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  • परमेश्‍वर का वचन सत्य है
  • हमारी राज-सेवा—2003
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हमारी राज-सेवा—2003
km 5/03 पेज 4

परमेश्‍वर का वचन सत्य है

1. बाइबल में कौन-सी ज़रूरी जानकारी दी गयी है?

भजनहार ने लिखा: “तेरा सारा वचन सत्य ही है।” (भज. 119:160) अपने प्रेरित वचन के ज़रिए यहोवा जीवन के सबसे ज़रूरी सवालों के संतोषजनक जवाब देता है। जिन्हें समस्याएँ और चिंताएँ हैं, उन्हें वह दिलासा और आशा देता है। वह यह भी बताता है कि हमें उसके करीब जाने के लिए क्या करना चाहिए। एक स्त्री ने आभार व्यक्‍त करते हुए कहा: “बाइबल से सच्चाई सीखना ऐसा है मानो हम अंधकार और मायूसी भरी जगह से निकलकर, खुली, उजियाली और मनभावनी जगह में आ गए हों।” क्या आप हर मौके पर दूसरों से परमेश्‍वर के वचन से सच्चाई बाँटने की कोशिश करते हैं?

2. बाइबल, लोगों की ज़िंदगी को कैसे बेहतर बनाती है?

2 लोगों को बदलने और आकर्षित करने की ताकत: बाइबल की सच्चाई में दिलों को छूने और ज़िंदगियों को बदलने की ताकत है। (इब्रा. 4:12) रोज़ा नाम की एक जवान स्त्री वेश्‍यावृत्ति में पड़ गयी थी। उसे शराब और ड्रग्स की लत भी लग गयी थी। वह कहती है: “एक दिन जब में बहुत मायूस थी, तभी एक साक्षी जोड़े ने आकर मुझे बताया कि बाइबल कैसे समस्याओं को सुलझाने में हमारी मदद कर सकती है। मैंने परमेश्‍वर के वचन का अध्ययन शुरू किया, जो मुझे बहुत दिलचस्प लगा। एक महीने के अंदर मुझे नए सिरे से एक साफ-सुथरी ज़िंदगी शुरू करने की ताकत मिली। अब मेरे पास जीने का मकसद है, इसलिए मुझे शराब और ड्रग्स की कोई ज़रूरत नहीं है। मैं दिल से यहोवा की दोस्त बनना चाहती थी इसलिए मैंने यह ठान लिया है कि मैं उसके स्तरों के मुताबिक ही जीऊँगी। परमेश्‍वर के वचन में दी गयी व्यावहारिक बुद्धि की बदौलत ही आज मैं ज़िंदा हूँ, वरना अब तक तो मैंने खुदकुशी कर ली होती।”—भज. 119:92.

3. हमें दूसरों को बाइबल का संदेश सुनाने से क्यों पीछे नहीं हटना चाहिए?

3 आजकल की ज़्यादातर किताबों से अलग, बाइबल ‘हर एक जाति, कुल, लोग और भाषा’ के लोगों को आकर्षित करती है। (प्रका. 7:9) परमेश्‍वर की इच्छा है कि “सब मनुष्यों का उद्धार हो; और वे सत्य को भली भांति पहचान लें।” (1 तीमु. 2:4) इसलिए हमें यह कभी नहीं सोचना चाहिए कि एक इंसान सिर्फ इसलिए सुसमाचार नहीं सुनेगा क्योंकि उसकी परवरिश अलग ढंग से हुई है। इसके बजाय सभी को राज्य का संदेश सुनाइए, और जब भी मुमकिन हो सीधे बाइबल खोलकर बताइए।

4. हम गवाही देते वक्‍त बाइबल का इस्तेमाल कैसे कर सकते हैं?

4 वचनों पर ज़ोर दीजिए: सेवा करते वक्‍त बाइबल इस्तेमाल करने के कई अवसर मिलते हैं। जब आप पत्रिकाएँ पेश करते हैं, तो कोशिश कीजिए कि सुझावों में दिए गए वचन को ज़रूर पढ़ें। महीने की साहित्य पेशकश करते वक्‍त, कुछ लोगों ने पाया है कि ध्यान से चुने गए किसी वचन को बातचीत की शुरूआत में पढ़ना काफी असरदार होता है। वापसी भेंट करते समय, हर बार एक या एक से ज़्यादा बाइबल के वचनों को पढ़िए जिससे घर-मालिक को सही-सही ज्ञान में बढ़ते रहने की मदद मिले। बाइबल अध्ययन करते वक्‍त, खास वचनों पर ध्यान दिलाइए। जब आप घर-घर की सेवा नहीं कर रहे होते हैं, तब भी बाइबल साथ रखिए जिससे अगर आपको दूसरे तरीके से गवाही देने का मौका मिले तो आप उसे इस्तेमाल कर सकें।—2 तीमु. 2:15.

5. हमें अपनी सेवा में बाइबल का इस्तेमाल करने की कोशिश क्यों करनी चाहिए?

5 परमेश्‍वर के वचन की सच्चाई में इतनी ताकत है कि वह दूसरों पर गहरा असर कर सकती है। आइए हमें अपनी सेवा में जब भी मौका मिले, हम बाइबल का इस्तेमाल करके दूसरों को फायदा पहुँचाएँ।—1 थिस्स. 2:13.

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