अभी ‘अपने सृजनहार को स्मरण रखने’ के लिए युवाओं को मदद देना
बाइबल में दी गई व्यावहारिक सलाहों को ‘सुनना’ ही काफ़ी नहीं है। पूरा फ़ायदा उठाने के लिए एक व्यक्ति को जो लिखा है उसे ‘मानना’ चाहिए। (प्रका. १:३) साहित्य पेश करना तो चेले बनाने की ओर सिर्फ़ पहला क़दम है। जब हम दिलचस्पी रखनेवाले लोगों से मिलते हैं जो सुनने के इच्छुक हैं, तो ज़्यादा सीखने में उनकी मदद करने के लिए हमें जल्दी से जल्दी वापस जाना चाहिए। अभी ‘अपने सृजनहार को स्मरण रखने’ के लिए और इस प्रकार अनन्त जीवन प्राप्त करने के लिए हमें युवा लोगों की और दूसरों की मदद करने की ज़रूरत है। (सभो. १२:१) अपनी पुनःभेंट में हम किस बारे में बात कर सकते हैं?
२ यदि आपने अपनी प्रारम्भिक ट में उन समस्याओं के बारे में बात की थी जिनका युवा लोग आज सामना करते हैं, तो आप अपनी बातचीत इस प्रकार शुरू कर सकते हैं:
▪“पहले हमने कुछ ऐसी परिस्थितियों के बारे में बात की थी जिनका आज के संसार में युवा लोगों को सामना करना पड़ता है। क्योंकि यहोवा सभी लोगों में, जिनमें युवा लोग भी शामिल हैं, दिलचस्पी रखता है, उसने अपने वचन बाइबल में निर्देश प्रदान किए हैं जो जीवन का आनन्द लेने में उनकी मदद कर सकते हैं। साथ ही वे उन फँदों से बच सकते हैं जिनमें अनेक युवा लोग फँस जाते हैं।” युवाओं के प्रश्न (अंग्रेज़ी) पुस्तक की विषय-सूची खोलिए और गृहस्वामी से पूछिए कि सूचीबद्ध विषयों में से कौन-सा उसको दिलचस्प लगता है। उदाहरण के लिए, यदि वह नशीली दवाओं का विषय चुनता है तो पृष्ठ २७२, अध्याय ३४ खोलिए। कुछ उपशीर्षक जैसे कि “नशीली दवाइयाँ बढ़ने में बाधा डालती हैं,” “क्या नशीली दवाइयाँ मेरी सेहत बिगाड़ सकती हैं,” “नशीली दवाइयाँ—बाइबल का दृष्टिकोण” और उपशीर्षक “आप ना कह सकते हैं!” में दी गई व्यावहारिक सलाह पर उसका ध्यान आकर्षित कीजिए। दिखाइए कि कैसे अध्याय के अन्त में “चर्चा के लिए प्रश्न” पाठक की मदद करते हैं कि वह जानकारी पर पुनर्विचार करे और मुख्य मुद्दों को समझे। नियमित तौर पर भेंट करने का और इस प्रकार उसके साथ पूरी पुस्तक की चर्चा करने का प्रस्ताव रखिए।
३ यदि आपने पहली भेंट में अच्छी सलाह के स्रोत के बारे में चर्चा की थी तो आप शायद यह सवाल पूछते हुए बातचीत को जारी रखने का निर्णय करें:
▪“क्या आप सोचते हैं कि युवा लोगों का लौकिक विषयों पर ही शिक्षा प्राप्त करना काफ़ी है? [प्रतिक्रिया के लिए रुकिए। यिर्मयाह १०:२३ पढ़िए।] जैसे आप देख सकते हैं, एक ईश्वरीय स्रोत से प्रशिक्षण ज़रूरी है। परमेश्वर की सहायता के बिना जीने की कोशिशें हमारी ज़्यादातर समस्याओं का कारण हैं। सफल जीवन जीने के लिए परमेश्वर का वचन ही एकमात्र विश्वसनीय, सलाह का परखा हुआ स्रोत है।” पृष्ठ ३१६ और ३१७ का बक्स दिखाइए और बताइए कि बाइबल के सिद्धांतों का आदर करनेवालों के साथ संगति करना और अध्ययन करना जीवन का आनन्द लेने और तकलीफ़ से दूर रहने की ओर क़दम हैं, जबकि सभाएँ इसके लिए बाइबल-आधारित सलाह का एक नियमित स्रोत हैं।
४ एक शास्त्रीय चर्चा शुरू करने के लिए आप शायद इसका प्रयोग करना चाहें:
▪युवाओं के प्रश्न पुस्तक के पृष्ठ ३१८ का चित्र दिखाइए और समझाइए: “अपने सृष्टिकर्ता के साथ एक नज़दीकी रिश्ता बनाना निश्चित कर सकता है कि हम अनन्त फ़ायदे प्राप्त करें। लेकिन ऐसे नज़दीकी रिश्ते को बनाने के लिए एक व्यक्ति को क्या करने की ज़रूरत है? एक क़दम है, नियमित तौर पर परमेश्वर के उत्प्रेरित वचन का अध्ययन करना।” पृष्ठ ३०८ के उपशीर्षकों की चर्चा कीजिए और गृहस्वामी को ज़्यादा सीखने के लिए हमारे बाइबल अध्ययन कार्यक्रम का फ़ायदा उठाने के लिए आमंत्रित कीजिए।
५ चूँकि हमारा उद्देश्य बाइबल अध्ययन शुरू करना है, हमें प्रभावकारी पुनःभेंट करने की ज़रूरत है। उनके लिए समय निर्धारित कीजिए, और अच्छी तैयारी कीजिए। इस प्रकार हम सत्हृदयी लोगों की वास्तविक मदद कर सकते हैं।—प्रका. २२:६, ७.