क्षेत्र सेवा में कार्य करते वक़्त दूसरों की सहायता कीजिए
उसकी शुरुआत से ही, मसीही कलीसिया प्रचारकों का संघटन रहा है। यीशु ने खुद अपने शिष्यों को प्रचार कार्य में प्रशिक्षित किया और उन्हें “दो दो करके भेजने लगा।” (मरकुस ६:७; लूका ८:१) प्रेरित पौलुस ने फिलिप्पी मण्डली में अपने “सहकर्मियों” का ज़िक्र किया जिन्होंने ‘उसके साथ सुसमाचार फैलाने में परिश्रम किया था।’ (फिलि. ४:३) हालाँकि सेवकाई में एक साथी होना हमेशा ज़रूरी नहीं, हम में से अधिकांश लोगों को अच्छा लगता है जब दूसरा कोई हमारे साथ आए। (सभो. ४:९) तो फिर, जब हम प्रचार करते हैं, तब हम एक दूसरे को किस तरह प्रोत्साहक और मददपूर्ण हो सकते हैं?
२ क्षेत्र सेवकाई के लिए सभाओं का एक उद्देश्य नए और कम अनुभवी प्रचारकों को सहायता देना है। (om पृष्ठ ७७, ९७) नए नियुक्त पायनियर भी अधिक अनुभवी प्रचारकों के साथ, या किसी प्राचीन या सेवकाई सेवक के साथ कार्य करना चाहेंगे। “प्रोत्साहन की अदला-बदली” होने के लिए यह क्या ही उत्तम मौक़ा है।—रोमि. १:१२, न्यू.व.
३ सुरक्षा के कारण, कुछ इलाकों में प्रचारकों के लिए इकट्ठा काम करना उपयुक्त होगा। या कभी-कभी पहले की गयी योजनाओं को बदलना ज़रूरी होगा ताकि सेवकाई की सभा में उपस्थित किसी कम अनुभवी प्रचारक के साथ काम कर सकें। अगर हमें ऐसा करने को कहा जाता है, तो आवश्यक समायोजन करना हमारी ओर से वास्तव में प्रेमपूर्ण आचरण होगा, ताकि हम “निर्बलों को सम्भालें,” तब भी हालाँकि हम हमेशा ही एक अमुक साथी के साथ कार्य करने के आदी हों।—प्रेरितों २०:३५.
समन्वय से कार्य करें
४ जब कभी हम क्षेत्र सेवा में दूसरों के साथ जाते हैं, हम एक टीम के जैसे समन्वय से कार्य करना चाहते हैं। (१ कुरिन्थियों ३:६, ९ से तुलना करें।) दोनों शायद दरवाज़ों पर पारी पारी से बात छेड़ने का मौक़ा लेकर गवाही देने में हिस्सा ले सकते हैं। तमीज़ से यह ज़रूरी होगा कि जब हमारा साथी बोल रहा हो, तब शिष्टता से और ध्यान से सुनें।
५ हालाँकि जब हमारा साथी बातचीत में नेतृत्व ले रहा हो, तब कभी-कभी उसकी बातचीत में हिस्सा लेना उपयुक्त होगा, फिर भी इस से अच्छी परख आवश्यक होती है। हम एक अच्छी तर्कणा में दख़ल देना नहीं चाहेंगे, जो कि गृहस्थ को अच्छी रीति से समझाने में इस्तेमाल किया जा रहा हो। निश्चय ही, अगर एक कम अनुभवी प्रचारक आपत्ति से निपटने में मुश्किल का सामना करने लगे, तो बेशक अच्छी तरह से निर्दिष्ट सहयोग की वह क़दर करेगा।—सभो. ४:१२.
६ हमारी प्रस्तुति को किस तरह सुधारा जा सकता है, इसके तरीक़ों पर विचार करने के लिए एक दरवाज़े से दूसरे दरवाज़े की बीच के समय का अच्छा उपयोग किया जा सकता है। शायद रीज़निंग पुस्तक से कोई प्रस्तावना या हमारी राज्य सेवा में दिए गए किसी सुझाव को इस्तेमाल करना ज़्यादा प्रभावकारी साबित होगा। एक साथ कार्य करना हमें एक दूसरे को बेहतर जानने का मौक़ा प्रदान करता है, और हमारे मसीही भाईचारे के बंधन मज़बूत किए जाते हैं।
७ हमारी सेवकाई वास्तव में एक अति मूल्यवान् खज़ाना है। (२ कुरि. ४:१, ७) जब हमें दूसरों के साथ क्षेत्र सेवा में कार्य करने का मौक़ा मिलता है, तब हम एक दूसरे में हमारे पावन काम के लिए गहरा मूल्यांकन विकसित कर सकते हैं। उसी समय, हम प्रोत्साहन पाएँगे और एक दूसरे से सीखेंगे। इसका परिणाम एक बढ़ा हुआ हर्ष, बृहत्तर प्रभावकारिता, और हमारे भाई-बहनों के साथ संतोषजनक एकता का भाव होगा।—भजन १३३:१.