“आओ हम मिलकर उसके नाम की स्तुति करें!”
1. भाई-बहनों के साथ मिलकर परमेश्वर के नाम की बड़ाई करने का हमें कौन-सा मौका मिलेगा, और अभी से हम क्या तैयारियाँ कर सकते हैं?
भजनहार ने अपने गीत में कहा: “मेरे साथ यहोवा की बड़ाई करो, और आओ हम मिलकर उसके नाम की स्तुति करें!” (भज. 34:3) इस साल, “परमेश्वर के साथ-साथ चलो” ज़िला अधिवेशन में हमें कई कलीसियाओं से आए भाई-बहनों के संग मिलकर यहोवा के नाम की स्तुति करने का मौका मिलेगा। क्या आपने अपने ठहरने, सफर करने और काम से छुट्टी लेने का इंतज़ाम कर लिया है? ये सारी तैयारियाँ काफी पहले से कर लेना अच्छा होगा।—नीति. 21:5.
2. अधिवेशन की जगह पर काफी पहले से पहुँचने की तैयारी करना क्यों अच्छा रहेगा?
2 अधिवेशन की जगह पहुँचना: अधिवेशन में हाज़िर होने के लिए हमें कई बातों का ध्यान रखना है। एक तो यह है कि जल्दी निकलना ठीक रहेगा क्योंकि अगर रास्ते में अचानक कोई मुश्किल आ जाए तो भी हम वक्त पर पहुँच सकेंगे। फिर हम सीट ढूँढ़ पाएँगे और शुरूआती गीत और प्रार्थना में तन-मन से शामिल हो सकेंगे। (भज. 69:30) जो लोग दुलियाजन, पोर्ट-ब्लेयर, नई दिल्ली और सिकंदराबाद के अधिवेशन में जाएँगे, उनसे गुज़ारिश है कि वे अपनी-अपनी भाषा का गीत ब्रोशर (sb-29) साथ लेकर जाएँ, ताकि वे पूरे दिल से गीत गा सकें। इन अधिवेशनों के लिए सारे गीत इसी ब्रोशर से लिए गए हैं। सेशन शुरू होने से कुछ मिनट पहले, चेयरमैन आकर स्टेज पर बैठेगा और राज्य संगीत बजना शुरू होगा। तब हमें भी अपनी-अपनी सीट पर बैठ जाना चाहिए जिससे कि शुरूआत से ही कार्यक्रम की गरिमा बनी रहे। (1 कुरि. 14:33, 40) दुलियाजन और आईज़ोल में हर दिन कार्यक्रम सुबह 8:30 बजे शुरू होगा, ताकि अँधेरा होने से पहले भाई-बहन अपनी-अपनी ठहरने की जगह लौट सकें।
3. इस साल बड़े-बड़े अधिवेशनों का इंतज़ाम क्यों किया गया है?
3 इस साल भारत में पहले से कम अधिवेशन रखे गए हैं। ऐसा इसलिए किया गया है ताकि हर अधिवेशन में भारी तादाद में लोग इकट्ठे हों। इस वजह से कुछ लोगों को लंबा सफर तय करना होगा और काफी खर्च भी उठाना पड़ेगा। मगर ऐसे बड़े-बड़े अधिवेशनों का फायदा यह है कि हम ज़्यादा-से-ज़्यादा भाई-बहनों से मिल सकेंगे और बेहतरीन कार्यक्रम का आनंद उठा सकेंगे। साथ ही, बड़े अधिवेशनों से बाहरवालों को अच्छी गवाही मिलेगी। इसलिए यहोवा की आशीषों के लिए प्रार्थना कीजिए, तीनों दिन हाज़िर रहने का अटल फैसला कीजिए और उसके लिए अभी से पैसे और छुट्टी बचाइए।
4. सीट रखने के मामले में हम दूसरों का लिहाज़ कैसे कर सकते हैं?
4 परमेश्वर का वचन हमें सलाह देता है कि हम ‘जो कुछ करें, वह प्रेम से करें।’ (1 कुरि. 16:14) इसलिए जब सवेरे 8 बजे हॉल के दरवाज़े खोले जाएँगे, तब हम दूसरों का लिहाज़ करेंगे। हम उनसे पहले अपनी पसंद की सीटें पाने के लिए भाग-दौड़ और धक्का-मुक्की नहीं करेंगे। आप सिर्फ अपने बाइबल विद्यार्थियों के लिए और उनके लिए सीट रख सकते हैं, जो आपके साथ एक ही घर में रहते हैं।—1 कुरि. 13:5; फिलि. 2:4.
5. दोपहर के खाने के लिए आपको क्या इंतज़ाम करने हैं, और ऐसा करना क्यों फायदेमंद होगा?
5 दोपहर के खाने के लिए अधिवेशन की जगह छोड़कर कहीं और जाने के बजाय, कृपया अपने साथ हलका-फुलका भोजन लाइए। तब आप ब्रेक के वक्त अच्छी संगति का आनंद उठा सकेंगे और दोपहर के सेशन में शुरूआत से ही हाज़िर हो सकेंगे। अगर परिवार के सदस्य और दूसरे लोग बहनों से उम्मीद करें कि वे अधिवेशन के लिए तरह-तरह के पकवान बनाएँ तो, वे उनके लिए प्यार नहीं दिखा रहे होंगे। क्योंकि बहनें खाना बनाते-बनाते इतनी थक जाएँगी कि अधिवेशन में आने के बाद कार्यक्रम पर ठीक से ध्यान नहीं दे पाएँगी। अधिवेशन की जगह पर शराब लाना सख्त मना है।
6. हम अधिवेशन में बतायी जानेवाली बातों के लिए अपने मन को कैसे तैयार कर सकते हैं?
6 हमारे लिए एक आध्यात्मिक दावत तैयार है: राजा यहोशापात ने “अपने मन को सच्चे परमेश्वर की खोज करने के लिए तैयार किया” था। (2 इति. 19:3, NW) अधिवेशन से पहले हम अपने मन को कैसे तैयार कर सकते हैं? इस साल की अक्टूबर-दिसंबर की सजग होइए! के आखिरी पेज पर दिए लेख में एक झलक दी गयी है कि इस आध्यात्मिक दावत में क्या-क्या पेश किया जाएगा। क्यों न आप समय निकालकर उस पर ध्यान दें और इस तरह यहोवा की तैयार की गयी इस आध्यात्मिक दावत के लिए अपनी भूख बढ़ाएँ? अपने मन को तैयार करने के लिए, यहोवा से यह प्रार्थना करना भी ज़रूरी है कि वह हमें अधिवेशन में बतायी जानेवाली बातों को समझने और उन्हें लागू करने में मदद दे।—भज. 25:4, 5.
7. हमारी तमन्ना क्या है, और क्यों?
7 हम सभी परमेश्वर के वचन के बारे में ज़्यादा-से-ज़्यादा सीखने की तमन्ना रखते हैं, क्योंकि हम जानते हैं कि इसी के ज़रिए हम उद्धार पाने के लिए आगे बढ़ सकते हैं। (1 पत. 2:2) इसलिए, आइए हम सभी “परमेश्वर के साथ-साथ चलो” ज़िला अधिवेशन में हाज़िर रहें और ‘मिलकर यहोवा के नाम की स्तुति करें!’—भज. 34:3.
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परमेश्वर के नाम की स्तुति करने के तरीके
▪ पहले से अच्छी तैयारी कीजिए
▪ दूसरों के लिए प्यार दिखाइए
▪ अपने मन को तैयार कीजिए