वॉचटावर ऑनलाइन लाइब्रेरी
वॉचटावर
ऑनलाइन लाइब्रेरी
हिंदी
  • बाइबल
  • प्रकाशन
  • सभाएँ
  • km 2/96 पेज 4
  • सच्ची ख़ुशी की एक कुंजी

इस भाग के लिए कोई वीडियो नहीं है।

माफ कीजिए, वीडियो डाउनलोड नहीं हो पा रहा है।

  • सच्ची ख़ुशी की एक कुंजी
  • हमारी राज-सेवा—1996
  • मिलते-जुलते लेख
  • समझने में उनकी मदद कीजिए
    हमारी राज-सेवा—1996
  • अत्यावश्‍यकता की भावना के साथ सुसमाचार प्रस्तुत करना
    हमारी राज-सेवा—1997
  • प्रतिक्रिया प्राप्त करनेवाले प्रस्तुतीकरण
    हमारी राज-सेवा—1992
  • अभी ‘अपने सृजनहार को स्मरण रखने’ के लिए युवाओं को मदद देना
    हमारी राज-सेवा—1995
और देखिए
हमारी राज-सेवा—1996
km 2/96 पेज 4

सच्ची ख़ुशी की एक कुंजी

लूका ११:२८ में अभिलिखित यीशु मसीह के शब्द हमारे लिए सुसमाचार हैं क्योंकि यह हमें बताते हैं कि ख़ुशी कैसे पाएँ। उसने कहा: “धन्य वे हैं, जो परमेश्‍वर का वचन सुनते और मानते हैं।” पुस्तक आप पृथ्वी पर परादीस में सर्वदा जीवित रह सकते हैं और अपना पारिवारिक जीवन आनन्दित बनाना ने अनेक लोगों को ढेर सारी ख़ुशियाँ पाने में मदद दी है। इन्हें दूसरों को प्रस्तुत करने का हमारे पास अच्छा कारण है।

२ क्योंकि अनेक लोग बढ़ते अपराध और हिंसा के बारे में चिन्तित हैं, शायद यह दिलचस्पी जगाए:

▪“आपके अनुसार हमारी सबसे बड़ी ज़रूरत क्या है? [प्रतिक्रिया के लिए रुकिए।] ऐसे अनेक लोग हैं जो विश्‍वस्त हैं कि हमें शान्त और सुकून की ज़िन्दगी जीने के लिए सुरक्षा की ज़रूरत है।” सर्वदा जीवित रहना पुस्तक का पृष्ठ १४ खोलिए और अनुच्छेद १६ का पहला वाक्य पढ़िए। यह कहते हुए जारी रखिए: “लेकिन, परमेश्‍वर ने दुष्टता का विनाश करने, पृथ्वी का शासकत्व अपने हाथों में लेने, और संसार-भर में शान्ति पुनःस्थापित करने की प्रतिज्ञा की है। इस विध्वंसकारी परिवर्तन से बचने के लिए, हमें सचमुच सच्चे ज्ञान की ज़रूरत है। लेकिन किस बात का ज्ञान?” बाइबल से अथवा पुस्तक के अगले पृष्ठ पर अनुच्छेद १९ से यूहन्‍ना १७:३ पढ़िए, और समझाइए कि कैसे परमेश्‍वर के बारे में ज्ञान अनन्तजीवन की ओर ले जा सकता है। पुस्तक पेश कीजिए और लौटकर यह दिखाने का प्रस्ताव रखिए कि कैसे यह मनुष्यजाति की सभी ज़रूरतों को पूरा करने के लिए परमेश्‍वर की प्रतिज्ञा के बारे में अद्‌भुत जानकारी प्रकट करती है।

३ क्योंकि अनेक लोग संसार में दुःख के बारे में चिन्तित हैं, आप शायद इस प्रकार कहने की कोशिश करें:

▪“वे सभी लोग जिनसे मैं बात करता हूँ, भविष्य के बारे में चिन्तित हैं। संसार के कुछ नेता महसूस करते हैं कि हम शान्ति के एक नए युग की क़गार पर हैं। आपको इसके बारे में कैसा लगता है? [प्रतिक्रिया के लिए रुकिए।] मनुष्य के सभी प्रयासों के बावजूद, संसार-भर में दुःख बढ़ता ही जा रहा है। बाइबल इन समस्याओं का एकमात्र स्थायी हल प्रकट करती है। [२ पतरस ३:१३ पढ़िए। पृष्ठ १५६ से १६२ के चित्रों को खोलिए, और समझाइए कि कैसे परमेश्‍वर का स्वर्गीय राज्य इस पृथ्वी पर स्थायी शान्ति और सुरक्षा लाएगा।] यह प्रकाशन आपको यह देखने में मदद देगा कि कैसे आप उन लोगों के इस नए समाज का भाग हो सकते हैं जो परमेश्‍वर के राज्य के शासन के अधीन अनन्तजीवन का आनन्द उठाएँगे।”

४ अगर आपकी मुलाक़ात एक ऐसे व्यक्‍ति से होती है जो व्यस्त है और आपको संक्षिप्त में बात करनी है, तो आप शायद यह कहें:

▪“क्योंकि आपके पास केवल कुछ पल हैं, मैं आपके पास यह ट्रैक्ट [या पत्रिका लेख] छोड़ना चाहूँगा जिसका शीर्षक है [उचित ट्रैक्ट लेख चुनिए]। मैं आपको इसे पढ़ने के लिए प्रोत्साहित करता हूँ। जब मैं अगली बार आऊँगा, मैं जानना चाहूँगा कि आप इसके बारे में क्या सोचते हैं।”

५ जब आप पुस्तक “अपना पारिवारिक जीवन आनन्दित बनाना” प्रयोग कर रहे हैं, तो आप शायद कुछ इस तरह कहें:

▪“क्या आप सहमत होंगे कि आधुनिक परिवार ऐसी चुनौतियों का सामना करता है जो पिछली पीढ़ी को पता नहीं थी? [प्रतिक्रिया के लिए रुकिए।] आपकी राय में ऐसा क्यों हो रहा है? [प्रतिक्रिया को स्वीकार कीजिए। २ तीमुथियुस ३:१-३ खोलकर पढ़िए।] वाक्यांश ‘माता-पिता की आज्ञा टालनेवाले’ और ‘मयारहीत’ हमारे दिन के अनेक लोगों का वर्णन ठीक-ठीक करते हैं। लेकिन, जिस परमेश्‍वर ने इन समस्याओं को पूर्वबताया, उसने इस बारे में ठोस मार्गदर्शन भी दिया है कि परिवार को एकसाथ अधिक निकट कैसे लाया जाए।” पृष्ठ २ पर “प्रकाशक” का अनुच्छेद पढ़िए। पुस्तक को १५ रुपए के चंदे पर पेश कीजिए (तेलगू संस्करण को ख़ास दर पर पेश किया जा सकता है)।

६ फरवरी के दौरान एक या दोनों प्रकाशनों को पेश करने के द्वारा, आइए हम लोगों को यह सीखने का अवसर दें कि बाइबल में पायी जानेवाली ठोस सलाह का पालन करना सच्ची ख़ुशी की कुंजी है।—भज. ११९:१०५.

    हिंदी साहित्य (1972-2025)
    लॉग-आउट
    लॉग-इन
    • हिंदी
    • दूसरों को भेजें
    • पसंदीदा सेटिंग्स
    • Copyright © 2025 Watch Tower Bible and Tract Society of Pennsylvania
    • इस्तेमाल की शर्तें
    • गोपनीयता नीति
    • गोपनीयता सेटिंग्स
    • JW.ORG
    • लॉग-इन
    दूसरों को भेजें