मैगज़ीन रूट में “राज्य का बीज बोना”
यहोवा के स्तुतिगीत गाइए किताब में गीत नबंर १३३ का शीर्षक है: “राज्य का बीज बोना।” यह गीत यीशु के उस दृष्टांत पर आधारित है जिसमें चेला बनाने के काम की तुलना बीज बोने से की गई है। (मत्ती १३:४-८; १९-२३) गीत के बोल कुछ ऐसे हैं: “अच्छी भूमि पर आपका कितना बीज पड़ता है/यह ज़्यादातर आप पर निर्भर करता है।” इसलिए हम अपने प्रचार के काम में और ज़्यादा असरदार कैसे बन सकते हैं? एक तरीका है, मैगज़ीन रूट शुरू करने और उसे जारी रखने के द्वारा।
२ मैगज़ीन रूट से कई मकसद पूरे हो सकते हैं। (१) हर दो हफ्ते बाद जाते रहने से आप दिलचस्पी दिखानेवाले के साथ दोस्ती बढ़ा सकते हैं। (२) प्रहरीदुर्ग और सजग होइए! के ज़रिए आप उसे ज़िंदगी पाने के लिए ज़रूरी ज्ञान देते रह सकते हैं। (३) आप अपनी बातचीत से बाइबल की सच्चाइयों के लिए उसमें लालसा बढ़ा सकते हैं, जिससे वह अध्ययन के लिए भी राज़ी हो सकता है।—१ पत. २:२.
३ मैगज़ीन रूट कैसे शुरू करें: जब कोई पत्रिकाओं में दिलचस्पी दिखाता है तो उसे बताइए कि ऐसे उमदा लेख हर अंक में छपते हैं। और कहिए कि हर पंद्रह दिन बाद इन पत्रिकाओं को उन तक पहुँचाने में आपको बड़ी खुशी होगी। जाते वक्त व्यक्ति का नाम, पता, तारीख, पत्रिकाओं की तारीख, जो लेख दिखाया गया था और उस व्यक्ति को पसंद आनेवाले खास विषयों को लिख लीजिए।
४ पहले आप एक-दो व्यक्ति से मैगज़ीन रूट शुरू कर सकते हैं। फिर धीरे-धीरे आप इसे बढ़ाइए और इसमें उन लोगों को शामिल कीजिए जिन्हें आपने पत्रिकाएँ दी थीं। ज्यों-ज्यों मैगज़ीन रूट में लोग बढ़ते जाते हैं, आप अपना मार्ग इस तरह से बना सकते हैं कि सभी इलाकों को आसानी से पूरा किया जा सके। आपने कौन-से अंक दिए थे और कब दिए थे इनका सही-सही रिकॉर्ड रखिए। यह भी नोट कीजिए कि आपने क्या बात की थी और अगली भेंट में आप क्या करेंगे ताकि सच्चाई में व्यक्ति की दिलचस्पी बढ़ती रहे।
५ दुकानदारों और पेशेवर लोगों को भी शामिल कीजिए: कई अनुभवों से यह मालूम हुआ है कि ज़्यादातर दुकानदार और अन्य पेशेवर नियमित रूप से हमारी पत्रिका स्वीकार कर लेते हैं। एक प्राचीन के मैगज़ीन रूट में तो उसके इलाके का मेयर भी था। एक प्रकाशक ने ८० बरस के एक बिल्डिंग सप्लाई कंपनी के मालिक के साथ बाइबल अध्ययन शुरू किया, लेकिन इससे पहले वह उसे लगातार १० साल तक पत्रिकाएँ पहुँचाता रहा!
६ एक पायनियर बहन किसी स्टोर में गई जहाँ वह एक दंपति से मिली पर उन्होंने खास दिलचस्पी नहीं दिखायी। क्योंकि उन्होंने पत्रिकाएँ ली थीं इसलिए बहन ने उस दंपति को मैगज़ीन रूट में लेने का फैसला किया। कुछ समय के बाद बहन वहाँ जाना बंद करना चाहती थी, क्योंकि वे बड़े रूखे किस्म के थे और उनकी राय पूछे जाने पर भी मुश्किल से ही कुछ बोलते थे। फिर भी इस बहन ने परमेश्वर से प्रार्थना की और उस जोड़े को सर्वदा जीवित रहना किताब दे दी। किताब पढ़कर पत्नी इतनी खुश हुई कि बोली: “इसकी तो हरेक बात सच है!” बाइबल अध्ययन शुरू हो गया और बाद में उस जोड़े ने बपतिस्मा भी ले लिया। इस पायनियर की मेहनत वाकई रंग लाई।
७ पुनःभेंट करना: जब आप नई पत्रिका पाते हैं तो उसका हर लेख पढ़िए और उनमें कुछ ऐसे विषय चुनिए जो आपके मैगज़ीन रूट में हर व्यक्ति को पसंद आएँ। फिर जब आप दोबारा मिलते हैं तो कह सकते हैं: “जब मैंने यह लेख पढ़ा तो मुझे आपकी याद आई। आपको यह लेख ज़रूर पसंद आएगा।” किसी भी उम्र का प्रकाशक मैगज़ीन रूट शुरू कर सकता है। एक बच्चा भी आसानी से यह कह सकता है: “आपसे दोबारा मिलकर खुशी हुई। यह लीजिए आपकी प्रहरीदुर्ग और सजग होइए! की नई कॉपियाँ। मेरे ख्याल से आपको यह लेख पसंद आएगा जिसका शीर्षक है . . .”
८ “हमारे अगले अंक में” बक्स पर ध्यान दिलाकर आप आनेवाले लेखों के बारे में उत्सुकता बढ़ा सकते हैं। जब लेखों की श्रृंखला आती है तो इसके बारे में पाठक को बताइए और इसका हर भाग पढ़ने के लिए कहिए। याद रखिए कि अपने मैगज़ीन रूट में आप जितनी बार व्यक्ति को पत्रिकाएँ देने जाते हैं, उतनी बार आप पुनःभेंट गिन सकते हैं। और यह कभी मत भूलिए कि इस तरह मिलते रहने का हमारा मकसद है, एक बाइबल अध्ययन शुरू करना।
९ मैगज़ीन रूट में नियमित रूप से लोगों से मिलिए: आप किसी भी व्यावहारिक समय पर अपने मैगज़ीन रूट में लोगों को पत्रिका देने जा सकते हैं, जैसे हफ्ते में सुबह के वक्त, देर दोपहर को, जल्दी शाम को या फिर शनिवार-रविवार को घर-घर की सेवकाई के बाद। अगर बीमारी या छुट्टियों पर जाने की वज़ह से आप अपना मैगज़ीन रूट पूरा नहीं कर सकते तो अपने परिवार या कलीसिया के किसी और प्रकाशक को जाने के लिए कहिए। ऐसा करने से मैगज़ीन रूट के हर व्यक्ति को सारी पत्रिकाएँ समय पर मिल सकेंगी।
१० राज्य बीज बोने का एक तरीका है, मैगज़ीन रूट में नियमित रूप से सभी लोगों को प्रहरीदुर्ग और सजग होइए! देना। जैसे जैसे आप उन्हें धर्मशास्त्र से सच्चाई सिखाते जाएँगे, वे शायद राज्य का वचन सुनकर उसे समझने लगें और हो सकता है कि आपके साथ-साथ वे भी राज्य का फल उत्पन्न करने लगें।—मत्ती १३:८, २३.