पत्रिकाएँ पेश करने के लिए क्या कहना चाहिए
प्रहरीदुर्ग मार्च 15
“हममें से कई लोगों ने वह दर्द सहा है जो किसी अपने की मौत से होता है। क्या आप दिलासा देनेवाले इस वादे से वाकिफ हैं? [प्रेरितों 24:15 पढ़िए। फिर जवाब के लिए वक्त दीजिए।] मगर कई लोग पूछते हैं कि किन्हें दोबारा ज़िंदा किया जाएगा? ऐसा कब होगा? और यह किस जगह होगा? यह पत्रिका बाइबल से इन सवालों के जवाब देती है।”
सजग होइए! जन.-मार्च
“कुदरती आफतों से लोगों को तड़पते और तबाह-बरबाद होते देखकर हमें कितना दुःख होता है। [आपके इलाके में हुई किसी घटना की मिसाल दीजिए।] क्या आपको लगता है कि ऐसी आफतें बढ़ रही हैं? [जवाब के लिए रुकिए।] यह पत्रिका इस सवाल का जवाब देती है। साथ ही यह पत्रिका उन लोगों को भी दिलासा देती है जिन्होंने ऐसी आफतों में अपने अज़ीज़ों को खो दिया है।” यूहन्ना 5:28, 29 पढ़िए।
प्रहरीदुर्ग अप्रै. 1
“यीशु की कही यह जानी-मानी बात दिखाती है कि परमेश्वर के बारे में ज्ञान लेना कितना ज़रूरी है। [मत्ती 4:4 पढ़िए।] मगर कई लोगों को परमेश्वर का वचन समझने में बहुत मुश्किल होती है। क्या आपको भी ऐसा ही लगता है? [जवाब के लिए रुकिए।] यह पत्रिका कुछ कारगर सुझाव देती है जिनकी मदद से आप बाइबल की समझ हासिल कर सकते हैं।”
सजग होइए! अप्रै.-जून
“क्या आपने कभी सोचा है कि आज से 10, 20 या 30 साल बाद यह दुनिया कैसी होगी? [जवाब के लिए रुकिए। फिर भजन 119:105 पढ़िए।] बाइबल इस बात पर रोशनी डालती है कि आगे क्या होनेवाला है, ताकि हम जान सकें कि भविष्य में क्या रखा है। इस पत्रिका में कुछ ऐसी भविष्यवाणियों पर चर्चा की गयी है, जो दिखाती हैं कि आज हम समय के किस दौर में जी रहे हैं और क्यों हम एक उज्ज्वल भविष्य की उम्मीद कर सकते हैं।”