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  • 1 थिस्सलुनीकियों 4
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1 थिस्सलुनीकियों का सारांश

      • नाजायज़ यौन-संबंधों के खिलाफ चेतावनी (1-8)

      • एक-दूसरे से और भी ज़्यादा प्यार करो (9-12)

        • ‘अपने काम से काम रखो’ (11)

      • जो मसीह में मर चुके हैं वे पहले ज़िंदा होंगे (13-18)

1 थिस्सलुनीकियों 4:1

संबंधित आयतें

  • +कुल 1:10; 1पत 2:12

1 थिस्सलुनीकियों 4:2

फुटनोट

  • *

    या “आदेश।”

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  • खोजबीन गाइड

    प्रहरीदुर्ग,

    4/1/1987, पेज 17-18

1 थिस्सलुनीकियों 4:3

फुटनोट

  • *

    यूनानी में पोर्निया। शब्दावली देखें।

संबंधित आयतें

  • +यूह 17:19; इफ 5:25-27; 2थि 2:13; 1पत 1:15, 16
  • +इफ 5:3

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  • खोजबीन गाइड

    खुशी से जीएँ हमेशा के लिए!, पाठ 41

    प्रहरीदुर्ग,

    7/15/1997, पेज 17-18

    5/1/1990, पेज 22

    4/1/1987, पेज 17

1 थिस्सलुनीकियों 4:4

फुटनोट

  • *

    शा., “बरतन।”

संबंधित आयतें

  • +रोम 6:19
  • +कुल 3:5; 2ती 2:22

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  • खोजबीन गाइड

    प्रहरीदुर्ग,

    4/1/1987, पेज 17

1 थिस्सलुनीकियों 4:5

संबंधित आयतें

  • +1कुर 6:18; इफ 5:5
  • +भज 79:6; इफ 4:17, 19; 1पत 4:3

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    सजग होइए!,

    10/2013, पेज 5

    प्रहरीदुर्ग,

    4/1/1987, पेज 17

1 थिस्सलुनीकियों 4:6

फुटनोट

  • *

    अति. क5 देखें।

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  • खोजबीन गाइड

    सभा पुस्तिका के लिए हवाले, 7/2019, पेज 3

    सजग होइए!,

    1/2007, पेज 19

    5/8/2000, पेज 14-15

    प्रहरीदुर्ग,

    6/15/2002, पेज 20-21

    1/15/2001, पेज 6-7

    7/15/1997, पेज 17-18

1 थिस्सलुनीकियों 4:7

संबंधित आयतें

  • +इब्र 12:14; 1पत 1:15, 16

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  • खोजबीन गाइड

    प्रहरीदुर्ग (अध्ययन),

    6/2023, पेज 12-13

1 थिस्सलुनीकियों 4:8

संबंधित आयतें

  • +1कुर 6:18, 19
  • +1यूह 3:24

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    सभा पुस्तिका के लिए हवाले, 7/2019, पेज 3

1 थिस्सलुनीकियों 4:9

संबंधित आयतें

  • +रोम 12:10
  • +यूह 13:34, 35; 1पत 1:22; 1यूह 4:21

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    प्रहरीदुर्ग,

    4/1/1987, पेज 17-18

1 थिस्सलुनीकियों 4:10

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    प्रहरीदुर्ग,

    2/1/2003, पेज 13-14

    4/1/1987, पेज 17-18

1 थिस्सलुनीकियों 4:11

संबंधित आयतें

  • +2थि 3:11, 12
  • +1पत 4:15
  • +1कुर 4:11, 12; इफ 4:28; 2थि 3:10; 1ती 5:8

1 थिस्सलुनीकियों 4:12

संबंधित आयतें

  • +रोम 12:17

1 थिस्सलुनीकियों 4:13

संबंधित आयतें

  • +यूह 11:11; प्रेष 7:59, 60; 1कुर 15:6
  • +1कुर 15:32

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    प्रहरीदुर्ग,

    10/1/1994, पेज 32

    4/1/1987, पेज 18-19

1 थिस्सलुनीकियों 4:14

संबंधित आयतें

  • +रोम 14:9; 1कुर 15:3, 4
  • +1कुर 15:22, 23; फिल 3:20, 21; 2थि 2:1; प्रक 20:4

1 थिस्सलुनीकियों 4:15

फुटनोट

  • *

    अति. क5 देखें।

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    प्रहरीदुर्ग,

    1/1/2007, पेज 30

1 थिस्सलुनीकियों 4:16

संबंधित आयतें

  • +यहू 9
  • +1कुर 15:51, 52

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    पवित्र शास्त्र से जवाब जानिए, लेख 121

    प्रहरीदुर्ग (जनता के लिए),

    अंक 5 2017, पेज 5

    प्रहरीदुर्ग,

    1/1/2007, पेज 30

    4/1/1987, पेज 19-20

1 थिस्सलुनीकियों 4:17

संबंधित आयतें

  • +प्रेष 1:9
  • +2थि 2:1
  • +यूह 14:3; 17:24; 2कुर 5:8; फिल 1:23; प्रक 20:6

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  • खोजबीन गाइड

    प्रहरीदुर्ग,

    7/15/2015, पेज 18-19

    9/15/2008, पेज 29

    1/1/2007, पेज 30

    4/1/1987, पेज 20

1 थिस्सलुनीकियों 4:18

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    प्रहरीदुर्ग,

    4/1/1987, पेज 16-20

दूसरें अनुवाद

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दूसरी

1 थिस्स. 4:1कुल 1:10; 1पत 2:12
1 थिस्स. 4:3यूह 17:19; इफ 5:25-27; 2थि 2:13; 1पत 1:15, 16
1 थिस्स. 4:3इफ 5:3
1 थिस्स. 4:4रोम 6:19
1 थिस्स. 4:4कुल 3:5; 2ती 2:22
1 थिस्स. 4:51कुर 6:18; इफ 5:5
1 थिस्स. 4:5भज 79:6; इफ 4:17, 19; 1पत 4:3
1 थिस्स. 4:7इब्र 12:14; 1पत 1:15, 16
1 थिस्स. 4:81कुर 6:18, 19
1 थिस्स. 4:81यूह 3:24
1 थिस्स. 4:9रोम 12:10
1 थिस्स. 4:9यूह 13:34, 35; 1पत 1:22; 1यूह 4:21
1 थिस्स. 4:112थि 3:11, 12
1 थिस्स. 4:111पत 4:15
1 थिस्स. 4:111कुर 4:11, 12; इफ 4:28; 2थि 3:10; 1ती 5:8
1 थिस्स. 4:12रोम 12:17
1 थिस्स. 4:13यूह 11:11; प्रेष 7:59, 60; 1कुर 15:6
1 थिस्स. 4:131कुर 15:32
1 थिस्स. 4:14रोम 14:9; 1कुर 15:3, 4
1 थिस्स. 4:141कुर 15:22, 23; फिल 3:20, 21; 2थि 2:1; प्रक 20:4
1 थिस्स. 4:16यहू 9
1 थिस्स. 4:161कुर 15:51, 52
1 थिस्स. 4:17प्रेष 1:9
1 थिस्स. 4:172थि 2:1
1 थिस्स. 4:17यूह 14:3; 17:24; 2कुर 5:8; फिल 1:23; प्रक 20:6
  • पवित्र शास्त्र का नयी दुनिया अनुवाद (अध्ययन बाइबल)
  • नयी दुनिया अनुवाद (nwt) में पढ़िए
  • नयी दुनिया अनुवाद—मसीही यूनानी शास्त्र (bi7) में पढ़िए
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पवित्र शास्त्र का नयी दुनिया अनुवाद (अध्ययन बाइबल)
1 थिस्सलुनीकियों 4:1-18

थिस्सलुनीकियों के नाम पहली चिट्ठी

4 भाइयो, तुमने हमसे सीखा था कि परमेश्‍वर को खुश करने के लिए तुम्हारा चालचलन कैसा होना चाहिए+ और वाकई तुम्हारा चालचलन ऐसा ही है। अब आखिर में, हम प्रभु यीशु के नाम से तुमसे गुज़ारिश करते हैं और तुम्हें बढ़ावा देते हैं कि तुम पूरी तरह ऐसा करते रहो। 2 तुम जानते हो कि हमने प्रभु यीशु की तरफ से तुम्हें क्या-क्या हिदायतें* दी थीं।

3 परमेश्‍वर की मरज़ी यही है कि तुम पवित्र बने रहो+ और नाजायज़ यौन-संबंधों* से दूर रहो।+ 4 और तुममें से हर कोई पवित्रता+ और आदर के साथ अपने शरीर* को काबू में रखना जाने,+ 5 न कि लालच से और बेकाबू होकर अपनी वासनाएँ पूरी करे,+ जैसा उन राष्ट्रों के लोग करते हैं जो परमेश्‍वर को नहीं जानते।+ 6 कोई भी इस मामले में अपनी हद पार न करे और अपने भाई का फायदा न उठाए क्योंकि यहोवा* इन सब कामों की सज़ा देता है, ठीक जैसे हम तुम्हें पहले भी बता चुके हैं और कड़ी चेतावनी दे चुके हैं। 7 इसलिए कि परमेश्‍वर ने हमें अशुद्ध कामों के लिए नहीं, बल्कि पवित्र बनने के लिए बुलाया है।+ 8 इसलिए जो इंसान इस बात को ठुकराता है वह किसी इंसान को नहीं बल्कि उस परमेश्‍वर को ठुकराता है+ जो तुम्हें अपनी पवित्र शक्‍ति देता है।+

9 मगर जहाँ तक भाइयों जैसा प्यार+ करने की बात है, इस मामले में हमें तुम्हें कुछ लिखने की ज़रूरत नहीं, क्योंकि तुम्हें खुद परमेश्‍वर ने एक-दूसरे से प्यार करना सिखाया है।+ 10 और वाकई तुम मकिदुनिया के सभी भाइयों से प्यार कर रहे हो। मगर भाइयो, हम तुम्हें बढ़ावा देते हैं कि तुम और भी ज़्यादा ऐसा करते रहो। 11 और जैसा हमने तुम्हें हिदायत दी थी, तुम अपना यह लक्ष्य बना लो कि तुम शांति से जीवन बिताओगे,+ अपने काम से काम रखोगे+ और अपने हाथों से मेहनत करोगे+ 12 ताकि तुम बाहरवालों की नज़र में शराफत से जीनेवाले ठहरो+ और तुम्हें किसी चीज़ की कमी न हो।

13 इसके अलावा भाइयो, हम नहीं चाहते कि तुम इस बात से अनजान रहो कि जो मौत की नींद सो रहे हैं उनका भविष्य क्या है+ ताकि तुम उन लोगों की तरह मातम न मनाओ जिनके पास कोई आशा नहीं है।+ 14 अगर हमें विश्‍वास है कि यीशु मरा और ज़िंदा किया गया,+ तो हमें यह भी विश्‍वास है कि जो लोग यीशु के साथ एकता में मौत की नींद सो गए हैं उन्हें परमेश्‍वर, यीशु के ज़रिए ज़िंदा करेगा।+ 15 क्योंकि हम यहोवा* के वचन से तुम्हें बताते हैं कि हममें से जो प्रभु की मौजूदगी के दौरान जी रहे होंगे, हम किसी भी हाल में उनसे आगे नहीं बढ़ेंगे जो मौत की नींद सो चुके हैं। 16 क्योंकि प्रभु खुद प्रधान स्वर्गदूत+ की दमदार आवाज़ से पुकार लगाता हुआ स्वर्ग से उतरेगा और परमेश्‍वर की तुरही फूँकी जाएगी और जो मसीह के साथ एकता में मर गए हैं वे पहले ज़िंदा होंगे।+ 17 इसके बाद हम जो ज़िंदा हैं और जो बचे रहेंगे, हम उनके साथ बादलों में उठा लिए जाएँगे+ ताकि हम हवा में प्रभु से मिलें।+ इस तरह हम हमेशा प्रभु के साथ रहेंगे।+ 18 इसलिए इन बातों से एक-दूसरे को दिलासा देते रहो।

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