सन् 2002 में “राज्य के जोशीले प्रचारक” यहोवा के साक्षियों का ज़िला अधिवेशन
“जब लोगों ने मुझ से कहा, कि हम यहोवा के भवन को चलें, तब मैं आनन्दित हुआ।” (भज. 122:1) भजनहार के इन शब्दों पर ध्यान दीजिए कि (1) जब उसे यहोवा की उपासना में शामिल होने के लिए बुलाया गया तो उसने कैसी भावना दिखायी, (2) उसकी अच्छे लोगों से दोस्ती थी और उनमें भी सच्ची उपासना के लिए दाऊद की तरह गहरी दिलचस्पी थी, (3) यह बुलावा देने, एक-साथ इकट्ठे होने और परमेश्वर के भवन तक जाने के लिए कितनी योजना बनानी पड़ी होगी।
2 जब हमें पता चलता है कि हमारे अगले अधिवेशन के लिए योजनाएँ बनायी जा रही हैं तो क्या हम भी भजनहार की तरह महसूस नहीं करते? जब हम पिछले अधिवेशनों और उनसे मिली खुशियों को याद करते हैं और देखते हैं कि यहोवा से प्रेम करनेवाले हमारे भाई-बहनों के साथ इकट्ठा होने के लिए एक बार फिर इंतज़ाम किया गया है, तो क्या हम उसका बेसब्री से इंतज़ार नहीं करेंगे? भारत में सन् 2002-2003 के लिए तीन दिनों के “राज्य के जोशीले प्रचारक” ज़िला अधिवेशन का इंतज़ाम किया गया है। उस आध्यात्मिक दावत का पूरा लाभ उठाने के लिए हमें अभी से योजनाएँ बनानी शुरू कर देनी चाहिए।
3 “विश्वास-योग्य और बुद्धिमान भण्डारी” ने अधिवेशन में वक्त के हिसाब से सही आध्यात्मिक भोजन देने की तैयारी शुरू कर दी है। (लूका 12:42) पिछले कई सालों में बहुत-से छोटे-छोटे अधिवेशन आयोजित किए गए थे, जिस वजह से नए लोगों के लिए इनमें हाज़िर होना आसान हुआ। और सैकड़ों छोटे शहरों में आम जनता को, यहोवा के साक्षियों के विशाल समूह की एक अच्छी झलक भी मिली। मगर इस साल, अधिवेशन काफी बड़े-बड़े होंगे जिससे कई जगहों के साक्षियों को एक-दूसरे से मेल-जोल बढ़ाने का मौका मिलेगा। हर कलीसिया को बताया जाएगा कि उसे किस अधिवेशन में हाज़िर होना है। मगर उत्तर और उत्तर-पूर्व के दूर-दराज़ के इलाकों में कुछ छोटे-छोटे अधिवेशन भी रखे जाएँगे। अधिवेशन में हाज़िर होनेवालों के लिए धर्मशालाओं या दूसरी जगहों ठहरने का अच्छा इंतज़ाम किया जा रहा है। इसके अलावा, बहुत-से भाइयों ने अभी से अलग-अलग विभागों को संगठित करना शुरू कर दिया है ताकि “सारी बातें सभ्यता और क्रमानुसार की जाएं।” (1 कुरि. 14:40) जब हमारे फायदे और हमारी सहूलियत के लिए अभी से बहुत सारे इंतज़ाम किए गए हैं, तो हममें से हरेक, अधिवेशन की तैयारी के लिए क्या कर सकता है?
4 तीनों दिन हाज़िर होने के लिए अभी से योजना बनाइए: ज़्यादातर अधिवेशन इस साल दिवाली और दिसंबर महीने की छुट्टियों के दौरान रखे गए हैं। फिर भी आपको अधिवेशन की जगह तक जाने और तीनों दिन हाज़िर होने के लिए अपने मालिक से छुट्टी माँगने की ज़रूरत पड़ सकती है। यहोवा जानता है कि कुछ मालिक “कठोर” हैं और उन्हें खुश करना बड़ा मुश्किल है। (1 पत. 2:18, ईज़ी-टू-रीड वर्शन) लेकिन हमारे अधिवेशन सबसे ज़्यादा अहमियत रखते हैं, इसलिए कार्यक्रम के शुरू से आखिर तक हाज़िर रहने के लिए हम अपनी तरफ से पूरी कोशिश करेंगे। ऐसे मामलों में यहोवा से मार्गदर्शन पाने के लिए उससे प्रार्थना कीजिए ताकि अच्छे नतीजे निकलें।—नहे. 2:4.
5 पूरे परिवार के साथ हाज़िर होने की योजना बनाइए: हममें से बहुतों के लिए पूरे परिवार के सफर, साथ ही अधिवेशन के शहर में रहने का खर्चा उठाना एक चुनौती साबित होगा। मगर सोच-समझकर योजना बनाने से पैसों की समस्या को पार किया जा सकता है। अगर हम अभी से परिवार के हर सदस्य के लिए रोज़ाना पाँच रुपए रख छोड़ा करें, तो अधिवेशन तक इतने पैसे जमा हो जाएँगे कि हम अपने रहने और सफर करने का खर्च उठा सकेंगे।—1 कुरिन्थियों 16:2 से तुलना कीजिए।
6 आपके ठहरने का इंतज़ाम: हर अधिवेशन में रूमिंग डिपार्टमेंट होता है, जो आपको जानकारी देता है और अधिवेशन के शहर में आपके लिए रहने का इंतज़ाम करने में मदद देता है। अपने ठहरने का इंतज़ाम काफी पहले से कीजिए। आपकी कलीसिया का सेक्रेटरी आपको रूम रिक्वेस्ट फॉर्म दे सकता है। फॉर्म में ज़रूरी जानकारी भरने के बाद, अपनी कलीसिया के सेक्रेटरी को वापस दीजिए ताकि वह फॉर्म उस अधिवेशन के मुख्यालय को भेजा जा सके जिसमें आप हाज़िर होंगे। फॉर्म के साथ, हमेशा एक लिफाफा भी दीजिए जिस पर स्टैम्प और आपका पता हो। धर्मशाला में एक व्यक्ति के लिए एक रात ठहरने का किराया कम-से-कम पचास रुपए होगा। कृपया फॉर्म में यह साफ-साफ लिखना मत भूलिए कि आप कितना खर्च कर सकते हैं। अगर आपका इंतज़ाम किसी भाई के घर में रहने का है तो कृपया उसकी मेहमाननवाज़ी का नाजायज़ फायदा मत उठाइए। आपके रहने से उन्हें जो ज़्यादा खर्चा उठाना पड़ता है, उसके बदले में आप कुछ देने की पेशकश कर सकते हैं।
7 अपनी कलीसिया पर गौर कीजिए: अगर हम जानते हैं कि किसी भाई या बहन की सेहत ठीक नहीं है या उसे पैसों की तंगी है जिस वजह से उसका अधिवेशन में हाज़िर होना मुश्किल है, तो क्या हम “हृदय खोल” कर अपना प्यार दिखा सकते हैं और उन्हें कुछ मदद दे सकते हैं? (2 कुरि. 6:12, 13; व्यव. 15:7) दूसरा कुरिन्थियों 8:14 में पौलुस यही भावना दिखाने का बढ़ावा देता है। क्यों न आप ऐसे लोगों को अपने साथ अधिवेशन में चलने के लिए बुलाएँ? अगर वे पायनियर हैं, तो शायद सफर के दौरान उनके पास सुनाने को बहुत-से अच्छे अनुभव होंगे। अगर वे कलीसिया के बुज़ुर्ग सदस्य हैं, तो उनके पास यहोवा के साक्षियों के इतिहास के बारे में ऐसी बढ़िया जानकारी हो सकती है जो आपने कभी सुनी भी नहीं होगी। क्या ऐसे भाई-बहनों की संगति आपके और आपके परिवार के लिए फायदेमंद नहीं होगी? ये भाई-बहन, आपकी उदारता के लिए आभारी रहेंगे और यहोवा भी आपको प्रतिफल देगा।—नीति. 28:27; मत्ती 10:42.
8 काम में हाथ बँटाने के लिए खुशी-खुशी आगे आएँ: जिन शहरों में अधिवेशन आयोजित किए गए हैं, वहाँ की कलीसियाओं के पास अधिवेशन की जगह को कई दिन पहले से तैयार करने का खास मौका है। क्यों न “ईश्वरीय शिक्षा से एक किए गए” (अँग्रज़ी) वीडियो को आप अपने परिवार के साथ देखें और ठान लें कि बड़े पैमाने पर किए जानेवाले काम में आप भी हाथ बँटाएँगे। हो सकता है कि इसके लिए आपको ज़्यादा छुट्टी लेनी पड़े, मगर जो इस काम में हाथ बँटाएँगे, उनको बहुत-सी आशीषें भी मिलेंगी। अधिवेशन के दौरान, सैकड़ों स्वयंसेवकों की ज़रूरत पड़ेगी ताकि हर विभाग ठीक से काम कर सके। हॉल में अटेन्डेंट भाई आपको बैठने के लिए जगह मुहैया कराएँगे और सफाई विभाग को यह बढ़िया मौका मिलेगा कि साफ-सफाई के बारे में हमारी जो पहचान है उसे बरकरार रखें और हमारी इस उपासना की जगह को पहले से ज़्यादा साफ रखें। क्या आप इन विभागों या दूसरे विभागों की मदद कर सकते हैं? क्या आप अपने भाइयों के साथ “कन्धे से कन्धा” मिलाकर काम करने के लिए आगे आएँगे?—सप. 3:9.
9 क्या लोग वाकई हमारे बर्ताव पर ध्यान देते हैं? पिछले साल के अधिवेशन की बात है। एक आदमी, जिसने 20 साल से भी पहले यहोवा के साक्षियों के साथ अध्ययन करना छोड़ दिया था, एक होटल में नौकरी कर रहा था जहाँ साक्षी, अधिवेशन के लिए ठहरे थे। उसने कुछ साक्षियों को बताया कि वह अब दोबारा बाइबल अध्ययन शुरू करने और सभाओं में जाने की सोच रहा है। ऐसा क्यों? इसकी वजह यह थी कि होटल में रहते वक्त साक्षी उसके साथ बहुत प्यार से पेश आए। स्वर्ग में रहनेवाले हमारे पिता को कितना गर्व महसूस होता होगा, जब वह हमें यीशु की इस सलाह पर चलते हुए देखता है: “तुम्हारा उजियाला मनुष्यों के साम्हने चमके कि वे तुम्हारे भले कामों को देखकर तुम्हारे पिता की, जो स्वर्ग में है, बड़ाई करें”!—मत्ती 5:16.
10 आइए हम भी राजा दाऊद के जैसा रवैया दिखाएँ, जो यहोवा की उपासना के भवन में जाने के लिए हमेशा बेताब रहता था। हमारे ज़िला अधिवेशन एक अहम ज़रिया है जिनसे हमें आध्यात्मिक भोजन मिलता है, साथ ही यह हमें अपने प्यारे भाई-बहनों के साथ संगति करने का अनोखा मौका देता है। इसलिए हम पूरे जोश के साथ आपको बुलावा देते हैं कि इस साल, “राज्य के जोशीले प्रचारक” ज़िला अधिवेशन में तीनों दिन और सभी भागों में हाज़िर होने के लिए अभी से तैयारियाँ शुरू कर दें!