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  • कुलुस्सियों 3
  • पवित्र शास्त्र का नयी दुनिया अनुवाद (अध्ययन बाइबल)

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कुलुस्सियों का सारांश

      • पुरानी और नयी शख्सियत (1-17)

        • शरीर के अंगों को मार डालो (5)

        • प्यार, एकता में जोड़नेवाला जोड़ (14)

      • मसीही परिवारों के लिए सलाह (18-25)

कुलुस्सियों 3:1

संबंधित आयतें

  • +इफ 2:6
  • +भज 110:1; 1पत 3:22

कुलुस्सियों 3:2

संबंधित आयतें

  • +फिल 3:20; 4:8; 1पत 1:13
  • +1यूह 2:15

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    प्रहरीदुर्ग (अध्ययन),

    11/2017, पेज 25-26

    प्रहरीदुर्ग,

    10/15/2014, पेज 28-29

कुलुस्सियों 3:4

संबंधित आयतें

  • +यूह 11:25
  • +1कुर 15:42, 43

कुलुस्सियों 3:5

फुटनोट

  • *

    शा., “उन अंगों को जो धरती पर हैं।”

  • *

    यूनानी में पोर्निया। शब्दावली देखें।

संबंधित आयतें

  • +मर 9:43; गल 5:24
  • +1कुर 6:18; इफ 5:3

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    खुशी से जीएँ हमेशा के लिए!, पाठ 40

    प्रहरीदुर्ग (अध्ययन),

    11/2017, पेज 26

    8/2017, पेज 18-20

    प्रहरीदुर्ग (अध्ययन),

    6/2016, पेज 20-21

    प्रहरीदुर्ग,

    6/15/2008, पेज 9

    4/15/2008, पेज 5

    7/15/2002, पेज 13

    10/15/2001, पेज 26

    6/15/2001, पेज 6

    1/15/2001, पेज 6

    7/15/1997, पेज 17

    10/1/1992, पेज 24

    5/1/1990, पेज 23

    सजग होइए!,

    10/8/2002, पेज 21

    6/8/1997, पेज 8

    युवाओं के प्रश्‍न, पेज 202

कुलुस्सियों 3:7

फुटनोट

  • *

    या “तुम ऐसा ही जीवन बिताते थे।”

संबंधित आयतें

  • +1कुर 6:9-11; इफ 2:3; तीत 3:3

कुलुस्सियों 3:8

संबंधित आयतें

  • +1पत 2:1
  • +इफ 4:31
  • +इफ 5:3, 4

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    प्रहरीदुर्ग (अध्ययन),

    8/2017, पेज 18, 20-21

    सजग होइए!,

    7/8/2003, पेज 15

    6/8/1997, पेज 8

कुलुस्सियों 3:9

फुटनोट

  • *

    शा., “इंसान।”

संबंधित आयतें

  • +इफ 4:25; प्रक 21:8
  • +इफ 4:22

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    प्रहरीदुर्ग (अध्ययन),

    3/2022, पेज 2-7

    प्रहरीदुर्ग (अध्ययन),

    8/2017, पेज 17-21

    प्रहरीदुर्ग,

    5/15/1998, पेज 25-26

कुलुस्सियों 3:10

संबंधित आयतें

  • +रोम 12:2; इफ 4:24
  • +उत 1:26, 27; 1पत 1:16

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    प्रहरीदुर्ग (अध्ययन),

    8/2017, पेज 22

    सजग होइए!,

    7/8/1995, पेज 26

    प्रहरीदुर्ग,

    11/1/1990, पेज 23-27

    6/1/1990, पेज 5

कुलुस्सियों 3:11

फुटनोट

  • *

    यहाँ “स्कूती” का मतलब है असभ्य लोग।

संबंधित आयतें

  • +गल 3:28

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    प्रहरीदुर्ग (अध्ययन),

    8/2017, पेज 23

    प्रहरीदुर्ग,

    11/15/2001, पेज 25

    8/1/1989, पेज 9-10

कुलुस्सियों 3:12

संबंधित आयतें

  • +1पत 2:9
  • +फिल 2:1, 2
  • +रोम 12:16
  • +तीत 3:2
  • +इफ 4:1, 2; 1थि 5:14

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    खुशी से जीएँ हमेशा के लिए!, पाठ 49

    सजग होइए!,

    अंक 1 2021 पेज 7

    प्रहरीदुर्ग (अध्ययन),

    8/2017, पेज 23-26

    प्रहरीदुर्ग,

    11/1/2001, पेज 16-17

    11/1/1994, पेज 12

कुलुस्सियों 3:13

फुटनोट

  • *

    अति. क5 देखें।

संबंधित आयतें

  • +मत 18:15
  • +नीत 19:11; इफ 4:32; 1पत 4:8
  • +मत 6:14; मर 11:25

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    यहोवा के करीब, पेज 188

    खुशी से जीएँ हमेशा के लिए!, पाठ 49

    सजग होइए!,

    अंक 1 2021 पेज 6

    7/2012, पेज 10

    1/2009, पेज 6-7

    प्रहरीदुर्ग (अध्ययन),

    11/2017, पेज 26-27

    6/2017, पेज 17-18

    प्रहरीदुर्ग (जनता के लिए),

    अंक 1 2016, पेज 15

    7/15/2001, पेज 22-23

    10/15/1999, पेज 13-14

    12/1/1997, पेज 18

    7/15/1995, पेज 22

    लौट आइए, पेज 8-9

    सबके लिए किताब, पेज 26

कुलुस्सियों 3:14

संबंधित आयतें

  • +1यूह 3:23
  • +1कुर 13:4-7

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    सजग होइए!,

    अंक 3 2020 पेज 12

    10/8/1997, पेज 9-10

    प्रहरीदुर्ग (अध्ययन),

    8/2017, पेज 26

    ज्ञान, पेज 163-167

कुलुस्सियों 3:15

फुटनोट

  • *

    या “दिलों को काबू में रखे।”

संबंधित आयतें

  • +यूह 14:27; फिल 4:7

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    सजग होइए!,

    अंक 3 2019, पेज 6-7

    प्रहरीदुर्ग (अध्ययन),

    12/2017, पेज 26

    प्रहरीदुर्ग,

    9/1/2001, पेज 14-18

    2/15/1998, पेज 4

    10/1/1989, पेज 18-23

कुलुस्सियों 3:16

फुटनोट

  • *

    या “को समझाते-बुझाते।”

  • *

    अति. क5 देखें।

संबंधित आयतें

  • +1कुर 14:26
  • +इफ 5:19

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    प्रहरीदुर्ग (अध्ययन),

    11/2023, पेज 32

    खुशी से जीएँ हमेशा के लिए!, पाठ 10

    प्रहरीदुर्ग,

    5/1/1994, पेज 17

कुलुस्सियों 3:17

संबंधित आयतें

  • +1कुर 10:31

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    प्रहरीदुर्ग,

    4/1/1989, पेज 27-28

कुलुस्सियों 3:18

संबंधित आयतें

  • +इफ 5:22; 1पत 3:1

कुलुस्सियों 3:19

फुटनोट

  • *

    या “उनसे कठोर व्यवहार मत करो।”

संबंधित आयतें

  • +इफ 5:25; 1पत 3:7
  • +इफ 4:31

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    सिखाती है, पेज 145-146

    बाइबल सिखाती है, पेज 135-136

    प्रहरीदुर्ग,

    9/15/2008, पेज 17

    5/1/2007, पेज 25-26

    10/1/2006, पेज 15

कुलुस्सियों 3:20

संबंधित आयतें

  • +नीत 6:20; लूक 2:51; इफ 6:1

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    प्रहरीदुर्ग (अध्ययन),

    10/2023, पेज 7

    खुशी से जीएँ हमेशा के लिए!, पाठ 50

    प्रहरीदुर्ग,

    6/1/1995, पेज 28-29

कुलुस्सियों 3:21

फुटनोट

  • *

    या “गुस्सा; चिढ़ मत दिलाओ।”

  • *

    या “निराश हो जाएँ।”

संबंधित आयतें

  • +इफ 6:4

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    प्रहरीदुर्ग,

    6/15/2005, पेज 22

    8/1/1997, पेज 12

    8/1/1996, पेज 20

    पारिवारिक सुख, पेज 147-148

    ज्ञान, पेज 146-148

कुलुस्सियों 3:22

फुटनोट

  • *

    अति. क5 देखें।

संबंधित आयतें

  • +इफ 6:5, 6; तीत 2:9; 1पत 2:18

कुलुस्सियों 3:23

फुटनोट

  • *

    अति. क5 देखें।

संबंधित आयतें

  • +लूक 10:27; रोम 12:11

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    यहोवा के करीब, पेज 105-106

    खुशी से जीएँ हमेशा के लिए!, पाठ 37

    प्रहरीदुर्ग,

    1/15/2012, पेज 21-23

    10/15/1997, पेज 13-18

    “सम्पूर्ण पवित्रशास्त्र” (यिर्म-मला), पेज 28

कुलुस्सियों 3:24

फुटनोट

  • *

    अति. क5 देखें।

संबंधित आयतें

  • +इफ 6:8; 1पत 1:3, 4

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    खुशी से जीएँ हमेशा के लिए!, पाठ 37

    प्रहरीदुर्ग,

    6/15/1997, पेज 32

कुलुस्सियों 3:25

संबंधित आयतें

  • +रोम 2:6; गल 6:7
  • +रोम 2:11; 1पत 1:17

दूसरें अनुवाद

मिलती-जुलती आयतें देखने के लिए किसी आयत पर क्लिक कीजिए।

दूसरी

कुलु. 3:1इफ 2:6
कुलु. 3:1भज 110:1; 1पत 3:22
कुलु. 3:2फिल 3:20; 4:8; 1पत 1:13
कुलु. 3:21यूह 2:15
कुलु. 3:4यूह 11:25
कुलु. 3:41कुर 15:42, 43
कुलु. 3:5मर 9:43; गल 5:24
कुलु. 3:51कुर 6:18; इफ 5:3
कुलु. 3:71कुर 6:9-11; इफ 2:3; तीत 3:3
कुलु. 3:81पत 2:1
कुलु. 3:8इफ 4:31
कुलु. 3:8इफ 5:3, 4
कुलु. 3:9इफ 4:25; प्रक 21:8
कुलु. 3:9इफ 4:22
कुलु. 3:10रोम 12:2; इफ 4:24
कुलु. 3:10उत 1:26, 27; 1पत 1:16
कुलु. 3:11गल 3:28
कुलु. 3:121पत 2:9
कुलु. 3:12फिल 2:1, 2
कुलु. 3:12रोम 12:16
कुलु. 3:12तीत 3:2
कुलु. 3:12इफ 4:1, 2; 1थि 5:14
कुलु. 3:13मत 6:14; मर 11:25
कुलु. 3:13मत 18:15
कुलु. 3:13नीत 19:11; इफ 4:32; 1पत 4:8
कुलु. 3:141यूह 3:23
कुलु. 3:141कुर 13:4-7
कुलु. 3:15यूह 14:27; फिल 4:7
कुलु. 3:161कुर 14:26
कुलु. 3:16इफ 5:19
कुलु. 3:171कुर 10:31
कुलु. 3:18इफ 5:22; 1पत 3:1
कुलु. 3:19इफ 5:25; 1पत 3:7
कुलु. 3:19इफ 4:31
कुलु. 3:20नीत 6:20; लूक 2:51; इफ 6:1
कुलु. 3:21इफ 6:4
कुलु. 3:22इफ 6:5, 6; तीत 2:9; 1पत 2:18
कुलु. 3:23लूक 10:27; रोम 12:11
कुलु. 3:24इफ 6:8; 1पत 1:3, 4
कुलु. 3:25रोम 2:6; गल 6:7
कुलु. 3:25रोम 2:11; 1पत 1:17
  • पवित्र शास्त्र का नयी दुनिया अनुवाद (अध्ययन बाइबल)
  • नयी दुनिया अनुवाद (nwt) में पढ़िए
  • नयी दुनिया अनुवाद—मसीही यूनानी शास्त्र (bi7) में पढ़िए
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पवित्र शास्त्र का नयी दुनिया अनुवाद (अध्ययन बाइबल)
कुलुस्सियों 3:1-25

कुलुस्सियों के नाम चिट्ठी

3 लेकिन अगर तुम मसीह के साथ ज़िंदा किए गए थे,+ तो स्वर्ग की बातों की खोज में लगे रहो जहाँ मसीह, परमेश्‍वर के दाएँ हाथ बैठा है।+ 2 अपना ध्यान स्वर्ग की बातों पर लगाए रखो,+ न कि धरती की बातों पर।+ 3 इसलिए कि तुम मर गए थे और तुम्हारा जीवन परमेश्‍वर के साथ एकता में मसीह के साथ छिपा हुआ है। 4 जब मसीह जो हमारा जीवन है,+ प्रकट होगा तब तुम भी उसके साथ महिमा में प्रकट किए जाओगे।+

5 इसलिए अपने शरीर के उन अंगों को* मार डालो+ जिनमें ऐसी लालसाएँ पैदा होती हैं जैसे, नाजायज़ यौन-संबंध,* अशुद्धता, बेकाबू होकर वासनाएँ पूरी करना,+ बुरी इच्छाएँ और लालच जो कि मूर्तिपूजा के बराबर है। 6 इन्हीं बातों की वजह से परमेश्‍वर का क्रोध आ रहा है। 7 तुम भी पहले ऐसे कामों में लगे हुए थे और यही तुम्हारे जीने का तरीका था।*+ 8 मगर अब तुम इन सब बातों को खुद से पूरी तरह दूर करो, जैसे क्रोध, गुस्सा, बुराई,+ गाली-गलौज+ और मुँह से अश्‍लील बातें+ कहना। 9 एक-दूसरे से झूठ मत बोलो।+ पुरानी शख्सियत* को उसकी आदतों समेत उतार फेंको+ 10 और वह नयी शख्सियत पहन लो+ जिसकी सृष्टि परमेश्‍वर करता है और उसे सही ज्ञान के ज़रिए नया बनाते जाओ ताकि यह परमेश्‍वर की छवि के मुताबिक हो जाए,+ 11 जिसमें न तो कोई यूनानी है न यहूदी, न खतना पाया हुआ न खतनारहित, न परदेसी न स्कूती,* न गुलाम न ही आज़ाद, मगर मसीह सबकुछ और सबमें है।+

12 इसलिए परमेश्‍वर के चुने हुओं+ के नाते तुम जो पवित्र और प्यारे हो, करुणा से भरपूर गहरे लगाव,+ कृपा, नम्रता,+ कोमलता+ और सब्र+ का पहनावा पहन लो। 13 अगर किसी के पास दूसरे के खिलाफ शिकायत की कोई वजह है,+ तो भी एक-दूसरे की सहते रहो और एक-दूसरे को दिल खोलकर माफ करते रहो।+ जैसे यहोवा* ने तुम्हें दिल खोलकर माफ किया है, तुम भी वैसा ही करो।+ 14 मगर इन सब बातों के अलावा, प्यार का पहनावा पहन लो+ क्योंकि यह पूरी तरह से एकता में जोड़नेवाला जोड़ है।+

15 साथ ही, मसीह की शांति तुम्हारे दिलों पर राज करे*+ क्योंकि इसी शांति के लिए तुम बुलाए गए हो ताकि तुम एक शरीर बने रहो। दिखाओ कि तुम कितने एहसानमंद हो। 16 मसीह का वचन पूरी बुद्धि के साथ तुम्हारे अंदर बहुतायत में बस जाए। भजन गाकर, परमेश्‍वर का गुणगान करके और एहसान-भरे दिल से उपासना के गीत गाकर एक-दूसरे को सिखाते रहो और एक-दूसरे की हिम्मत बँधाते* रहो+ और अपने दिलों में यहोवा* के लिए गीत गाते रहो।+ 17 और जो कुछ तुम कहो या करो, सबकुछ प्रभु यीशु के नाम से करो और उसके ज़रिए परमेश्‍वर यानी पिता का धन्यवाद करो।+

18 हे पत्नियो, अपने-अपने पति के अधीन रहो,+ जैसा प्रभु के चेलों को शोभा देता है। 19 हे पतियो, अपनी-अपनी पत्नी से प्यार करते रहो+ और उन पर गुस्से से आग-बबूला मत हो।*+ 20 हे बच्चो, हर बात में अपने माता-पिता का कहना माननेवाले बनो+ क्योंकि प्रभु इससे खुश होता है। 21 हे पिताओ, अपने बच्चों को खीज न दिलाओ,*+ कहीं ऐसा न हो कि वे हिम्मत हार बैठें।* 22 हे दासो, जो दुनिया में तुम्हारे मालिक हैं हर बात में उनकी आज्ञा मानो,+ सिर्फ तब नहीं जब वे तुम्हें देख रहे हों, मानो तुम इंसानों को खुश करना चाहते हो, बल्कि मन की सीधाई से और यहोवा* का डर मानते हुए ऐसा करो। 23 तुम चाहे जो भी काम करो, तन-मन से ऐसे करो मानो यहोवा* के लिए कर रहे हो+ न कि इंसानों के लिए 24 क्योंकि तुम जानते हो कि यहोवा* से ही तुम्हें इनाम के तौर पर विरासत मिलेगी।+ अपने मालिक मसीह के दास बनकर उसकी सेवा करो। 25 बेशक, जो बुरा करता है वह अपने बुरे कामों का फल पाएगा+ और किसी तरह का पक्षपात नहीं किया जाएगा।+

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