वॉचटावर ऑनलाइन लाइब्रेरी
वॉचटावर
ऑनलाइन लाइब्रेरी
हिंदी
  • बाइबल
  • प्रकाशन
  • सभाएँ
  • व्यवस्थाविवरण 7
  • पवित्र शास्त्र का नयी दुनिया अनुवाद (अध्ययन बाइबल)

इस भाग के लिए कोई वीडियो नहीं है।

माफ कीजिए, वीडियो डाउनलोड नहीं हो पा रहा है।

व्यवस्थाविवरण का सारांश

      • सात जातियाँ नाश की जाएँगी (1-6)

      • इसराएल क्यों चुना गया (7-11)

      • आज्ञा मानने से कामयाबी मिलती है (12-26)

व्यवस्थाविवरण 7:1

संबंधित आयतें

  • +व्य 31:3
  • +उत 15:16
  • +उत 10:15-17
  • +निर्ग 33:2; यह 3:10
  • +व्य 20:1

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    ‘उत्तम देश’, पेज 10-11

व्यवस्थाविवरण 7:2

संबंधित आयतें

  • +गि 33:52
  • +लैव 27:29; यह 6:17; 10:28
  • +निर्ग 23:32; 34:15; व्य 20:16, 17

व्यवस्थाविवरण 7:3

संबंधित आयतें

  • +यह 23:12, 13; 1रा 11:1, 2; एज 9:2

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    प्रहरीदुर्ग,

    6/1/1990, पेज 14

व्यवस्थाविवरण 7:4

संबंधित आयतें

  • +निर्ग 34:16; 1रा 11:4
  • +व्य 6:14, 15

व्यवस्थाविवरण 7:5

फुटनोट

  • *

    शब्दावली देखें।

संबंधित आयतें

  • +निर्ग 23:24; 34:13
  • +व्य 16:21, 22
  • +व्य 7:25; 12:2, 3

व्यवस्थाविवरण 7:6

फुटनोट

  • *

    या “अनमोल जायदाद।”

संबंधित आयतें

  • +निर्ग 19:5, 6; व्य 14:2; आम 3:2

व्यवस्थाविवरण 7:7

संबंधित आयतें

  • +व्य 10:15
  • +व्य 10:22

व्यवस्थाविवरण 7:8

संबंधित आयतें

  • +निर्ग 6:6; 13:3, 14
  • +उत 22:16, 17

व्यवस्थाविवरण 7:9

फुटनोट

  • *

    या “अटल प्यार।”

संबंधित आयतें

  • +निर्ग 34:6, 7

व्यवस्थाविवरण 7:10

संबंधित आयतें

  • +नीत 2:22; 2पत 3:7

व्यवस्थाविवरण 7:12

फुटनोट

  • *

    या “अटल प्यार।”

व्यवस्थाविवरण 7:13

फुटनोट

  • *

    शा., “तुम्हारे गर्भ के फल पर आशीष देगा।”

संबंधित आयतें

  • +उत 13:14, 15
  • +लैव 26:9
  • +लैव 26:4

व्यवस्थाविवरण 7:14

संबंधित आयतें

  • +व्य 33:29; भज 147:20
  • +निर्ग 23:26; व्य 28:11; भज 127:3

व्यवस्थाविवरण 7:15

संबंधित आयतें

  • +व्य 28:15, 27

इंडैक्स

  • खोजबीन गाइड

    प्रहरीदुर्ग,

    6/1/1992, पेज 4

व्यवस्थाविवरण 7:16

फुटनोट

  • *

    शा., “तुम्हारी आँखें।”

संबंधित आयतें

  • +व्य 7:1, 2; 20:16; यह 10:28
  • +उत 15:16; लैव 18:25; व्य 9:5
  • +निर्ग 20:3
  • +निर्ग 23:33; व्य 12:30; न्या 2:2, 3; भज 106:36

व्यवस्थाविवरण 7:17

संबंधित आयतें

  • +गि 13:31

व्यवस्थाविवरण 7:18

संबंधित आयतें

  • +व्य 1:29; 31:6; भज 27:1; यश 41:10
  • +निर्ग 14:13

व्यवस्थाविवरण 7:19

संबंधित आयतें

  • +नहे 9:10, 11; यिर्म 32:20
  • +व्य 4:34
  • +निर्ग 23:28; यह 3:10

व्यवस्थाविवरण 7:20

फुटनोट

  • *

    या शायद, “उनमें डर; आतंक फैला देगा।”

संबंधित आयतें

  • +निर्ग 23:29; व्य 2:25; यह 2:9; 24:12

व्यवस्थाविवरण 7:21

संबंधित आयतें

  • +गि 14:9
  • +व्य 10:17; 1शम 4:7, 8

व्यवस्थाविवरण 7:22

संबंधित आयतें

  • +निर्ग 23:30

व्यवस्थाविवरण 7:23

संबंधित आयतें

  • +व्य 9:3

व्यवस्थाविवरण 7:24

फुटनोट

  • *

    शा., “आकाश के नीचे से।”

संबंधित आयतें

  • +यह 10:24; 12:1
  • +निर्ग 17:14; भज 9:5
  • +व्य 11:25; यह 1:5; रोम 8:31
  • +यह 11:14

व्यवस्थाविवरण 7:25

संबंधित आयतें

  • +व्य 12:3; 1इत 14:12
  • +यश 30:22
  • +व्य 27:15

दूसरें अनुवाद

मिलती-जुलती आयतें देखने के लिए किसी आयत पर क्लिक कीजिए।

दूसरी

व्यव. 7:1व्य 31:3
व्यव. 7:1उत 15:16
व्यव. 7:1उत 10:15-17
व्यव. 7:1निर्ग 33:2; यह 3:10
व्यव. 7:1व्य 20:1
व्यव. 7:2गि 33:52
व्यव. 7:2लैव 27:29; यह 6:17; 10:28
व्यव. 7:2निर्ग 23:32; 34:15; व्य 20:16, 17
व्यव. 7:3यह 23:12, 13; 1रा 11:1, 2; एज 9:2
व्यव. 7:4निर्ग 34:16; 1रा 11:4
व्यव. 7:4व्य 6:14, 15
व्यव. 7:5निर्ग 23:24; 34:13
व्यव. 7:5व्य 16:21, 22
व्यव. 7:5व्य 7:25; 12:2, 3
व्यव. 7:6निर्ग 19:5, 6; व्य 14:2; आम 3:2
व्यव. 7:7व्य 10:15
व्यव. 7:7व्य 10:22
व्यव. 7:8निर्ग 6:6; 13:3, 14
व्यव. 7:8उत 22:16, 17
व्यव. 7:9निर्ग 34:6, 7
व्यव. 7:10नीत 2:22; 2पत 3:7
व्यव. 7:13उत 13:14, 15
व्यव. 7:13लैव 26:9
व्यव. 7:13लैव 26:4
व्यव. 7:14व्य 33:29; भज 147:20
व्यव. 7:14निर्ग 23:26; व्य 28:11; भज 127:3
व्यव. 7:15व्य 28:15, 27
व्यव. 7:16व्य 7:1, 2; 20:16; यह 10:28
व्यव. 7:16उत 15:16; लैव 18:25; व्य 9:5
व्यव. 7:16निर्ग 20:3
व्यव. 7:16निर्ग 23:33; व्य 12:30; न्या 2:2, 3; भज 106:36
व्यव. 7:17गि 13:31
व्यव. 7:18व्य 1:29; 31:6; भज 27:1; यश 41:10
व्यव. 7:18निर्ग 14:13
व्यव. 7:19नहे 9:10, 11; यिर्म 32:20
व्यव. 7:19व्य 4:34
व्यव. 7:19निर्ग 23:28; यह 3:10
व्यव. 7:20निर्ग 23:29; व्य 2:25; यह 2:9; 24:12
व्यव. 7:21गि 14:9
व्यव. 7:21व्य 10:17; 1शम 4:7, 8
व्यव. 7:22निर्ग 23:30
व्यव. 7:23व्य 9:3
व्यव. 7:24यह 10:24; 12:1
व्यव. 7:24निर्ग 17:14; भज 9:5
व्यव. 7:24व्य 11:25; यह 1:5; रोम 8:31
व्यव. 7:24यह 11:14
व्यव. 7:25व्य 12:3; 1इत 14:12
व्यव. 7:25यश 30:22
व्यव. 7:25व्य 27:15
  • पवित्र शास्त्र का नयी दुनिया अनुवाद (अध्ययन बाइबल)
  • नयी दुनिया अनुवाद (nwt) में पढ़िए
  • 1
  • 2
  • 3
  • 4
  • 5
  • 6
  • 7
  • 8
  • 9
  • 10
  • 11
  • 12
  • 13
  • 14
  • 15
  • 16
  • 17
  • 18
  • 19
  • 20
  • 21
  • 22
  • 23
  • 24
  • 25
  • 26
पवित्र शास्त्र का नयी दुनिया अनुवाद (अध्ययन बाइबल)
व्यवस्थाविवरण 7:1-26

व्यवस्थाविवरण

7 जब तुम्हारा परमेश्‍वर यहोवा तुम्हें उस देश में पहुँचा देगा जिसे तुम बहुत जल्द अपने अधिकार में करने जा रहे हो,+ तो वह तुम्हारे सामने से इन सात बड़ी-बड़ी जातियों को, हित्तियों, गिरगाशियों, एमोरियों,+ कनानियों, परिज्जियों, हिव्वियों और यबूसियों+ को हटा देगा+ जिनकी आबादी तुमसे ज़्यादा है और जो तुमसे ज़्यादा ताकतवर हैं।+ 2 तुम्हारा परमेश्‍वर यहोवा उन्हें तुम्हारे हाथ में कर देगा और तुम उन्हें हरा दोगे।+ तुम उन्हें हर हाल में नाश कर देना।+ तुम उनके साथ कोई भी करार न करना, न ही उन पर तरस खाना।+ 3 तुम उनके साथ शादी के ज़रिए रिश्‍तेदारी न करना। न अपनी बेटियाँ उनके बेटों के लिए देना और न उनकी बेटियाँ अपने बेटों के लिए लेना,+ 4 क्योंकि वे तुम्हारे बच्चों को बहका देंगे और तुम्हारे बच्चे मुझसे मुँह मोड़ लेंगे और दूसरे देवताओं की सेवा करने लगेंगे।+ तब यहोवा के क्रोध की ज्वाला तुम पर भड़क उठेगी और वह पल-भर में तुम्हें मिटा देगा।+

5 तुम उन जातियों के साथ यह करना: उनकी वेदियाँ ढा देना, उनके पूजा-स्तंभ चूर-चूर कर देना,+ उनकी पूजा-लाठें* काट डालना+ और उनकी खुदी हुई मूरतें जला देना,+ 6 क्योंकि तुम अपने परमेश्‍वर यहोवा के लिए पवित्र राष्ट्र हो और तुम्हारे परमेश्‍वर यहोवा ने धरती के सब देशों में से तुम्हें चुना है ताकि वह तुम्हें अपने लोग और अपनी खास जागीर* बनाए।+

7 यहोवा ने तुम्हें जो अपनापन दिखाया और तुम्हें चुना, वह इसलिए नहीं था कि तुम बाकी देशों से तादाद में ज़्यादा थे।+ दरअसल तुम तो सब राष्ट्रों से छोटे थे।+ 8 यहोवा ने अपने शक्‍तिशाली हाथ से तुम्हें गुलामी के घर, मिस्र और राजा फिरौन के हाथ से इसलिए छुड़ाया+ क्योंकि यहोवा तुमसे बहुत प्यार करता है और उसने तुम्हारे पुरखों से शपथ खाकर जो वादा किया था उसे निभाया है।+ 9 तुम अच्छी तरह जानते हो कि तुम्हारा परमेश्‍वर यहोवा सच्चा परमेश्‍वर है और वह एक विश्‍वासयोग्य परमेश्‍वर है। जो उससे प्यार करते और उसकी आज्ञाएँ मानते हैं, वह उनके साथ और उनकी हज़ार पीढ़ियों के साथ अपना करार निभाता है और उनसे प्यार* करता है।+ 10 मगर जो उससे नफरत करते हैं, उन्हें वह सीधे-सीधे इसका बदला चुकाएगा और उन्हें नाश कर देगा।+ वह उनसे निपटने में बिलकुल भी देर नहीं करेगा। वह सीधे-सीधे उनका बदला चुकाएगा। 11 इसलिए तुम इस बात का ध्यान रखना कि तुम उन आज्ञाओं, कायदे-कानूनों और न्याय-सिद्धांतों का हमेशा पालन करोगे जो आज मैं तुम्हें दे रहा हूँ।

12 अगर तुम इन न्याय-सिद्धांतों पर हमेशा ध्यान दोगे, इनका पालन करोगे और इनके मुताबिक काम करोगे, तो तुम्हारा परमेश्‍वर यहोवा अपना करार निभाएगा और तुमसे प्यार* करेगा, ठीक जैसे उसने तुम्हारे पुरखों से शपथ खायी थी। 13 वह तुमसे प्यार करेगा, तुम्हें आशीष देगा और तुम्हारी गिनती बढ़ाएगा। परमेश्‍वर ने तुम्हें जो देश देने की शपथ तुम्हारे पुरखों से खायी थी,+ उस देश में वह तुम पर आशीषों की बौछार करेगा, तुम्हारे बहुत-से बच्चे होंगे,*+ तुम्हारी ज़मीन से भरपूर उपज होगी, तुम्हारे पास अनाज, नयी दाख-मदिरा और तेल की भरमार होगी+ और तुम्हारी भेड़-बकरियाँ और गायें खूब बच्चे देंगी। 14 दुनिया के सभी देशों में से तुम सबसे सुखी होगे।+ तुम्हारे बीच कोई भी औरत या आदमी बेऔलाद नहीं होगा। तुम्हारा कोई भी पालतू जानवर ऐसा न होगा जो बच्चे न दे।+ 15 यहोवा तुम्हारे बीच से हर तरह की बीमारी दूर कर देगा। वह तुम पर ऐसी खतरनाक बीमारियाँ नहीं लाएगा जो तुमने मिस्र में देखी थीं।+ इसके बजाय, वह उन लोगों पर ये बीमारियाँ ले आएगा जो तुमसे नफरत करते हैं। 16 तुम उन सभी जातियों को नाश कर देना जिन्हें तुम्हारा परमेश्‍वर यहोवा तुम्हारे हाथ में कर देगा।+ तुम* उन पर बिलकुल दया मत करना।+ और तुम उनके देवताओं की सेवा न करना,+ क्योंकि यह तुम्हारे लिए फंदा बन जाएगा।+

17 हो सकता है तुम्हारे मन में यह सवाल उठे, ‘इन जातियों की आबादी हमसे ज़्यादा है, हम इन्हें कैसे भगा सकते हैं?’+ 18 मगर तुम उनसे बिलकुल मत डरना।+ तुम हमेशा याद रखना, तुम्हारे परमेश्‍वर यहोवा ने फिरौन और पूरे मिस्र का क्या किया था।+ 19 तुमने खुद अपनी आँखों से देखा कि तुम्हारे परमेश्‍वर यहोवा ने कैसे मिस्र को कड़ी-से-कड़ी सज़ा दी, वहाँ चिन्ह और चमत्कार किए+ और अपना शक्‍तिशाली हाथ बढ़ाकर तुम्हें वहाँ से बाहर निकाला।+ इन सब जातियों के साथ भी तुम्हारा परमेश्‍वर यहोवा ऐसा ही करेगा जिनसे तुम डरते हो।+ 20 तुम्हारा परमेश्‍वर यहोवा उनका हौसला तोड़ देगा* और वह ऐसा तब तक करेगा जब तक कि उन सबका नाश नहीं हो जाता जो बच जाते हैं+ और खुद को छिपा लेते हैं। 21 तुम उनसे मत डरना क्योंकि तुम्हारा परमेश्‍वर यहोवा तुम्हारे साथ है।+ वह महान और विस्मयकारी परमेश्‍वर है।+

22 तुम्हारा परमेश्‍वर यहोवा उन सभी जातियों को थोड़ा-थोड़ा करके तुम्हारे सामने से भगा देगा।+ तुम्हें उन सबको एक ही बार में मिटाने की इजाज़त नहीं दी जाएगी ताकि देश बंजर न हो जाए और जंगली जानवरों की गिनती न बढ़ जाए जिससे तुम्हें खतरा हो सकता है। 23 तुम्हारा परमेश्‍वर यहोवा उन जातियों को तुम्हारे हाथ में कर देगा और तुम तब तक उन्हें हराते रहोगे जब तक कि वे मिट न जाएँ।+ 24 वह उनके राजाओं को तुम्हारे हाथ में दे देगा+ और तुम धरती से* उनका नाम मिटा दोगे।+ उनमें से कोई भी तुम्हारे खिलाफ नहीं उठेगा+ और तुम उन सबका नाश कर दोगे।+ 25 तुम उनके देवताओं की खुदी हुई मूरतें जला देना।+ उन मूरतों पर जो सोना-चाँदी है उसका तुम लालच न करना और अपने लिए मत लेना+ ताकि तुम उसकी वजह से फंदे में न फँस जाओ क्योंकि वह तुम्हारे परमेश्‍वर यहोवा की नज़र में घिनौना है।+ 26 तुम कोई भी घिनौनी चीज़ अपने घर के अंदर मत लाना क्योंकि ऐसा करने से तुम भी उन घिनौनी चीज़ों की तरह नाश के लायक ठहरोगे। ऐसी चीज़ों से तुम सख्त नफरत करना, उनसे घिन करना क्योंकि वे नाश के लायक हैं।

हिंदी साहित्य (1972-2025)
लॉग-आउट
लॉग-इन
  • हिंदी
  • दूसरों को भेजें
  • पसंदीदा सेटिंग्स
  • Copyright © 2025 Watch Tower Bible and Tract Society of Pennsylvania
  • इस्तेमाल की शर्तें
  • गोपनीयता नीति
  • गोपनीयता सेटिंग्स
  • JW.ORG
  • लॉग-इन
दूसरों को भेजें