अपनी आशा की सार्वजनिक घोषणा को दृढ़ता से थामे रहिए
प्रहरीदुर्ग अध्ययन वह प्रधान साधन है जिसके द्वारा परमेश्वर के लोगों के लिए “समय पर” आध्यात्मिक “भोजन” आज प्रदान किया जाता है। (मत्ती २४:४५) हम इस महत्त्वपूर्ण सभा में दो मुख्य लक्ष्यों से उपस्थित होते हैं: आध्यात्मिक रूप से बढ़ाए जाने के लिए, और दूसरों को अपनी आशा की सार्वजनिक घोषणा करने के लिए।—इब्रा. १०:२३-२५.
२ स्वयं लाभ उठाना: यह अनुमान लगाया जाता है कि अधिकांश कलीसियाओं में सिर्फ़ एक तिहाई श्रोतागण पहले से पाठ का अध्ययन करते हैं। तक़रीबन उतने ही लोग टिप्पणी करने में हिस्सा लेते हैं। प्रहरीदुर्ग अध्ययन में प्रस्तुत किए गए ठोस आध्यात्मिक भोजन को सभा के दौरान ही पूरी तरह पचाया नहीं जा सकता। विषय का पहले से अध्ययन करने के लिए आपको समय अलग रखने की ज़रूरत है।
३ अध्ययन के लिए तैयारी करते समय, आप शायद लेख के अन्त के निकट बक्स में दिए सवालों को पहले पढ़ना और उन पर विचार करना सहायक पाएँ। पाठ में चर्चा किए जानेवाले मुख्य मुद्दों पर आपका ध्यान केंद्रित करने के लिए वे आपकी मदद कर सकते हैं।
४ अध्ययन के दौरान कही गयी बातों को ध्यानपूर्वक सुनिए। संचालक की आरंभिक टिप्पणियों पर ध्यान दीजिए; ये टिप्पणियाँ अध्ययन के लिए तैयार करती हैं। वह शायद तीन या चार सवाल उठाए जिनके जवाब दिए जाएँगे या अगर इस सप्ताह का पाठ उसी विषय का शेष भाग है, तो वह शायद पिछले सप्ताह के पाठ की कुछेक विशिष्टताओं का पुनर्विचार करे। अगर बाइबल भविष्यवाणी या शास्त्रीय सिद्धांत की हमारी समझ में कुछ समायोजन है, तो वह हमारा ध्यान इसकी तरफ़ निर्देशित करेगा। बेशक, संचालक की टिप्पणियाँ संक्षिप्त होनी चाहिए, चूँकि अध्ययन का एक उद्देश्य है कलीसिया को अपनी आशा अभिव्यक्त करने का अवसर प्रदान करना। ध्यानपूर्वक सुनिए जब अन्य जन सीखी हुई बातों पर टिप्पणी करते हैं; आपका विश्वास दृढ़ करने में यह आपकी मदद कर सकता है।
५ अपनी आशा की घोषणा कीजिए: क्या आप अध्ययन के दौरान नियमित रूप से टिप्पणी करते हैं? संक्षिप्त, उचित टिप्पणियाँ पसंद की जाती हैं। (लूका २१:१-४ से तुलना कीजिए.) हृदय से की गयी एक सरल टिप्पणी की सब क़दर करते हैं। सामान्यतः एक सवाल का पहला जवाब संक्षिप्त और सीधा होना चाहिए। इससे दूसरों को एक शास्त्रवचन का उल्लेख करने या अनुच्छेद में एक तफ़सील पर ध्यान आकर्षित करने के लिए मौक़ा मिलता है। इस प्रकार अनेक जन अपनी आशा की सार्वजनिक घोषणा कर सकते हैं। टिप्पणी हमेशा सकारात्मक और प्रोत्साहक होनी चाहिए।
६ अगर आपने कुछ ही समय से अध्ययन के लिए उपस्थित होना शुरू किया है या अगर आप टिप्पणी करने के बारे में संकोची हैं, तो शायद आप संचालक से उसकी सहायता माँगना चाहें। एक विशिष्ट अनुच्छेद पर विचार करते समय उनको आपके उठाए हुए हाथ को देखने के लिए कहिए। हवाला दिए गए एक शास्त्रवचन को पढ़ने और उसके अर्थ का संक्षिप्त अनुप्रयोग करने के लिए आप शायद हाथ उठा सकते हैं। आप शायद पृष्ठ के उपांत में कुछ लिखना चाहेंगे ताकि यह आपको टिप्पणी करते समय उन मुद्दों को याद करने में मदद करे जो आप बताना चाहते हैं। अगर आप एक युवा हैं, तो याद रखिए कि आपकी टिप्पणियों का स्वागत और उनकी क़दर की जाती है—मत्ती २१:१६.
७ यह अत्यावश्यक है कि हम अपना विश्वास व्यक्त करें, और प्रहरीदुर्ग अध्ययन ऐसा करने का उत्तम अवसर प्रदान करता है। क्वॉलिफाइड टू बी मिनिस्टर्ज़ (अंग्रेज़ी) किताब इसे इस प्रकार अभिव्यक्त करती है: “समस्या जो भी हो, उसे सुलझाइए और कम-से-कम एक जवाब दीजिए। इससे आपने सभा में अपना योगदान दिया होगा, और ऐसा करने से आपको अच्छा लगेगा।” (पृष्ठ ९९) सो क्यों न अगले ही प्रहरीदुर्ग अध्ययन में कम-से-कम एक टिप्पणी करने की योजना बनाएँ?—नीति. १५:२३.