यूह. 5:20यूह 17:3
1 यूह. 5:211कुर 10:14
  • पवित्र शास्त्र का नयी दुनिया अनुवाद
  • अध्ययन बाइबल (nwtsty) में पढ़िए
  • नयी दुनिया अनुवाद—मसीही यूनानी शास्त्र (bi7) में पढ़िए
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पवित्र शास्त्र का नयी दुनिया अनुवाद
1 यूहन्‍ना 5:1-21

यूहन्‍ना की पहली चिट्ठी

5 हर कोई जो विश्‍वास करता है कि यीशु ही मसीह है, वह परमेश्‍वर से पैदा हुआ है।+ और जो कोई जीवन देनेवाले परमेश्‍वर से प्यार करता है, वह उसके बच्चों से भी प्यार करता है। 2 जब हम परमेश्‍वर से प्यार करते हैं और उसकी आज्ञाएँ मानते हैं तो इसी से हम जानते हैं कि हम परमेश्‍वर के बच्चों से प्यार करते हैं।+ 3 परमेश्‍वर से प्यार करने का मतलब यही है कि हम उसकी आज्ञाओं पर चलें+ और उसकी आज्ञाएँ हम पर बोझ नहीं हैं,+ 4 क्योंकि हर कोई* जो परमेश्‍वर से पैदा हुआ है वह दुनिया पर जीत हासिल करता है।+ और हमने दुनिया पर जो जीत हासिल की है, वह अपने विश्‍वास की बदौलत की है।+

5 कौन दुनिया पर जीत हासिल कर सकता है?+ क्या वही नहीं जिसमें विश्‍वास हो कि यीशु, परमेश्‍वर का बेटा है?+ 6 यही है जो पानी और खून के ज़रिए आया, यानी यीशु मसीह। वह सिर्फ पानी के साथ नहीं,+ मगर पानी और खून के साथ आया।+ पवित्र शक्‍ति गवाही दे रही है+ क्योंकि पवित्र शक्‍ति सच्ची गवाही देती है। 7 इसलिए कि गवाही देनेवाले तीन हैं, 8 पवित्र शक्‍ति,+ पानी+ और खून+ और ये तीनों एक ही बात पर सहमत हैं।

9 अगर हम इंसानों की गवाही पर यकीन करते हैं, तो परमेश्‍वर की गवाही तो उससे भी बढ़कर है। क्योंकि परमेश्‍वर ने खुद अपने बेटे के बारे में गवाही दी है। 10 जो इंसान परमेश्‍वर के बेटे पर विश्‍वास करता है उसने अपने दिल में उस गवाही को स्वीकार किया है जो परमेश्‍वर ने उसे दी है। जो इंसान परमेश्‍वर पर विश्‍वास नहीं करता, उसने उसे झूठा ठहराया है+ क्योंकि उसने परमेश्‍वर की उस गवाही पर विश्‍वास नहीं किया जो उसने अपने बेटे के बारे में दी है। 11 और वह गवाही यह है कि परमेश्‍वर ने हमें हमेशा की ज़िंदगी दी है+ और यह ज़िंदगी उसके बेटे के ज़रिए मिलती है।+ 12 जो बेटे को स्वीकार करता है उसके पास यह ज़िंदगी है। जो परमेश्‍वर के बेटे को स्वीकार नहीं करता, उसके पास यह ज़िंदगी नहीं है।+

13 मैं तुम्हें ये बातें इसलिए लिख रहा हूँ ताकि तुम जानो कि तुम्हारे पास हमेशा की ज़िंदगी है,+ क्योंकि तुम परमेश्‍वर के बेटे के नाम पर विश्‍वास करते हो।+ 14 हमें परमेश्‍वर पर भरोसा है*+ कि हम उसकी मरज़ी के मुताबिक चाहे जो भी माँगें वह हमारी सुनता है।+ 15 हम जानते हैं कि हम चाहे जो भी माँगें वह हमारी सुनता है, इसलिए हमें पूरा यकीन है कि हम उससे जो भी माँगते हैं वह हमें ज़रूर देगा।+

16 अगर कोई अपने भाई को ऐसा पाप करते हुए देख लेता है जिसका अंजाम मौत नहीं है, तो वह अपने भाई के लिए प्रार्थना करे और परमेश्‍वर उसे जीवन देगा,+ हाँ उन लोगों को जीवन देगा जिन्होंने ऐसा पाप नहीं किया जिसका अंजाम मौत है। मगर ऐसा पाप भी है जिसका अंजाम मौत है।+ मैं ऐसा पाप करनेवाले के बारे में प्रार्थना करने के लिए नहीं कहता। 17 हर बुरा काम पाप है।+ मगर ऐसा पाप भी है जिसका अंजाम मौत नहीं है।

18 हम जानते हैं कि हर वह इंसान जो परमेश्‍वर से पैदा हुआ है वह पाप करने में नहीं लगा रहता, मगर ऐसे इंसान की वह* हिफाज़त करता है जो परमेश्‍वर से पैदा हुआ है और शैतान* उस पर कब्ज़ा नहीं कर सकता।+ 19 हम जानते हैं कि हम परमेश्‍वर से हैं, मगर सारी दुनिया शैतान* के कब्ज़े में पड़ी हुई है।+ 20 और हम यह भी जानते हैं कि परमेश्‍वर का बेटा आया है+ और उसने हमें अंदरूनी समझ* दी है ताकि जो सच्चा है हम उसके बारे में ज्ञान ले सकें। और हम उस सच्चे परमेश्‍वर के बेटे यीशु मसीह के ज़रिए परमेश्‍वर के साथ एकता में हैं।+ वही सच्चा परमेश्‍वर है और हमेशा की ज़िंदगी वही देता है।+ 21 प्यारे बच्चो, खुद को मूरतों से बचाए रखो।+

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