वॉचटावर ऑनलाइन लाइब्रेरी
वॉचटावर
ऑनलाइन लाइब्रेरी
हिंदी
  • बाइबल
  • प्रकाशन
  • सभाएँ
  • km 2/96 पेज 4
  • समझने में उनकी मदद कीजिए

इस भाग के लिए कोई वीडियो नहीं है।

माफ कीजिए, वीडियो डाउनलोड नहीं हो पा रहा है।

  • समझने में उनकी मदद कीजिए
  • हमारी राज-सेवा—1996
  • मिलते-जुलते लेख
  • अत्यावश्‍यकता की भावना के साथ सुसमाचार प्रस्तुत करना
    हमारी राज-सेवा—1997
  • अभी ‘अपने सृजनहार को स्मरण रखने’ के लिए युवाओं को मदद देना
    हमारी राज-सेवा—1995
  • सच्ची ख़ुशी की एक कुंजी
    हमारी राज-सेवा—1996
  • ज़्यादा दिलचस्पी प्रेरित करने में मैं क्या कह सकता हूँ?
    हमारी राज-सेवा—1992
और देखिए
हमारी राज-सेवा—1996
km 2/96 पेज 4

समझने में उनकी मदद कीजिए

प्रेरित पतरस ने माना कि बाइबल में कुछ ऐसी बातें बतायी गयी हैं “जिनका समझना कठिन है।” (२ पत. ३:१६) अनेक लोगों को ऐसा लगा है। लेकिन, उसकी मूल शिक्षाएँ पुस्तक आप पृथ्वी पर परादीस में सर्वदा जीवित रह सकते हैं में बिलकुल स्पष्ट की गयी हैं। हम दिलचस्पी दिखानेवाले लोगों को इस पुस्तक का तथा पुस्तक अपना पारिवारिक जीवन आनन्दित बनाना का सर्वोत्तम प्रयोग करने के लिए कैसे मदद कर सकते हैं?

२ अगर आपने अपनी पहली भेंट में यूहन्‍ना १७:३ पर चर्चा की थी, तो आप अधिक ज्ञान हासिल करने की ज़रूरत पर यह कहने के द्वारा ज़ोर दे सकते हैं:

▪“जब मैं पिछली बार यहाँ आया था, तो हमने यूहन्‍ना १७:३ में पढ़ा कि परमेश्‍वर के बारे में ज्ञान लेना अनन्तजीवन की ओर ले जा सकता है। लेकिन क्या आप एक ऐसे संसार में अनन्तकाल तक जीना चाहेंगे जहाँ हम आज जीते हैं? [प्रतिक्रिया के लिए रुकिए।] अधिकांश लोग नहीं चाहेंगे। इस कारण, हम हर्षित हो सकते हैं जब हम सुनते हैं कि परमेश्‍वर ने क्या प्रतिज्ञा की है।” पृष्ठ १२ और १३ पर अनुच्छेद १२ खोलिए, यशायाह ११:६-९ पढ़िए और फिर उन पृष्ठों के चित्र का प्रयोग करते हुए वर्णन कीजिए कि तब संसार कैसा होगा जब ‘पहली बातें जाती रहेंगी।’ अतिरिक्‍त चर्चा के लिए वापस लौटने का प्रस्ताव रखिए।

३ अगर आपने यह दिखाने के लिए पृष्ठ १५६ से १६२ के चित्र का प्रयोग किया था कि परमेश्‍वर का राज्य दुःख का अन्त करेगा, तो आप उस पुस्तक के उन पन्‍नों को फिर से खोलकर कह सकते हैं:

▪“हमने यहाँ पर दिखायी गयी आशिषों की चर्चा की जिनका आनन्द लोग परमेश्‍वर के राज्य के शासन के अधीन उठाएँगे। आप क्या सोचते हैं कि अगर हम उस राज्य के अधीन जीना चाहते हैं तो हमें क्या करना चाहिए?” [प्रतिक्रिया के लिए रुकिए।] पृष्ठ २५० पर अनुच्छेद २ खोलिए और इब्रानियों ११:६ पढ़िए। समझाइए कि यहोवा के साक्षी निष्कपट लोगों को परमेश्‍वर को ढूँढ़ने और स्वीकारयोग्य तरीक़े से उसकी उपासना करने के लिए मदद कर रहे हैं।

४ अगर आपने एक गृहस्वामी के पास जो वार्तालाप करने के लिए बहुत ही व्यस्त था, ट्रैक्ट “क्या यह संसार बचेगा?” छोड़ा था तो आप यह प्रस्तावना प्रयोग कर सकते हैं:

▪“जब मैं हाल ही में आया था तो आप काफ़ी व्यस्त थे। मैंने आपके पास एक ट्रैक्ट छोड़ा था जिसमें इन अशांत समयों से इस संसार के बचाव के बारे में एक सवाल उठाया गया था। हम प्रकाशितवाक्य २१:४ पढ़ते हैं जो इस पुस्तक आप पृथ्वी पर परादीस में सर्वदा जीवित रह सकते हैं में उद्धृत है। [इसे पृष्ठ १६२ से पढ़िए।] [पृष्ठ १५६ से १६२ पर] ये चित्र आपको विचार करने में मदद देते हैं कि तब कैसा होगा जब ‘परमेश्‍वर हमारी आँखों से सारे आँसू पोंछ देता है।’ यह पुस्तक विश्‍वासोत्पादक प्रमाण देती है कि यह प्रतिज्ञा बहुत ही निकट भविष्य में पूरी होगी। अगर आप पढ़ना चाहेंगे, तो यह रही आपकी प्रति।”

५ आप पुस्तक “अपना पारिवारिक जीवन आनन्दित बनाना” के वितरण पर यह कहकर पुनःभेंट कर सकते हैं:

▪“जब मैंने आपसे पहली बार भेंट की, तब मैं आपके परिवार के लिए आपकी चिन्ता देखकर प्रभावित हुआ। क्योंकि हम इस दुष्ट रीति-व्यवस्था के अन्तिम दिनों में जी रहे हैं, परिवारों के लिए यह अत्यावश्‍यक है कि वे भविष्य के लिए तैयारी करते रहें। ऐसा करने के लिए, वह पुस्तक जो मैं आपके पास छोड़कर गया था, अपना पारिवारिक जीवन आनन्दित बनाना, ज़ोरदार रूप से सुझाती है कि घर पर नियमित बाइबल चर्चाएँ हों। [पृष्ठ १८५-६ पर अनुच्छेद १० पढ़िए।] अगर आप चाहें, तो मैं यह दिखाने के लिए केवल चंद मिनट लेना चाहूँगा कि कैसे कुछ २०० देशों में लोग घर पर बाइबल का अध्ययन पारिवारिक समूह के तौर पर करते हैं।” अगर समय अनुमति दे तो अध्ययन को प्रदर्शित करने के लिए पृष्ठ ७१ के उपशीर्षक के नीचे दिए गए विषय का प्रयोग कीजिए।

६ अगर आप दिलचस्पी दिखानेवाले लोगों को पाते हैं, तो आप एक अध्ययन आरम्भ करने के लिए प्रबन्ध करना चाहेंगे। ‘भोले लोगों को समझ प्राप्त करने’ में मदद करने में आप निश्‍चय ही बहुत आनन्द पाएँगे।—भज. ११९:१३०.

    हिंदी साहित्य (1972-2025)
    लॉग-आउट
    लॉग-इन
    • हिंदी
    • दूसरों को भेजें
    • पसंदीदा सेटिंग्स
    • Copyright © 2025 Watch Tower Bible and Tract Society of Pennsylvania
    • इस्तेमाल की शर्तें
    • गोपनीयता नीति
    • गोपनीयता सेटिंग्स
    • JW.ORG
    • लॉग-इन
    दूसरों को भेजें